कमलिनी जड़ की सब्जी का मटन से अच्छा लजीज स्वाद : चखकर मनपसंद लडका रिश्ता पक्का करेगा!

कमलिनी जड़ की सब्जी का मटन से अच्छा लजीज स्वाद : चखकर मनपसंद लडका रिश्ता पक्का करेगा!

 

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

रांंची । इन दिनों झारखंड में सड़क किनारे तालाब एवं जलाशय केभीतर मे लगे कम्पनी के पेड़ों की जड़ ने धूम मचा रखी है.बताते हैं कि किसी के घर में लडका य लडकी का रिस्ता देखने मेहमान आते जाते हैं! उन मेहमानों ने इस कम्पनी की जड की सब्जी खिला दिया तो मेंहमान विश्वसनीयता के साथ गांठबांधकर रिस्ता पक्का करके ही वापस जाएंगे?

 

इस जड़ की सब्जी शाकाहारियों के लिए मटन से कम नहीं है. यह जड़ बड़े-बड़े जलाशयों में मिलती है, जिसे तोड़ने में सांप-बिच्छू का खतरा रहता है. ये जड़ स्वादिष्ट होने के साथ-साथ गर्मी में सस्ती भी बिकती है. जानें कौन…

 

झारखंड प्राकृतिक रूप से समृद्ध प्रदेश है. यहां के जंगलों में एक से बढ़कर उपज होती है, जो अन्य जगहों पर जल्दी देखने को नहीं मिलती. कुछ ऐसे पौधे भी हैं, जिन्हें आदिवासी व्यंजन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. आदिवासियों की रेसिपी को अब अन्य लोग भी बनाने लगे हैं. ऐसी ही एक सब्जी है, जिसे शाकाहारियों का मटन कहें तो गलत नहीं होगा.

 

झारखंड प्राकृतिक रूप से समृद्ध प्रदेश है. यहां के जंगलों में एक से बढ़कर उपज होती है, जो अन्य जगहों पर जल्दी देखने को नहीं मिलती. कुछ ऐसे पौधे भी हैं, जिन्हें आदिवासी व्यंजन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. आदिवासियों की रेसिपी को अब अन्य लोग भी बनाने लगे हैं. ऐसी ही एक सब्जी है, जिसे शाकाहारियों का मटन कहें तो गलत नहीं होगा.

 

बोकारो के चास के पुराना बाजार में स्थित हरि मंदिर के सामने कुछ महिलाएं टोकरी में कमल ककड़ी की बिक्री करती हैं. कमल ककड़ी खासतौर बड़े जलाशय जैसे तालाब और नदियों में पाई जाती है. यह कमल के फूल कि जड़ होती है, जिसे छीलकर और काटकर सब्जी, पकौड़ी आदि व्यंजन के रूप में पकाया जाता है.

 

बोकारो के चास के पुराना बाजार में स्थित हरि मंदिर के सामने कुछ महिलाएं टोकरी में कमल ककड़ी की बिक्री करती हैं. कमल ककड़ी खासतौर बड़े जलाशय जैसे तालाब और नदियों में पाई जाती है. यह कमल के फूल कि जड़ होती है, जिसे छीलकर और काटकर सब्जी, पकौड़ी आदि व्यंजन के रूप में पकाया जाता है.

रोजाना 10 किलो कमल ककड़ी की बिक्री हो जाती है. गर्मी के दिनों में इसकी बिक्री अच्छी होती है और ग्राहक इसे पसंद भी करते हैं. विक्रेता चारूबाला देवी ने बताया कि कमल ककड़ी तोड़कर लाने में काफी मेहनत करनी पड़ती है और तोड़ने के दौरान सांप, जोंक और अन्य जलीय जीव-जंतु का खतरा बना रहता है.

 

रोजाना सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक कमल ककड़ी बेचती हैं, बाकी दिनों में सब्जी बिक्री और खेती से जुड़े काम करती हैं. ग्राहक कुलदीप ने बताया कि कमल ककड़ी से कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनते हैं. जैसे सब्जी, पकौड़ी, भुजिया इत्यादि. इसे चावल और रोटी के साथ खाया जाता है. साथ ही इससे कई लाभकारी गुण जैसे कैल्शियम, पोटेशियम, और विटामिन ए भी पाए जाते हैं जो पाचन को सुधारते हैं.

 

रोजाना सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक कमल ककड़ी बेचती हैं, बाकी दिनों में सब्जी बिक्री और खेती से जुड़े काम करती हैं. ग्राहक कुलदीप ने बताया कि कमल ककड़ी से कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनते हैं. जैसे सब्जी, पकौड़ी, भुजिया इत्यादि. इसे चावल और रोटी के साथ खाया जाता है. साथ ही इससे कई लाभकारी गुण जैसे कैल्शियम, पोटेशियम, और विटामिन ए भी पाए जाते हैं जो पाचन को सुधारते हैं.

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