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छिंदवाड़ा में लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता की खेती पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला

छिंदवाड़ा में लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता की खेती पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

छिन्दवाड़ा। कलेक्टर शीलेन्‍द्र सिंह के मार्गदर्शन में छिंदवाड़ा जिले के कृषकों, विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों के कृषकों को अधिक आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अनुकूल जलवायु के दृष्टिगत जिले में लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता की खेती का नवाचार किया जा रहा है।

इसके लिए प्रारंभिक तौर पर जिले के चार विकासखंडों अमरवाडा, हर्रई, तामिया एवं जुन्नारदेव में इस नवाचार को मूर्त रूप दिया जाएगा, क्यूंकि कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यहां कि क्लाइमेटिक कंडीशन इन मसाला वर्गीय फसलों के उत्पादन के लिए अनुकूल हैं। कृषकों को इन मसालों की खेती से अवगत कराने और इसके लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आज जिला पंचायत सभाकक्ष में एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जिले में नवाचार के रूप में लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता की खेती पर कलेक्टर श्री सिंह की अध्यक्षता में जिले के विकासखण्ड अमरवाडा, हर्रई, तामिया एवं जुन्नारदेव के 39 कृषकों को मसाला वर्ग की लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता फसल की खेती पर स्पाईस बोर्ड ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री भरत अर्जुन गुढाडे द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा श्री पार्थ जैसवाल, कृषि विज्ञान केन्द्र चंदनगांव के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक श्री ध्रुव कुमार श्रीवास्तव व श्री रूपेन्द्र झाडे, उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह, उप संचालक उद्यान श्री एम.एल.उईके सहित उद्यानिकी विभाग का मैदानी अमला उपस्थित था। कार्यशाला में इन मसालों के पौधे भी प्रदर्शन के लिए रखे गए थे।

कार्यशाला में जिले के कृषकों को प्रोत्साहित करते हुए कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि कृषकों के पास जमीन भी ज्यादा होती है और वे मेहनत भी ज्यादा करते हैं। बावजूद इसके व्यापारी ज्यादा फायदा उठाते हैं। यदि कृषक भी आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति व प्लानिंग के साथ कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के उचित मार्गदर्शन में स्मार्ट वर्क करेंगे, आवश्यकता के अनुसार खेती की पद्धति में बदलाव करेंगे, नवाचारों को अपनाएंगे तो कृषक भी अधिकतम लाभ उठा सकेंगे। कृषकों के पास खेती के संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता है। कृषकों को हर संभव सहयोग देने के लिए जिला प्रशासन हर कदम पर आपके साथ है। जिले में क्लाइमेटिक कंडीशन की अनुकूलता को देखते हुए आपकी आर्थिक समृध्दि के लिए ही जिले में लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता की खेती का नवाचार किया जा रहा है। ये मसाले आपकी आय के अतिरिक्त स्त्रोत होंगे, जो आपकी आय पांच गुना तक बढ़ा सकते हैं।

उन्होंने उपस्थित सभी कृषकों से अनुरोध करते हुए कहा कि यह प्रदेश का इस तरह का पहला नवाचार है, इसकी सफलता आपकी रुचि, उत्साह, मेहनत और लगन पर निर्भर करेगी। इसीलिए अपने स्वयं के विकास, परिवार के विकास और फिर उससे जिले, प्रदेश और देश की आर्थिक समृध्दि के लिए पूरे उत्साह से लगन और मेहनत के साथ इस नवाचार को क्रियान्वित करें। जिला प्रशासन हर सहयोग के लिए कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ है। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जैसवाल ने भी उपस्थित किसानों को जिले में नवाचार के रूप में लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता फसल की खेती कर आय के नवीन स्त्रोत तैयार कर अतिरिक्त आय के द्वारा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए आश्वस्त किया गया।

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