Breaking News

शरद पवार का भतीजा अजितदादा CM पद के लिए राजी

शरद पवार का भतीजा अजितदादा CM पद के लिए राजी

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

मुंबई। पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री शरदचंद्र पवार के आशीर्वाद से उनका भतीजा DCMअजीत दादा पवार मुख्यमंत्री पद के लिए राजी हो गए हैं। 2004 के विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए अजीत दादा ने कहा है कि एनसीपी ने कांग्रेस के लिए दावा छोड़ा था।उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों पर कहा कि अदालत में उनके खिलाफ कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। और वे महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री बनना चाहते हैं।उन्हे भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का आशीर्वाद प्राप्त है? बताते हैं कि महाराष्ट्र राज्य मे मराठा ओबीसी समाज और पिछडा आदिवासी दलित समुदाय भी अजीत पवार को मुख्य मंत्री बनाने के पक्षधर में दिखाई दे रहा है

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार को इस बात पर खुलकर बात की कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन वे उपमुख्यमंत्री पद से आगे नहीं बढ़ पाए। पिछले साल एनसीपी में फूट डालने वाले और महायुति सरकार में शामिल होने वाले अजित पवार रिकॉर्ड पांच बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। इंडिया टुडे के मुंबई कॉन्क्लेव में बोलते हुए अजित पवार ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं, लेकिन मैं आगे नहीं बढ़ पा रहा हूं। मुझे मौका नहीं मिल रहा है। अजित पवार को उनके समर्थक प्यार से ‘अजित दादा’ भी कहते है। अजीतदादा पवार ने बताया कि महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन उन्हें भावी मुख्य मंत्री के रुप में देखना चाहती है!

कार्यक्रम में बोलते हुए एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि 2004 के महाराष्ट्र चुनाव के बाद एनसीपी के पास मुख्यमंत्री पद पर कब्जा करने का मौका था, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने कांग्रेस के लिए अपना दावा छोड़ दिया। 2004 के विधानसभा चुनावों में शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी 71 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस 69 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। तब कांग्रेस के विलासराव देशमुख

सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर

महायुति गठबंधन के हिस्से के रूप में महाराष्ट्र चुनाव लड़ने पर जोर देते हुए अजित पवार ने कहा कि सीट-बंटवारे का फॉर्मूला 2019 के चुनावों में प्रत्येक पार्टी की ओर से जीती गई सीटों पर आधारित होगा। पवार ने कहा कि बीजेपी 2019 में जीती गई सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह एनसीपी और शिवसेना के लिए भी समान है। इस तरह 200 सीटों पर सीट-बंटवारे का फॉर्मूला साफ है। बाकी 88 सीटें सहयोगियों के बीच बांटी जाएंगी।

2019 में क्या था जनादेश

अविभाजित एनसीपी ने 2019 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ा था। बीजेपी अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन में थी। बीजेपी ने 164 सीटों पर चुनाव लड़कर 105 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना ने 126 सीटों में से 56 सीटें जीतीं। अविभाजित एनसीपी 54 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं।

जब उनसे पूछा गया कि आरएसएस की एक पत्रिका ने एनसीपी और उसके भ्रष्टाचार से संबंधों को लोकसभा चुनावों में गठबंधन की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है, तो अजित पवार ने कहा कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कोई भी आरोप अदालत में साबित नहीं हुए। न्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस से बात की। उनके अलावा मुझे इस बात की परवाह नहीं है कि कोई क्या कहता है।

विधानसभा चुनाव जीतने की दिशा में काम करूंगाअजित पवार ने कहा कि मैं महायुति गठबंधन के साथ रहूंगा और विधानसभा चुनाव जीतने की दिशा में काम करूंगा। दरअसल एनसीपी के अजित पवार के गुट ने जिन चार सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से सिर्फ एक पर जीत हासिल की, क्योंकि महायुति गठबंधन प्रभावशाली प्रदर्शन करने में विफल रहा

About विश्व भारत

Check Also

चंद्रशेखर बावनकुळे कामठी-मौदातून लढणार : ‘विश्व भारत’ची बातमी ठरली खरी

महाराष्ट्र विधानसभा निवडणुकीची घोषणा होताच कोण कोठून लढणार याचे आराखडे बांधणे सुरू केले आहेत. अशातच …

माजी आमदार मल्लिकार्जुन रेड्डीची भाजपमधून का झाली हकालपट्टी?आशिष जैस्वालला विरोध

जाहीरपणे कोणी महायुतीच्या विरोधात पक्षाच्या पदाधिकारी व कार्यकर्त्याकडून वक्तव्य किंवा बंड पुकारले जात असेल अशा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *