भू-माफिया सुनील विशाल की इमलीखेड़ा में अवैध कारनामो का पर्दाफाश
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
छिंदवाड़ा।शहनाई लॉन के पीछे दो अवैध कालोनियां बेचने के बाद अब इमलीखेड़ा में तीन कालोनियां सजा कर बेच रहे हैं छिंदवाड़ा शहर सहित पूरे जिले में इस समय भू माफियाओं का बोलबाला है। हर भूमि माफिया ने अपना कोई ना कोई आका बना लिया है जिसके सहारे खुलेआम जमीनों की खरीद फरोख्त और अवैध कॉलोनी का जाल छिंदवाड़ा और आसपास के क्षेत्र में फैल रहा है। ऐसे ही एक पिता पुत्र चंदनगांव में रहते हैं जिन्होंने पहले तो शहनाई लॉन के पीछे दो अवैध कालोनियां काट दी और उसके बाद अब कांग्रेस से भाजपा में आकर जमीनों का खेल कर रहे हैं। अब इन पिता पुत्र भू माफिया की कालोनियां इमलीखेड़ा घाना में कट रही है। इन भू माफिया पिता पुत्र को नेताओं का भरपूर संरक्षण मिल रहा है। चंदन गांव में रहने वाले दोनों बाप बेटों ने पहले तो शहनाई लॉन के पीछे दो अवैध कालोनियां काट कर बेच दी उसके बाद इनके हौसले इतने बुलंद हुए कि अब यह इमली खेड़ा के पास घाना में तीन अलग-अलग कालोनियां काट रहे हैं। जिसकी खबर नगर निगम और राजस्व विभाग को भी है । लेकिन इन भू माफिया बाप बेटे को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। जिसके चलते इन पर किसी तरह की कार्रवाई प्रशासन नहीं कर रहा। बताया तो यहां तक जा रहा है कि दोनों बाप बेटे ने चंदन गांव और चंदन गांव के आसपास कई जगह जमीन ले रखी है । जिन पर अब अवैध कॉलोनी या काटकर प्लाटिंग करने की योजना पर काम हो रहा है इसके पहले इमली खेड़ा ढाना की जमीन पूरी तरह से बचने का प्लान है
चंदनगांव के भूमिया बाप बेटे ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली है। पहले तो कांग्रेस में रहते हुए ही उन्होंने शहनाई लॉन के पीछे कॉलोनी बेच दी लेकिन अब पूरे क्षेत्र में अवैध कॉलोनी का जाल फैलाने के लिए दोनों बाप बेटे ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। इनके साथ क्षेत्र के और भी भूमिया जुड़े हुए हैं जो चंदनगांव और आसपास के पूरे क्षेत्र में जमीनों पर अवैध कॉलोनी बनाकर मोटा मुनाफा कमाने के लिए तैयार बैठे हैं।
बड़ी बात यह है कि कांग्रेस से भाजपा में आते ही इन दोनों बाप बेटे को राजनीतिक संरक्षण भी मिलने लगा जिसके चलते नगर निगम और राजस्व विभाग उनकी कालोनी की तरफ देख तक नहीं रहा है। इमलीखेड़ा घाना में खुलेआम अवैध कॉलोनी डेवलप हो रही है
पटवारियों की तगड़ी सेटिंग, कर रहे मोटी कमाई शहर में तेजी से फैल रहा है अवैध कॉलोनीयों के जाल से पहले इन कॉलोनी की रजिस्ट्री और सीमांकन का काम राजस्व विभाग करता है। रजिस्ट्री होने के बाद सीमांकन के लिए आवेदन लगाया जाता है और तहसीलदार के आदेश पर आरई और पटवारी इन कॉलोनी के लिए ली गई जमीन का सीमांकन करते हैं। बड़ी बात यह है कि हर अवैध कॉलोनी की जानकारी क्षेत्र के पटवारी को होती है । लेकिन पटवारी इन अवैध कालोनाइजर और भूमाफिया से मोटी कमाई करते हैं। और इस बात को छुपा लेते हैं कि उनके क्षेत्र में कहीं अवैध कॉलोनी कट रही है। कभी कभार आला अधिकारियों को जानकारी मिल भी जाए तो पटवारी भू माफिया से मिलकर साहब की सेटिंग भी करवा देता है। जिसके चलते अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
छिंदवाड़ा के आसपास रिंग रोड सहित 300 से ज्यादा अवैध कालोनियां अस्तित्व में है। और हर कॉलोनी की जानकारी क्षेत्र के पटवारी को है लेकिन फिर भी पटवारी अपनी आंख बंद कर बैठा हुआ है।भू माफिया को संरक्षण, किसानों पर एफआईआर नगरनिगम ने 2022 के बाद की 43 कॉलोनीयों को चिन्हित कर उन्हें अवैध कॉलोनी घोषित किया है। लेकिन 2022 के बाद छिंदवाड़ा शहर के आसपास 200 से ज्यादा अवैध कॉलोनी का निर्माण हो चुका है । इन कॉलोनी में प्लाट बेचे जा चुके और कई मकान भी बन चुके हैं। लेकिन अब तक नगर निगम 43 कॉलोनी पर अटका हुआ है। उनमें से भी अब तक केवल 16 से 17 कॉलोनी के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज की गई है। बड़ी बात यह है कि ज्यादातर मामलों में जिन किसानों ने जमीन बेच दी थी उन्हीं किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह खेल किया है भू माफिया ने दरअसल भूमाफिया ने किसानों से जमीन तो खरीद ली लेकिन उसकी रजिस्ट्री नहीं कराई और कॉलोनी बनाकर किसानों से ही अलग-अलग लोगों को प्लांट की रजिस्ट्री कराई। जिसके कारण किसान भी आरोपी बन गया। जबकि किसान ने पहले ही जमीन भू माफिया को बेच दी थी। ऐसे कई मामले हैं। 43 अवैध कॉलोनी में ही अब तक 11 किसानों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ है। जिनका कॉलोनी से कोई लेना देना ही नहीं है। उन्हें तो भूमाफिया ने बेवकूफ बनाकर आरोपी बना दिया है । अब ऐसी 300 से ज्यादा और कॉलोनी है जिन्हें अवैध घोषित करना बाकी है। लेकिन नगर निगम के इंजीनियर पूरे क्षेत्र में घूम-घूम कर इन कॉलोनाइजरों से सौदेबाजी करने में लगे हुए।