Breaking News

विवाहित पती और पत्नि एक दूसरे के बिना रह सकते है या नहीं?

विवाहित पती और पत्नि एक दूसरे के बिना रह सकते है या नहीं?

टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

जी हां यह सच नहीं है कि विवाहित धर्म पत्नी अपने पति के बिना नहीं रह सकते है. कानूनी या शारीरिक रूप से ऐसी कोई सीमा नहीं है, और आधुनिक समाज में विद्धान और भगवत उपासक महिलाएँ पति के बिना भी अपना जीवन यापन कर सकती हैं।वसर्तें वह कसौटी मे खरी उतरती हों.इसके विपरीत, अगर पति-पत्नी का तलाक नहीं हुआ है और पत्नी किसी अन्य व्यक्ति के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहती है, तो यह कानून के विरुद्ध और दंडनीय अपराध माना जा सकता है। पत्नी का पति के बिना रहना असंभव है

शारीरिक और कानून की अपनी स्वतंत्रता है

एक विवाहित महिला के लिए पति से अलग रहने की अवधि या जीवन जीने की कोई कानूनी या शारीरिक सीमा नहीं है।

महिलाएं अपने जीवन के फैसले खुद ले सकती हैं और कई बार प्रेम, स्वाभिमान या अन्य कारणों से पति से दूर रहकर भी जीवन जी सकती हैं।दरअसल में तलाक लेने के बाद महिलाएं या पुरुष किसी भी समय तक एक दूसरे से अलग रह सकते हैं और जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। कानूनी और सामाजिक पहलू

लिव-इन रिलेशनशिप के नियमों पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.

भारत में, अगर कोई विवाहित महिला अपने पति को तलाक दिए बिना किसी अन्य व्यक्ति के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहती है, तो यह गैरकानूनी और व्यभिचार माना जाता है।

सामाजिक सोच में बदलाव की जरुरत है.

आज के समय में समाज की सोच में बदलाव आ रहा है और महिलाएं आत्मनिर्भर होकर अपना जीवन खुद जी सकती हैं। यह सब अपने अपने सामाजिक और व्यक्तिगत विचार है.

बिना शादी के साथ रहना या पति से अलग रहना सामाजिक रूप से हमेशा स्वीकार नहीं किया जाता है, लेकिन यह व्यक्ति की अपनी सोच और परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

जिस तरह साधु-संत बिना शादी के भी अपना जीवन अकेले और खुशी-खुशी बिताते हैं, उसी तरह आज के समय में भी लोग अकेले सन्यासी जीवन जी सकते हैं।

अकेले जीवन जीने के ऐसे अनेकानेक उदाहरण है.

कुछ लोग अपने जीवनसाथी की मृत्यु के बाद भी जीवन भर अपने गुजरे हुए साथी के प्रति वफादार रहते हुए उनकी यादों के सहारे जीवन बिताते हैं, जो उनके अकेले जीवन का एक रूप हो सकता है।

यह एक व्यक्तिगत प्रश्न है जिसका कोई एक सही उत्तर नहीं मिलता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि महिला की अपनी व्यक्तिगत भावनाएं है. के संबंध की स्थिति और जीवन की परिस्थितियां क्या हैं।

कुछ महिलाएं अपने पति के बिना कुछ दिनों से ज्यादा नहीं रह सकती हैं। वे उनके साथ शारीरिक और भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई महसूस करती हैं। अन्य महिलाएं अपने पति के बिना कई दिनों या यहां तक ​​कि हफ्तों तक रह सकती हैं। वे स्वतंत्र और आत्मनिर्भर महसूस करती हैं।

यहां कुछ कारक दिए गए हैं जो एक समझदार विवाहित महिला को अपने पति के बिना रहने का मन नहीं करता है.

कुछ महिलाएं अपने पति के बिना अकेलापन और अलगाव महसूस करती हैं।जबकि अन्य महिलाएं स्वतंत्र और आत्मनिर्भर महसूस करती हैं।

रिश्ते की स्थिति: यदि महिला अपने पति के साथ एक मजबूत और स्वस्थ संबंध में है, तो वह उसके बिना रहने में अधिक सक्षम हो सकती है। यदि संबंध तनावपूर्ण या असंतोषजनक है, तो महिला को अपने पति के बिना रहने में अधिक कठिनाई हो सकती है।

जीवन की परिस्थितियां: यदि महिला को अपने पति के बिना काम करने या अध्ययन करने की आवश्यकता है, तो वह उसके बिना रहने के लिए मजबूर हो सकती है। यदि वह अकेली यात्रा करने या दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने का अवसर पाती है, तो वह अपने पति के बिना रहने में अधिक सक्षम हो सकती है।

अंततः, यह प्रत्येक महिला पर निर्भर है कि वह अपने पति के बिना कितने दिन रह सकती है।जिन महिलाओं के पती विदेश मे रहते हैं अधिकांश एसी महिलाएं अपने विवाह पूर्व प्रेमी के आश्रित समय बिताने को मजबूर है.

 

सहर्ष सूचनार्थ नोट्स:-

 

उपरोक्त समाचार सामान्य ज्ञान के लिए प्रत्येक ग्रहस्थ जीवन मे सतर्कता समय सूचकता अनुशासन शिष्टाचार और कर्तयपारायणता का पालन करने के उद्देश्य से प्रस्तुत है. अधिक जानकारी के लिए महिलक विशेषज्ञों से परामर्श जरुरी है.

About विश्व भारत

Check Also

भारत कें महान विभूतियों को सम्मानित किया गया  

भारत कें महान विभूतियों को सम्मानित किया गया टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट   अहमदाबाद। गुजरात …

देश की भावी युवा पीढी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है RSS

देश की भावी युवा पीढी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है RSS टेकचंद्र शास्त्री: …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *