Breaking News

बिजली उत्पादन के लिए कोल मिल चक्की की प्रक्रिया का महत्व 

बिजली उत्पादन के लिए कोल मिल चक्की की प्रक्रिया का महत्व

टेकचंद्र शास्त्री, 9822550220

 

नई दिल्ली।देश और दुनियाभर के समस्त तापीय बिजली परियोजनाओं मे अधिकतम बिजली उत्पादन के लिए कोलमिल कोयला चक्की की प्रक्रिया का बडा ही महत्वपूर्ण योगदान रहता हैं. तकनीशियनों के अनुसार ताप विद्युत केंद्रों मे अधिकतम बिजली उत्पादन के लिए कोलमिल जिसे कोयला चक्की कहते हैं की बडा योगदान है

इस कोयला चक्की या पल्वराइज़र मे कोयला को महीन पावडर बनाकर थर्मल पावर प्लांट और अन्य उद्योगों में एक महत्वपूर्ण मशीन है। इसका मुख्य योगदान कच्चे कोयले को पीसकर महीन पाउडर में बदलना है, जिससे ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया अधिक कुशल और प्रभावी होती है। कोल मिल चक्की में कोयले को बारीक पीसने से उसका सतही क्षेत्रफल बढ़ जाता है। इससे यह हवा के साथ बेहतर ढंग से मिलता है, जिसके परिणामस्वरूप बॉयलर में कोयले का पूर्ण और कुशल दहन होता है। यदि कोयले को पीसा न जाए तो वह पूरी तरह से नहीं जलेगा, जिससे ईंधन की बर्बादी होगी।

बॉयलर की दक्षता में वृद्धि के संबंध मे बताते हैं कि कोल पाउडर के कुशल दहन के कारण, बॉयलर की दक्षता बढ़ती है, जिससे कम ईंधन में अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है। इससे ईंधन की लागत में कमी आती है। कोलमिल पिसे हुए कोयले की नियंत्रित आपूर्ति सुनिश्चित करती है, जिससे पावर प्लांट बॉयलर के लोड में बदलाव (ऊर्जा की मांग में उतार-चढ़ाव) के प्रति तेजी से प्रतिक्रिया कर पाता है।

कोल मिल मे कोयला के बेहतर दहन से फ्लाई ऐश और बॉटम ऐश में बिना जला हुआ कार्बन कम होता है। यह पर्यावरण के लिए बेहतर है और अपशिष्ट की मात्रा भी कम करता है। मिल में गर्म हवा का उपयोग करके, यह कोयले में मौजूद नमी को भी सुखाती है, जिससे दहन प्रक्रिया में सुधार होता है। तकनीशियनो के अनुसार सीमेंट उद्योग जैसे अन्य क्षेत्रों में, कोलमिल क्लिंकर उत्पादन के लिए कोयला पाउडर की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करती है, जो उत्पादन प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

संक्षेप में, कोलमिल कोयला-आधारित ऊर्जा उत्पादन और औद्योगिक प्रक्रियाओं में एक अपरिहार्य कड़ी है, जो कोयले को उसके सबसे उपयोगी रूप में परिवर्तित कर ऊर्जा उत्पादन को कुशल और किफायती बनाती है।दरअसल मे कोलमिल मे कोयला को महीन पाउडर बनाने की प्रक्रिया की वजह से ही बाष्पक संयंत्र ट्यूबस्स मे अधिकतम तापमान बढने से निरंतर बिजली उत्पादन की प्रक्रिया पूर्ण होती हैं.

यह सबकुछ दक्षिण भारतीय कंपनी मेसर्स: चाण्डी एण्ड कंपनी, मेसर्स: प्रिंस थर्मल पावर इंटरप्राइजेज,मेसर्स: प्रिंस ग्रुप ऑफ कंपनीज और मेसर्स: प्रिया टेक इत्यादि कंपनियों के अथक परिश्रम और प्रयास की वजह से यानी कोयला मे से जानलेवा पत्थरों की छंटाई की वजह से ही संभव हो सका है.

About विश्व भारत

Check Also

The Contribution of Steamer Containment Boilers to Power Generation

The Contribution of Steamer Containment Boilers to Power Generation Tekchandra Shastri: Co-Editor, Report 9822550220   …

पावर प्लांट: बिजली उत्पादन में वाष्पक संधारण बॉयलर का योगदान

पावर प्लांट: बिजली उत्पादन में वाष्पक संधारण बॉयलर का योगदान टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट9822550220   …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *