मुसलमानों के संबंध में पीएम मोदी का माथा ठनका? अंतरराष्ट्रीय मीडिया स्तर में चर्चा जोरों पर

मुसलमानों के संबंध में पीएम मोदी का माथा ठनका? अंतरराष्ट्रीय मीडिया स्तर में चर्चा जोरों पर

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक रिपोर्ट

नई दिल्ली । भारतवर्ष में लोकसभा चुनाव फमें पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है, दूसरे चरण के लिए शुक्रवार को वोट डाले जाएंगे और इसके बाद के चरणों में होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार ज़ोरों पर है.

 

सत्ताधारी बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए अपना पूरा दमख़म लगा रही है, तो वहीं कांग्रेस भी एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाए हुए है. ऐसे में नेताओं के भाषण, उनके दावे और दूसरी पार्टी के नेताओं को लेकर दिए बयान रोज़ अख़बारों की सुर्खियां बन रहे हैं.

 

लेकिन पहले चरण के मतदान के बाद प्रधानमंत्री का दिया एक भाषण विशेष रूप से चर्चा का विषय बना हुआ. भारतीय मीडिया के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी इसे अपने पन्नों पर जगह दी है.

 

इस्तेमाल किए गए कुछ ख़ास शब्दों के कारण ये भाषण चुनाव आयोग में पीएम मोदी की शिकायत का कारण भी बना है. कांग्रेस नेताओं ने इसे लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है और कहा है कि प्रधानमंत्री देश में नफ़रत के बीज बो रहे हैं.

 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “हमने जनप्रतिनिधि क़ानून, सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन वाली 16 शिकायतें चुनाव आयोग को सौंपी है.”

 

पंजाब में बीजेपी की सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भी इसकी आलोचना की है. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री और भाजपा को सरदार प्रकाश सिंह बादल से सीखना चाहिए कि कैसे शांति और सांप्रदायिक समन्वय सुनिश्चित हो.”

 

19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग ख़त्म हुई. इसके बाद 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली में दिए एक भाषण में बीजेपी नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक पुराने भाषण का हवाला दिया और मुसलमानों पर टिप्पणी की. पीएम मोदी ने अपने भाषण में समुदाय विशेष के लिए ‘घुसपैठिए’ और ‘ज़्यादा बच्चे पैदा करने वाला’ जैसी बातें कहीं. अपने भाषण में मोदी ने कहा, “पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बांटेंगे- जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे, घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंज़ूर है ये?”

 

मोदी ने कहा, “ये कांग्रेस का मैनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. भाइयों बहनों ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे, ये यहां तक जाएंगे.”

 

हालांकि पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह के जिस 18 साल पुराने भाषण का ज़िक्र किया है, उसमें मनमोहन सिंह ने मुसलमानों को पहला हक़ देने की बात नहीं कही थी.

 

मनमोहन सिंह ने साल 2006 में कहा था, “अनुसूचित जातियों और जनजातियों को पुनर्जीवित करने की ज़रूरत है. हमें नई योजनाएं लाकर ये सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और ख़ासकर मुसलमानों का भी उत्थान हो सके, विकास का फायदा मिल सके. इन सभी का संसाधनों पर पहला दावा होना चाहिए.

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