सावनेर। सावनेर तहसील अंतर्गत अनेक गांव पंहुच मार्गों मे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सडक निर्माण के नाम पर लीपापोती की गई है। इससे ग्रामीण विभाग के नागरिक बहुत हैरान और परेशान है। बताते है कि सडक बनते ही सबके उखडने शुरु हो गई। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इन आरोपों के साथ- लापरवाही के कारण पूरी सड़क ग्रामीण हाथ से उखाड़ कर दिखा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि करोड़ों की लागत की सडकें बनाई जा रही साढ़े पांच किलोमीटर की सड़क कमजोर है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तैयार हो रही है सड़क
सड़क मोड़ से लेकर आसनबनी तिरंगा मोड़ तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई जा रही है। वीडियो वायरल होने के बाद सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का विरोध और तेज हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि साबड़ा मोड़ से लेकर आसनबनी तिरंगा मोड़ तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई जा रही सड़क के निर्माण में पैसे कमाये जा रहे हैं, निर्माण की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
ग्रामीणों का आरोप है कि सडक निर्माण के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। जिसमें खुर्सापार, सावली, जटामखोरा, जैतगढ, कवथा, खैरी ढलगांव, हट्टीसर्रा, आष्टी, रायबासा, जलालखेडा, बोरगांव जंगली, छत्रपुर, जैतपुर, जोगा, नांदा गोमुख, सलाई,उमरी,पंधारी, जाखेवाडा, रामपुरी, आष्टा बीके, नंदोरी, नंदापुर, करजघाट, दुधबर्दी, शेरडी, गाडेगांव, मंगसा इत्यादि गांवों के पंहुच मार्गों की हालत चिंता जनक है।
सड़क निर्माण में उच्च गुवतत्ता के सामग्रियों को जिस अनुपात में दिया जाना चाहिए वह नहीं दिया जा रहा,ठेकेदारों द्धारा सडक निर्माण कार्यों मे पैसे बचाने की कोशश की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क में डस्ट का उपयोग किया गया है। केमिकल कम मात्रा में दिया गया है। यहां गरम पिच नहीं दी गई और मोटाई में भी काफी कमी बरती गई है। यही कारण है कि सड़क बनने के साथ-साथ अब ये उखड़ने भी लगी है। ग्रामीणों ने अब जिले के नागरिकों ने महाराष्ट्र राज्य सरकार को पत्र लिखकर सड़क की गुणवत्ता की जांच करने की मांग की। सड़क लगभग 30 से 35 गांव को जोड़ती है।
अभियंता ने कहा, सड़क ठीक थी ग्रामीणों ने उखाड़ दी
दूसरी तरफ सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अधिनस्थ उप विभागीय अभियंता तथा सहायक अभियंता ने ग्रामीणों पर सड़क उखाड़ने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। सड़क तो सही स्थिति में है। ग्रामीणों ने जान बूझकर उखाड़ दी है। सड़क की परत स्वतः ही उखड़ी हूई नहीं। सड़क निर्माण में निकृष्ट गणवत्ता बरती जा रही है। मोटाई भी सही नहीं है। बडे अधिकारियों ने बताया है कि सहायक अभियंता को सड़क ठीक करने का आदेश दिया गया है? कुल मिलाकर पुरानी सडक मे डाक्टर का छिड़काव करके बारीक चूरी की एक इंच डस्ट बिछाकर लीपापोती की गई है। नतीजतन सडकें दिखने मे काली दिखाई दे रही है।