कामठी-मौदा में BJP और कांग्रेस को 50%-50% मतदान
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नागपुर। आज 20 नबंवर को शाम 6 बजे सपन्न चुनाव में कामठी- मौदा विधान सभा का ताजा ओपिनियन सर्वे के अनुसार कोराडी-महादुला सर्कल और मौदा तहसील मे महायुति BJP उम्मीदवार के कमल चिन्ह को बढ़त मिलने तथा कामठी शहर और उसके इर्द-गिर्द ग्रामीण क्षेत्रों में मविआ कांग्रेस उम्मीदवार का पंजा चिन्ह को बढ़त मिलने की खबर है। कामठी – मौदा विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक उम्मीदवारों के चुनावी बूथ पेंडालों मे मतदाताओं की चहल-पहल के मुताबिक कामठी तहसील में कुनबी समाज,मुस्लिम समुदाय और SC,ST वाहुल्य गांवों में 60 से 70 % पंजा को और को भाजपा के कमल के खाते में 35 से 40% वोट मिलने की खबर है। व्याप्त खबर के मुताबिक इस विधान सभा क्षेत्र में 70% लोधी समाज का वोटिंग कांग्रेस को गया और 30% लोधी समाज का वोट भाजपा के खाते में जाने की खबर है। बताते हैं कि भाजपा के कर्मठ पूर्व सरपंच विट्ठल निमोने का 22 अक्टूबर की शाम अज्ञात सुपारी किल्लर गैंग द्धारा हाथ पांव तोड़कर जख्मी करने और इलाज के दौरान उनकी मृत्यु से लोधी समाज स्थानीय MLC भाजपा विधायक से बेहद नाराज दिखाई दे रहा था?
हालकि भाजपा के कमल चिन्ह को चुनकर लाने में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जी तोड़कर मेंहनत की है तो वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी पंजा को जिताने मे कोई कसर नहीं छोडी हैं। उसी प्रकार कामठी विधान सभा क्षेत्र के नरसाडा, खरबी, हुडकेश्वर और बहादुरा मे भाजपा उम्मीदवार को बढत मिलने की उम्मीद है।
इस चुनाव मे भाजपा के MLC उम्मीदवार के जीवनी के सबंध में कांग्रेस ने घनघोर प्रचार-प्रसार के दौरान कहा है कि BJP उम्मीदवार आलरेडी विधान परिषद MLC विधायक बरकरार है! उन्हे चुनाव लडनें की क्या आवश्यकता पडी है! इस खबर को तमाम मतदाता जनता-जनार्दन ने सत्य मानते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यकीनन सराहना और प्रसंशा करते देखा और सुना गया है और कांग्रेस उम्मीदवार को धन्यवाद देते हुए लोग नजर आते देखा गया है।
वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व ऊर्जावान उर्जामंत्री और पूर्व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे के प्रयास से किए गए करोडों के विकास कार्यों की खबर घर घर द्वार द्वार तक पहुचाने का कार्य जो किया है! परंतु यहां कामठी विधान सभा मे इस बार कांग्रेस ने सत्ता परिवर्तन के लिए जोर देकर जनता-जनार्दन से आग्रह किया है। सभी राजनीतिक दलों की ओर से अपने अपने दलीय उम्मीदवारों को जिताने के लिए रैलियां और पदयात्राएं निकाली गई थी। यहां की मजदूर वस्तियों में वोट डालने को लेकर बडा ही उत्साह देखा गया है।