नागपुर : वेेकोलि मुख्यााय सेमिनारी हिल्स नागपुर के अधिनस्थ विदर्भ महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के छिन्दवाडा- वैतूल जिले की कोलयार्डो और वर्कशापों से आये दिन लाखों करोडों रुपए कीमत के लोहा चोरी का मामला एक बार फिर सुर्खियो में है। नागपुर जिले मे सिल्लेवाडा कोयला खदान के चनकापुर वर्कशाप से बेसकीमती कलपुर्जे और लोहा चोरी की घटनाएं प्रकाशमे आ रही है? परंतु वेकोलि की सावनेर,उमरेड कोयला खदानों के यार्डों तथा वर्कशाप से लोहाचोरी की बारदातों को अंज्म दिया जा रहा है?
उसी प्रकार चंद्रपुर, बाबूपेठ बल्लारपुर, माजरी खदान वर्कशाप तथा वनी और वनीनार्थ की ओपनकास्ट तथा भूमिगत कोयला खदान यार्ड और वर्कशाप से भारी मात्रा मे लोहा चोरी की घटनाएं हूई है।
उसी प्रकार वेकोलि की कन्हान एरिया की जामई, डुंगरिया, घोरावाडी, नंन्दनवन, राखीकोल खदानों का मुख्य वर्कशाप डुंगरिया से सुरक्षा प्रशासन की छत्रछाया मे अब तक लाखों करोडों कीमत का स्क्रेप कलपुर्जे और लोहा चोरी और तस्करी की घटनाएं हो रही है। इसी तरह छिन्दवाडा पेंच एरिया की रामनबाडा,हरनभटा, शिवपुरी, खिरचाडोह खदानों की कोल यार्डों तथा वर्कशाप से विस्कीमती कलपुर्जे और स्क्रैप लोहा का अता-पता नहीं है?
चांदामेटा वर्कशाप से गत फरवरी माह में नौ टन लोहे की चोरी के बाद प्रबंधन पर इस मामले को दबाने के आरोप लग रहे हैं। भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ बीएमएस ने लोहा घोटाने में प्रबंधन की भूमिका को संदिग्ध बताया।
वर्कशाप की लोहा चोरी का मामला गर्माया: चांदामेटा वर्कशाप की लोहा चोरी का मामला एक बार फिर सुर्खियो में है। चांदामेटा वर्कशाप से फरवरी माह में नौ टन लोहे की चोरी के बाद प्रबंधन पर इस मामले को दबाने के आरोप लग रहे हैं। भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ बीएमएस ने लोहा घोटाने में प्रबंधन की भूमिका को संदिग्ध बताया। बीएमएस की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में लोहा घोटाला और इस मामले में प्रबंधन की संदिग्ध भूमिका पर चर्चा की।
कार्यसमिति ने पेंच-कन्हान की समस्याओं और लंबित प्रोजेक्ट को लेकर कोयला मंत्री से मिलकर अवगत कराने का निर्णय लिया। गौरतलब है कि पेंच क्षेत्र के रीजनल वर्कशाप में नागपुर के सेल यार्ड से लोहे की प्लेट आई थी। वर्कशाप में जब ट्रक पहुंचा तो इसमें नौ टन लोहा कम था। बाद में इसका पुनः वजन कराकर मामला उजागर किया गया था। कई महिने बाद भी इसकी जांच पूरी नहीं हो सकी। अब बीएमएस के कोयला मंत्री से मिलकर इस समस्या से अवगत कराने के निर्णय से क्षेत्र में हड़कंप की स्थिति है।
आरोपी को बना दिया एचओडी : प्रबंधन इस मामले में किस तरह दबाव में काम कर रहा था और मामले को दबा रहा था यह इसी से पता चलता है कि इस मामले में संदिग्ध माने जा रहे वर्कशाप के सुपरिंटेंडेंट इंजिनियर को इस विभाग का एचओडी ही बना दिया गया।
संदिग्ध कर्मचारी को भी बख्शा: इस मामले में संदिग्ध माने जा रहे एक कर्मचारी को पहले नेहरिया भेजा गया। बाद में ट्रांसफर कैंसिल किया गया। फिर एक अधिकारी की पिटाई के बाद संदिग्ध कर्मचारी को क्षेत्र से बाहर ही भेजने के आदेश की भी चर्चाएं है। इतना सब करने के बाद कर्मचारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करने से प्रबंधन की भूमिका पहले ही संदिग्ध मानी जा रही थी।
नई खदानें खोलने की होगी मांग : बीएमएस के अध्यक्ष संजय सिंह महामंत्री शिवदयाल बिसंदरे ने बताया कि पेंच क्षेत्र के शिवपुरी ओपनकास्ट माइन में लंबे समय से कोल माफिया एवं प्रबंधन की मिलीभगत से हो रही कोयले की कालाबाजारी एवं अनियमितताओं तथा कन्हान एवं पेंच क्षेत्र की बंद ओपनकास्ट माइनें एवं नई कोयला परियोजनाओं को चालू कराने, ठेका मजदूरों को वेतन, भत्ते, अन्य सुविधाएं के संबंध में हाईपावर कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय पर अमल कराने भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ का प्रतिनिधि मण्डल तत्कालीन उर्जा एवं राज्य मंत्री पीयुष गोयल से मिलेगा। उन्होंने बताया कि केन्द्र में नई सरकार बनने के बाद पेंच एवं कन्हान क्षेत्र की कोयला उद्योग से जुड़ी समस्याओं को बीएमएस की ओर से सरकार के समक्ष रखकर समाधान का प्रयास किया जायेगा ।
सीएसआर की बंदरबांट का उठेगा मसला: उन्होंने बताया कि कोयलांचल में कामगारों की जन कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्पोरेट सोशल रिसपान्सिविलटी(सीएसआर) उद्योग का सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत आबंटित फण्ड का बंदरबांट किया गया। जिस पर बार-बार ध्यानाकर्षित किए जाने के बाद भी प्रबधंन के आला अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है । केन्द्रीय कोयला मंत्री के समक्ष पेंच क्षेत्र के चान्दामेटा वर्कशॉप से हुए 8 टन लोहा चोरी में प्रबंधन की संदिग्ध भूमिका की नए सिरे से जांच कार्रवाई कराने की मांग की जाएगी । पेंच एवं कन्हान क्षेत्र में विगत कई वर्षो से लंबित नई कोयला खदानें जल्द शुरू करने संबंधी मांग भी रखी जाएगी
