कमल नाथ के बंगले पर “जय श्री राम” का भगवा ध्वज को देख कांग्रेस में मायूसी और भाजपाईयों मे आश्चर्यजनक मुस्कुराहट 

कमल नाथ के बंगले पर “जय श्री राम” का भगवा ध्वज को देख कांग्रेस में मायूसी और भाजपाईयों मे आश्चर्यजनक मुस्कुराहट

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री कमल नाथ के बंगले में भगवान ध्वज लहराते देखकर कांग्रेसी नेताओं मे मायूसी छाने लग गई तो भाजपा नेताओं मे आश्चर्यजनक खुशियों की लहर दौड़ पडी है। कि पूर्व सीएम कमलनाथ भाजपा मे शामिल होने वाले हैं?भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के मानस पुत्र कहे जाने वाले कमलनाथ श्री हनुमान जी महाराज और श्रीराम के कट्टर भक्त माने जाते हैं और यही वजह है कि पूर्व केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री कमलनाथ को महा दानसूर माना जाता है। पूर्व सीएम कमलनाथ का निस्वार्थ भाव और उदारतापूर्वक जरुरत मंद गरीबों दलित पीडित और आदिवासियों को आर्थिक सहयोग करने में रिकार्ड है। चाहे वह किसी भी राजनीतिक पार्टी का क्यों ना हो पार्टीवाद जात-पात और लिंग भेद को त्यागकर दीन दुखियों को सहयोग करते हैं और मैने यह

सहयोग किया की सस्ती लोकप्रियता और दिखाया करते नहीं?

छिन्दवाडा जिले के कांग्रेसियों का मानना है कि भाजपा नेता सस्ती लोकप्रियता और दिखाया अधिक करते हैं?इतना ही नहीं भाजपा नेता खुन्नसखोरी और रंजिश की राजनीति अधिक खेलने में बडे ही माहिर होते हैं। भाजपा नेताओं का बस चले तो बदले की भावनाओं के आवेश में आकर बेदाग निष्कलंक निष्पाप और निर्दोष लोगों को झूठे और मनगढंत मामले में जैल भिजवा देते हैं? भाजपाईयों का कहना हैंकि राजनीति मे सबकुछ जायज है? बताते हैं कि सत्ता से पतन होते ही भाजपा को कांग्रेस मे अन्याय और भ्रष्टाचार दिखने लगता है और सत्ता में आने के बाद उन्हे अन्याय और भ्रष्टाचार दिखता नहीं है? सत्ता मे आते ही भाजपा नेताओं के मुंह में लकबा मार जाता है.

जबकि इतिहास में पूर्व सीएम कमलनाथ हमेशा ऐसे दुष्कृत्य से नफरत करते हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने तर्कसंगत बयान मे बताया कि भाजपा नेता रामभक्त का दिखावा करते हैं। जबकि भाजपा नेताओं में रामाचरण और राम चरित्र वाले संत महात्माओं से घ्रणा और नफरत करते हैं? कांग्रेस कार्यकरताओं को पूर्व सीएम कमलनाथ भाजपा में शामिल होने का भय सताने लगा है। हनुमान भक्त पूर्व सीएम कमलनाथ और भाजपा नेताओं मे यही फर्क है?कि भाजपा नेता कार्यकरताओं को अपना वोट बैंक का स्वार्थ सिद्ध होने तक उपयोग करते हैं और स्वार्थ सिद्ध होने के बाद असहाय छोड देते हैं? जबकि पूर्व सीएम कमलनाथ ऐसे नहीं है? विगत सप्ताह कमलनाथ के कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने की चर्चा को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा के बीच, दिग्गज नेता ने अपने आवास के ऊपर फहराया गया “जय श्री राम” झंडा हटा दिया है।

कथित तौर पर यह झंडा कल दिल्ली में श्री नाथ के आवास की छत पर देखा गया था।

पिछले कुछ हफ्तों से श्री नाथ और उनके बेटे नकुल नाथ के पुरानी पार्टी छोड़ने की अफवाहें फैल रही हैं। वे शनिवार को और तेज हो गए जब कमलनाथ दिल्ली पहुंचे और उनके बेटे, मध्य प्रदेश से एकमात्र कांग्रेस सांसद, ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर अपने बायो से पार्टी का नाम हटा दिया। ऐसी अटकलें थीं कि श्री नाथ राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।

क्या कमल नाथ की भाजपा का कदम पलायन की ओर ले जाएगा? कांग्रेस नुकसान को सीमित करने के लिए काम करती है

सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों पार्टी की करारी हार के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख पद से हटाए जाने से कमलनाथ नाराज दिखाई दे रहे है

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