बेटा समझकर किसी और का क्रियाकर्म : वापस लौटने पर गांव वाले बोले भूत? परिजन भी हुए हैरान
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
श्योरपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर के एक गांव में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिस युवक की मौत के बाद परिवार उसका अंतिम संस्कार कर चुका था वो अचानक अपनी तेरहवीं के दिन ही वापस घर लौट आया जिसे देखकर सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई.
जिस बेटे का अंतिम संस्कार कर मां-बाप उसकी तेरहवीं की तैयारी कर रहे थे उसे अचानक अपने सामने जीता जागता खड़ा देख शर्मा परिवार खुशी से गदगद हो गया. हालांकि इसके बाद सवाल खड़े होने लगे कि आखिर जिस युवक का अंतिम संस्कार दीनदयाल शर्मा का परिवार कर चुका है वो कौन था.
श्योपुर जिले के लहचौड़ा गांव में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। इस गांव में एक परिवार के लोगों ने अपने जिस बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया वह बेटा जिंदा वापस लौट आया है। जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। गांव के कुछ लोग तो उसे भूत समझ बैठे, लेकिन जब उसने कहा कि मैं तो जिंदा हूं, तब मातम खुशियों में बदल गया।
यह अजीबो गरीब मामला श्योपुर जिले के मानपुर थाना इलाके के लहचौड़ा गांव का है। जहां सुरेंद्र शर्मा नाम का युवक जो राजस्थान के जयपुर शहर में कपड़े के कारखाने में सुपरवाइजर के पद पर काम करता है। यह युवक ढाई महीने पहले घर पर छुट्टी बिताने के बाद वापस अपनी नौकरी करने जयपुर गया था।
इसी दौरान युवक का मोबाइल फोन खराब हो गया और उसके परिजनों से उसका संपर्क नहीं हो सका। इसी बीच 27 से 28 मई के बीच राजस्थान के सूरबाल में हुए एक सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई। मरने वाले युवक की शक्ल लहचौडा निवासी सुरेंद्र शर्मा से मिलती जुलती थी।
आधार कार्ड देखकर पुलिस ने सौंपा था परिजनों को शव
इस वजह से जब हादसे की खबर के बाद सुरेंद्र से संपर्क नहीं हो पाया तो उसके परिजनों ने जयपुर के एसएमएस अस्पताल के पोस्टमार्टम ग्रह पहुंचकर उस शव को देखा तो उसे अपने बेटे का शव समझ बैठे। आधार कार्ड की फोटो को देखकर जयपुर पुलिस को भी लगा कि वह उन्हीं के बेटे का शव है।
इस वजह से शव उनके सुपुर्द कर दिया। तब सुरेंद्र की मौत की खबर सुनकर उसके परिजन और रिशेदार शोकाकुल हो गए। परिजनों ने शव का लहचौड़ा लाकर अंतिम संस्कार कर दिया, साथ ही अन्य क्रिया कर्म भी कर दिए।
ऐसी स्थिति में मिला था युवक का शव जिसका परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया था। –
ऐसी स्थिति में मिला था युवक का शव जिसका परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया था।
सबसे पहले चाचा को किया कॉल
ब्राह्मण भोज के बाद 13 दिन बीतने के बाद जब सुरेंद्र ने अपने चाचा को फोन किया और हाल पूछे तो वह कहने लगे कि तू तो मर गया न फोन कैसे कर रहा है। उन्हें यकीन दिलाने के लिए सुरेंद्र ने वीडियो कॉल किया और बताया कि यह जूस वाले भाई मेरे पास खड़े हैं इनसे पूछ लो भले ही मैं जिंदा हूं। यह सुनकर सुरेंद्र के चाचा ने उसे घर आने के लिए कहा और यह भी कहा कि तुम रात को मत आना नहीं तो लोग भूत समझेंगे इसलिए दिन में आना।
सुरेंद्र रविवार को अपने गांव लहचौड़ा पहुंचा तो उसे ग्रामीण देख सहम गए और कहने लगे कि यह तो मर गया। कहीं उसका भूत तो नहीं। सुरेंद्र के परिजनों ने सुरेंद्र को जिंदा देखा तो मातम खुशी में बदल गया। अब सुरेंद्र को देखने आसपास के गांवों के लोग भी उसके घर पहुंच रहे हैं।
गलत फहमी हो गई
इस बारे में लहचौड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि भोलाराम शर्मा का कहना है कि उनका भतीजा जिंदा है। यह उनके लिए बहुत खुशी की बात है। जिस शव को उन्होंने अपने भतीजे का समझा वह किसी और का था लेकिन उसकी शक्ल सुरेंद्र से मिलती जुलती थी। इस वजह से गलत फहमी हो गई। सारे क्रिया कर्म करा दिए थे।
शव किसी ओर का थाइस बारे में जिंदा लौटकर आए सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि मेरा फोन खराब हो गया था। इस वजह से वह परिवार के लोगों से संपर्क नहीं कर पाया। घर वालों ने जिस लाश को मेरी समझी वह किसी और की थी।