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लकड़बग्घे के हमले से गांव मे दहशत? बच्चोका क्या हुआ?

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बलरामपुर जिले के झारखंड और यूपी से सटे ब्लॉक रामचंद्रपुर में इन दिनों हाथियों के आतंक के बाद अब लकड़बग्घा का खौफ है। ग्रामीणों ने बताया कि हाथी आता है, तो पता चल जाता है, जिससे भागकर जान बचा लेते हैं, लेकिन ऐसे जानवरों के आने का पता नहीं चलने से मुसीबतें बढ़ गई हैं। जंगल से सटे गांव होने से यहां पहले भी जंगली जानवरों का खतरा तो रहता ही था, लेकिन जानवर गांव में नहीं घुसते थे।

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रामचन्द्रपुर विकासखंड के अंतर्गत अनिरुद्धपुर भीतरी गांव के रहने वाले मो. मसउवर अली और उसके पिता मंसूर अली रामानुजगंज लगभग 5.30 बजे के हरिहरपुर होते हुए अपने ग्राम भीतरी के पगडंड़ी के रास्ते पैदल ही लौट रहे थे, तभी जंगल में भीतरी के ही जंगल में बीच रास्ते में उन्हें लकड़बग्घा मिल गया। मो. मसउवर अली और उसके पिता ने लकड़बग्घा से बचने की कोशिश की, लेकिन जंगली जानवर भागने की बजाय उन्हें दौड़ाने लगा।

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काफी दूर तक दौड़ाने के बाद लकड़बग्घा जंगल में लगे प्लांटेशन के तारों में उलझ गया, जिससे उनकी जान बच गई। इसके बाद गांव आकर मंसूर अली ने इसकी सूचना दी। गाय चराने गए ग्रामीणों ने जंगल में पैर के निशान और लकड़बग्घा से झड़े बाल देख अंदेशा जताया कि लकड़बग्घा 4 से 5 की संख्या में हो सकते हैं।

स्थानीय रहवासी सोशल मीडिया पर लकडबग्घा को तेंदुआ बताकर घटना का जिक्र कर रहे है। वन विभाग के अधिकारियों ने लोगों को भ्रामक जानकारी नहीं देने की अपील भी की है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस प्रकार का खतरनाक जानवर आता है, तो उन्हें तत्काल सूचित करें।

घर में बंधी गाय को बनाया शिकार, ग्रामीणों में बढ़ी दहशत

रामचन्द्रपुर ब्लॉक के ग्राम सुरउंगपान निवासी बादशाय मरकाम की गाय घर से कुछ ही दूर पर बथान में बंधी थी। रात करीब 12 बजे के आसपास गाय जोर-जोर से चिल्लाने लगी, तभी बादशाय मरकाम ने उठकर देखा तो लकड़बग्घा गाय को पीछे से अपने जबड़ों में फंसाया था। काफी देर के बाद भी लकड़बघ्घा नहीं भागा, तो पत्थर से मारकर उसे भगाया, लेकिन तब तक लकड़बग्घे के हमले से उसकी गाय की मौत हो चुकी थी। अब लकड़बग्घा के गांव के करीब आने और मवेशियों पर हमला करने से दहशत बढ़ गई है।

टॉर्च की रोशनी से भागा लकडबग्घा, जंगल जाने से कतरा रहे लाेग

दूसरी घटना रामचंद्रपुर के ही दोलंगी गांव की है, जहां रात लगभग 8 बजे के करीब सभी जानवर जंगल से चरकर आ रहे थे, तभी अचानक से लकड़बग्घे ने एक गाय पर हमला कर दिया। गाय की आवाज सुनकर चरवाहे गाय की तरफ भागे और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। टॉर्च की रौशनी देखकर किसी तरह से लकड़बग्घा गाय को छोड़कर भाग गया। हमले में गाय के शरीर पर नाखून के निशान हैं और गाय बुरी तरह से जख्मी हो चुकी है। घटना के बाद अब गांव के लोग पशुओं को जंगल में चराने ले जाने से कतरा रहे हैं।

वर्मा ने कहा – ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने की दे रहे समझाइश, किया गया है सतर्क

“पशुओं पर हमले की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को दी। इसके बाद वन विभाग ने जंगल का मुआयना किया। वन विभाग के रेंजर अजय वर्मा ने बताया कि हमला करने वाला तेंदुआ नहीं, लकड़बग्घा है, जो जंगलों में भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि फारेस्ट की टीम गांव में जाकर लोगों को जंगल की तरफ नहीं जाने की हिदायत दे रही है। इसके साथ ही एक टीम जानवरों पर नजर बनाई हुई है। “

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