दोषी पुलिसकर्मियों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार
टेकचंद्र शास्त्री:
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बलरामपुर। उत्तरप्रदेश के बलरामपुर जिले में होली के समारोह के दौरान महिला सिपाही को जबरन रंग लगाने और छेड़खानी के मामले में गोरखपुर जोन के एडीजी मुथा अशोक जैन ने सख्त कार्रवाई की है. उनके आदेश के बाद जांच में दोषी पाए गए सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. ऐसे में उनके ऊपर अब बर्खास्तगी की भी तलवार लटक रही है. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि होली के समारोह के बाद जब वो थाने पर चाभी लेने के लिए आई, तो नशे में धुत तीनों सिपाहियों ने जबरन उसे गीला रंग लगाने की कोशिश की और उसके साथ छेड़खानी का प्रयास करने लगे. इसके बाद वो इज्जत बचाने के लिए थाना परिसर में खड़े एक ट्रैक्टर पर चढ़ गई. जिसके बाद तीनों ने उसे जबरन ट्रैक्टर से उतारा और जबरन रंग लगाया. साथ ही तीनों ने उसके प्राइवेट पार्ट को भी टच किया.
इसके अलावा उसके साथ अभद्र भाषा और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग भी किया. महिला कांस्टेबल अकेले किराए का कमरा लेकर रह रही है. ऐसे में उसे डर भी लग रहा है. एडीजी जोन गोरखपुर मुथा अशोक जैन के आदेश के बाद जांच में दोषी पाए जाने पर बलरामपुर एसपी ने तीनों पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया है. बलरामपुर के कोतवाली ग्रामीण थाने में तैनात मुख्य आरक्षी अमित कुमार, आरक्षी पन्नेलाल और आरक्षी शैलेंद्र कुमार के खिलाफ 26 नवंबर को मुकदमा दर्ज करते हुए तीनों को निलंबित करने के साथ ही विभागीय कार्रवाई के तहत धारा 14(1) की कार्रवाई प्रारंभ कर दी है. इस कार्रवाई के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है.
सबकी नजर एडीजी जोन मुथा अशोक जैन ने कहा कि महिला अपराध से जुड़े प्रकरण में जीरो टालरेंस की नीति अपनाई जा रही है. बलरामपुर कोतवाली में 15 मार्च 2025 को होली खेलने के दौरान पुलिस कर्मियों ने एक महिला सिपाही को रंग लगा दिया था. आरोप है कि महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें रंग लगाने से रोका था. इसके बाद भी उन्होंने यह हरकत की थी. महिला आरक्षी ने इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की थी. मामले की जांच विशाखा कमेटी को सौंपी गई थी. जांच रिपोर्ट में तीनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं
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