रोटी पर घमासान-रमजान में मुस्लिम करते बलात्‍कार तो क्‍यों नहीं उठते आवाज:शिवसेना

रोटी पर घमासान-रमजान में मुस्लिम करते बलात्‍कार तो क्‍यों नहीं उठते आवाज: शिवसेना

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

नयी दिल्‍ली। महाराष्‍ट्र सदन में मुस्लिम रोजेदार के मुंह में जबरन रोटी ठूंसने की घटना अब अलग ही मोड़ लेता जा रहा है। इस पूरे मामले में शिवसेना को जरा सा भी अफसोस और पछतावा नहीं है बल्कि शिवसेना इस मुद्दे पर लड़ाकू स्‍टैंड लिया है। गुरुवार को शिवसेना ने सवाल उठाया कि इस मामले को उछाला जा रहा है पर जब कुछ मुस्‍लमान रमजान के पाक महीने में बलात्‍कार करते हैं तो उसपर सवाल क्‍यों नहीं उठाया जाता? शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्र‍काशित किए गये संपादकीय में कहा गया है कि चपाती पर अनाश्वयक क्यों विवाद खड़ा किया गया?

रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिमों की ओर से किए जाने वाले बलात्कारों पर किसी ने सवाल खड़े क्यों नहीं किए? लोग इन सभी चीजों को समझते हैं। मीडिया कुछ राजनीतिक दलों और राजनेताओं को बलात्कार से कोई दि क्कत नहीं है लेकिन रोटी से है। संपादकीय में अफगानिस्तान और बेंगलूरू में बलात्कार की घटनाओं का जिक्र किया गया है। दोनों जगह बलात्कारी मुस्लिम थे। संपादकीय में आगे लिखा गया है कि मीडिया और स्वार्थी राजनेता बेसुरा प्रलाप कर रहे हैं। अफगानिस्तान में रमजान के महीने में 10 वर्षीय बच्ची से मौलवी ने बलात्कार किया था।

उन्हें यह घटना नहीं दिखी। तब मीडिया भी नहीं बोला। संसद में भी सवाल नहीं उठा। तब संवेदनाओं को चोट नहीं पहुंची। बेंगलूरू में एक मुस्लिम ने रोजे के दौरान बच्ची से बलात्कार किया। मीडिया और स्वार्थी राजनेताओं ने इन घटनाओं पर क्यों कुछ नहीं बोला? शिवसेना ने दोहराया कि उसके सांसदों ने महाराष्ट्र सदन में घटिया प्रबंधन और कैटरिंग सर्विस को लेकर आवाज उठाई थी। किसी के माथे पर नहीं लिखा होता कि वह किस धर्म, जाति और वर्ग का है। वह मुस्लिम था। हमें पता चला कि उसका रोजा था। इस बीच खबरें आने लगी कि शिवसैनिकों ने मुस्लिम का रोजा तुड़वाने की कोशिश की। पार्टी बदसलूकी में शामिल नहीं थी वह तो सिर्फ विरोध कर रही थी।

शिवसेना सांसद पर शुक्रवार को तथ्य पेश करेगी सरकार

केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि वह शुक्रवार को सदन में उस विवादित घटना के तथ्य पेश करेगी, जिसमें शिवसेना के एक सांसद पर महाराष्ट्र सदन के एक मुस्लिम कर्मचारी से जबरदस्ती रोजा खुलवाने का प्रयास करने के आरोप हैं। संसद के उच्च सदन में गुरुवार को कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने खड़े होकर सरकार से घटना के बारे में स्पष्टीकरण मांगना शुरू किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस दौरान सदन में मौजूद थे।

सदन में जब सभापति एम हामिद अंसारी ने सदस्यों से प्रश्न काल शुरू करने का आग्रह किया, तो विपक्ष के सदस्यों ने सरकार से सवाल किया कि महाराष्ट्र की घटना के बारे में विस्तृत जानकारी कब दी जाएगी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, “मैं इस बात से इत्तेफाक रखता हूं कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है। मामले की पूरी छान-बीन के निर्देश दिए गए हैं। हम घटना के तथ्यों के साथ कल (शुक्रवार) सदन में पेश होंगे

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