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ग्रहस्थ जीवन में अर्धांगिनी को सुखमय रखने के लिए पूरी ईमानदारी से हाथी की तरह करें काम

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ग्रहस्थ जीवन में अर्धांगिनी को सुखमय रखने के लिए पूरी ईमानदारी से हाथी की तरह करें काम

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टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

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आचार्य चाणक्य के नीति शास्‍त्र को मनुष्‍य जीवन के लिए कडी मेहनत बहुत उपयोगी माना जाता है. इसमें आचार्य चाणक्‍य ने मनुष्‍य जीवन के कई ऐसे मर्म बताए हैं, जिन्‍हें समझ कर कोई भी व्‍यक्ति आसानी से अपने जीवन को सुखमय और सफल बना सकता है.

 

नीतिशास्‍त्र में पुरुषों से जुड़े गुणों का जिक्र करते हुए आचार्य कहते हैं कि अगर किसी पुरुष में हाथी के 7 गुण आ जाए तो उससे उसकी अर्धांगिनी हमेशा संतुष्ट और सुखमय रहती है.

 

पुरुषों के लिए क्षमता बढ़ाने का प्राकृतिक तरीका है सुबह-शाम दण्ड बैठक और तेज रफ्तार से दौड़ने से पुरुष का स्टेमिना मजबूत हो रह सकता है।

 

चाणक्य कहते हैं कि अगर हाथी के 7 गुण एक पुरुष में हो तो उसकी स्त्री हमेशा संतुष्ट रहती है. ऐसे गुणों वाला पुरुष परिवार में खुशी को बनाये रहता है और सम्पन्न रहता है. तो आपको बता दें कि कौन-कौन से वो गुण हैं जो पुरुष को ये काबलियत देते हैं.

1. पूर्ण रुपेेण संतुष्ट

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि पुरुष को यथाशक्ति परिश्रम करना चाहिए और उससे जो धन या फल मिले, उससे संतुष्‍ट व खुश रहना चाहिए. जिस तरह से ऊंट जितना भोजन मिलता है, उतने में ही संतुष्ट हो जाता है. उसी तरह पुरुषों को मेहनत से अर्जित इस धन से ही परिवार का पालन पोषण करना चाहिए, जिन पुरुषों में यह गुण होता है, वे सफलता प्राप्‍त करते हैं.

 

2. सतर्क रहना

 

आचार्य के अनुसार, जिस तरह से हाथी गहरी नींद में होने के बाद भी सतर्क रहते हैं, वैसे ही पुरुष को भी हमेशा अपने परिवार-स्त्री और कर्तव्यों को लेकर सतर्क होना चाहिए. परिवार व खुद कर सुरक्षा के लिए शत्रुओं के सदा सावधान रहे. आप चाहे कितनी भी गहरी नींद में क्यों ना हो हल्‍की आहट पर ही जागने का गुण होना चाहिए.ऐसे गुण वाले पुरुष से उनकी पत्‍नी हमेशा खुश रहती है.

 

3. वफादारी

 

चाणक्‍य कहते है कि जिस तरह कोई हाथी की वफादारी पर शक नहीं कर सकता है, उसी तरह पुरुष को अपनी पत्‍नी व कार्य के प्रति हमेशा वफादार होना चाहिए. जो पुरुष अनजान महिलाओं को देखकर भी लालायित हो जाता है, इसलिये उसके घर में कलह बनी रहती है. ऐसे पुरुष से स्त्री कभी खुश नहीं रहती है, क्‍योंकि पत्‍नी अपने पति की वफादारी से ही आनंदित रहती है.

 

4. वीरता

 

आचार्य कहते हैं हाथी निडर और वीर प्राणी होता है, जिस तरह से यह अपने मालिक की रक्षा के लिए अपनी जान तक गंवा सकता है. ठीक उसी तरह पुरुषों को भी वीरवार पुरुष होना चाहिए, जरुरत पड़ने पर अपनी पत्‍नी और परिवार के लिए अपनी जान दाव पर लगाने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए.

 

5. संतुष्ट रखना

 

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, पुरुष का पहला दायित्‍व है अपनी पत्‍नी को हर तरह से संतुष्ट रखना, जो पुरुष शारीरिक और मानसिक रूप से अपनी पत्‍नी को संतुष्‍ट रखते हैं, उनकी पत्‍नी हमेशा खुश रहती है. ऐसा करने वाला पुरुष हमेशा अपनी पत्‍नी का प्रिय बना रहता है.

 

6• भरपेट शुद्ध शाकाहार

 

6• पुरुष ने भरपेट ताजा और गर्म शाकाहारी भोजन, हरी हरी सब्जियां और फल फ्रॉड का सेवन करना चाहिए तथा भोजन के 1 घन्टे बाद ताजा कुनकुना स्वच्छ पानी पीना चाहिए। इससे वीर्य मे वृद्धी और स्तंभ शक्ति प्राप्त हो सकती है।

 

7• पर स्त्री गमन का त्पाग

 

7• ग्रहस्थ जीवन मे मनुष्‍य ने पराई स्त्री के तरफ कुत्सित भावना अर्थात पर स्त्री गमन का पूर्णरूपेण त्याग करना चाहिए ताकि निकट भविष्य में संभावित शारीरिक कमजोरी और लैंगिक लकबा ( पेनिस पिरालेसेस) की बीमारी से निजात पाया जा सके।

 

सहर्ष सूचनार्थ नोट्स:-

उपरोक्त जानकारी मुहैया कराने के लिए चाणक्य नीति शास्‍त्र , आयुर्विज्ञान विशेषज्ञों और धर्म शास्त्रों से संकलित करके सामान्य ज्ञान के लिए प्रस्तुत है।

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