पौष्टिक तत्वों का खजाना है ये कलमी साग के सेवन से कब्ज, बवासीर, डायबिटीज जड से खत्म

पौष्टिक तत्वों का खजाना है ये कलमी साग के सेवन से कब्ज, बवासीर, डायबिटीज जड से खत्म

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

पौष्टिक तत्वों का खजाना है ये कलमी साग को अगर सप्ताह भर खा लिया तो जड़ से दूर करेगा कब्ज, बवासीर, डायबिटीज में भी है बेहद फायदेमंद

आपने कई तरह के साग खाए होंगे जैसे पालक, बथुआ, सरसों, चौलाई, मेथी आदि लेकिन क्या कभी कलमी शाक या वॉटर स्पिनेच खाया है? हरी पत्तेदार सब्जियों में कलमी शाक या साग बेहद ही पौष्टिक साग है, जो गर्मी, बरसाते के मौसम में भी आपको मिल जाएगा. कलमी साग को नारी, नाली, करेमू, करमी, नली भाजी, कॉन्गकॉन्ग भी कहते हैं. कलमी साग एक अर्ध-जलीय बारहमासी पौधा है, जो मुख्य रूप से जल निकायों, खाई आदि के आसपास नमी युक्त मिट्टी के आसपास तेजी से बढ़ता है. चलिए जानते हैं ढेरों औषधीय गुणों से भरपूर कलमी साग के फायदों के बारे में यहां.

 

न्यूट्रिशनिस्ट अदिती प्रभू ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट और वेबसाइट पर कलमी शाक के शानदार फायदों के बारे में जरूर बातें शेयर की हैं. अदिती के अनुसार, कलमी शाक एक कम कैलोरी वाली सब्जी है, जो विटामिन ए, बी, सी आदि एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होता है. इसकी पत्तियां हरे रंग की होती हैं और 1 से 5 इंच लंबी और 1-2 इंच चौड़ी होती हैं. शीर्ष नुकीला सा होता है. वॉटर स्पिनेच का स्वाद नटी होता है. शुरुआती मानसून और गर्मी में ये लोकल मार्केट में उपलब्ध होता है. फ्रेश ये साग खरीद कर आप 4-5 दिन फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं. हालांकि, इसे फ्रेश ही पका कर खा लेना फायदेमंद होता है.

 

न्यूट्रिशनिस्ट अदिती प्रभू ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट और वेबसाइट पर कलमी शाक के शानदार फायदों के बारे में जरूर बातें शेयर की हैं. अदिती के अनुसार, कलमी शाक एक कम कैलोरी वाली सब्जी है, जो विटामिन ए, बी, सी आदि एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होता है. इसकी पत्तियां हरे रंग की होती हैं और 1 से 5 इंच लंबी और 1-2 इंच चौड़ी होती हैं. शीर्ष नुकीला सा होता है. वॉटर स्पिनेच का स्वाद नटी होता है. शुरुआती मानसून और गर्मी में ये लोकल मार्केट में उपलब्ध होता है. फ्रेश ये साग खरीद कर आप 4-5 दिन फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं. हालांकि, इसे फ्रेश ही पका कर खा लेना फायदेमंद होता है.

 

इस साग में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है. 100 ग्राम साग में लगभग 20 कैलोरी होती है. इसमें कई तरह के माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे विटामिंस ए, बी, सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं.

 

इस साग में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है. 100 ग्राम साग में लगभग 20 कैलोरी होती है. इसमें कई तरह के माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे विटामिंस ए, बी, सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं.

 

कलमी साग का सेवन डायबिटीज में किया जा सकता है. इसमें मौजूद कुछ तत्व डायबिटीज मैनेज करते हैं. शुगल लेवल को कंट्रोल में रख सकते हैं. हालांकि, आपको डायबिटीज अधिक है तो आप कलमी शाक या वॉटर स्पिनेच के सेवन से पहले अपने डॉक्टर की राय जरूर ले लें.

 

कलमी साग का सेवन डायबिटीज में किया जा सकता है. इसमें मौजूद कुछ तत्व डायबिटीज मैनेज करते हैं. शुगल लेवल को कंट्रोल में रख सकते हैं. हालांकि, आपको डायबिटीज अधिक है तो आप कलमी शाक या वॉटर स्पिनेच के सेवन से पहले अपने डॉक्टर की राय जरूर ले लें.

 

चूंकि, इसमें फाइबर होता है, इसलिए ये पेट की सेहत को दुरुस्त रखता है. पाचन तंत्र सही रहता है. खासकर, कब्ज की समस्या से बचाव होता है. फाइबर युक्त फलों, सब्जियों, अनाजों के सेवन से स्टूल ढीला होता है और बाउल मूवमेंट सही बना रहता है.

 

चूंकि, इसमें फाइबर होता है, इसलिए ये पेट की सेहत को दुरुस्त रखता है. पाचन तंत्र सही रहता है. खासकर, कब्ज की समस्या से बचाव होता है. फाइबर युक्त फलों, सब्जियों, अनाजों के सेवन से स्टूल ढीला होता है और बाउल मूवमेंट सही बना रहता है.

 

कलमी शाक पाइल्स या बवासीर, लिवर मालफंक्शन, हेवी मेटल पॉइजनिंग के इलाज में भी खाना फायदेमंद होता है. साथ ही यह सुकून भरी नींद लाने में भी कारगर है, क्योंकि इसमें मन-मस्तिष्क को शांत करने वाले गुण भी मौजूद होते हैं. नली भाजी (Nali Bhaji) या कलमी साग को आप सलाद, दाल, सूप, स्टर फ्राई, सब्जी, नॉनवेज आदि में डालकर सेवन कर सकते हैं.

 

कलमी शाक पाइल्स या बवासीर, लिवर मालफंक्शन, हेवी मेटल पॉइजनिंग के इलाज में भी खाना फायदेमंद होता है. साथ ही यह सुकून भरी नींद लाने में भी कारगर है, क्योंकि इसमें मन-मस्तिष्क को शांत करने वाले गुण भी मौजूद होते हैं. नली भाजी या कलमी साग को आप सलाद, दाल, सूप, स्टर फ्राई, सब्जी, नॉनवेज आदि में डालकर सेवन कर सकते हैं.

 

 

इस साग में विटामिन सी होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है. विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करता है. ऐसे में कलमी शाक खाकर आप खुद को कई तरह के इंफेक्शन और बीमारियों से बचाए रख सकते हैं.

 

इस साग में विटामिन सी होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है. विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करता है. ऐसे में कलमी शाक खाकर आप खुद को कई तरह के इंफेक्शन और बीमारियों से बचाए रख सकते हैं.

 

कलमी साग के सेवन से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है, क्योंकि इसमें आयरन भी काफी होता है. यह शरीर, त्वचा और मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करता है. मैग्नीशियम होने के कारण यह रक्तचाप को नॉर्मल बनाए रखने में कारगर है.

 

कलमी साग के सेवन से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है, क्योंकि इसमें आयरन भी काफी होता है. यह शरीर, त्वचा और मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करता है. मैग्नीशियम होने के कारण यह रक्तचाप को नॉर्मल बनाए रखने में कारगर है

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