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देवेंद्र फडणवीस के करीबी ने दे दिया ‘धोखा’ : महाराष्ट्र में बीजेपी को झटका

देवेंद्र फडणवीस के करीबी ने दे दिया ‘धोखा’ : महाराष्ट्र में बीजेपी को झटका

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

मुंबई। महाराष्ट्र में चुनाव से पहले NCP चीफ शरदचंद्र पवार ने आखिर बीजेपी को झटका दे ही दिया है,यह धोखा भाजपा के कर्मठ DCM देवेन्द्र के करीबी ने दिया है।

शरद पवार का साथ छोड़कर हसन मुश्रीफ अजित पवार गुट के साथ हैं। बीजेपी में रहते हुए समरजीत को इस सीट से टिकट मिलना संभव नहीं था।

शरद पवार के साथ समरजीत घाटगे चल पडे है।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता पार्टी को झटका लगने वाला है। बीजेपी नेता समरजीत सिंह घाटगे ने शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी (SP) का दामन थाम लिया है। समरजीत डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीबी नेता बताए जाते हैं। समरजीत अपने समर्थकों के साथ एनसीपी में शामिल हुए हैं। इस दौरान शरद पवार के साथ एनसीपी (SP) के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल भी मौजूद रहे।

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जानकारी के अनुसार, शरद पवार ‘कागल उतूर गडहिंग्लज’ विधानसभा सीट से समरजीत घाटगे को अपना उम्मीदवार बना सकते हैं। बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र राज्य सरकार में उच्च वैद्यकीय शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ यहां से पिछले 25 वर्षों से एनसीपी से चुनाव जीत रहे हैं। शरद पवार का साथ छोड़कर हसन मुश्रीफ अजित पवार गुट के साथ हैं। बीजेपी में रहते हुए समरजीत को इस सीट से टिकट मिलना संभव नहीं था। इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी।

शरद पवार ने कही ये बात

शरद पवार मैं उन्हें क़ागल विधानसभा सीट से उम्मीदवारी देने की बात कही है। पवार ने समरजीत को विधायक चुनकर भेजने के अलावा बड़ी ज़िम्मेदारी देनें यानी कि सरकार आयी तो मंत्री बनाने के भी संकेत दिये। इस कार्यक्रम में पवार ने केंद्र पर हमला बोला। शरद पवार ने कहा दस वर्ष पहले जो देश गेहू के निर्यात में दुनिया में दो नंबर पर था उसी देश को आज विदेश से गेहूँ आयात करने की नौबत आयी है। यह सब मोदी सरकार के गलत नीतियों के कारण हुआ है।

बता दें कि साल 2016 समरजीत घाटगे बीजेपी में शामिल हुए। लेकिन 2019 के चुनाव में ये सीट शिवसेना के खाते में चली गई। इसलिए समरजीत घाटगे ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। घाटगे को हसन मुश्रीफ ने हराया था। इस साल वह बीजेपी से चुनाव मैदान में उतरने के इच्छुक थे लेकिन एनसीपी अजित पवार गुट महागठबंधन में है। कुछ दिन पहले जब अजित पवार कागल आए थे तो उन्होंने मुश्रीफ की उम्मीदवारी की घोषणा की थी। इसलिए समरजीत घाटगे के फैसले पर सबकी नजर थी। कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद घाटगे ने एनसीपी शरद पवार ग्रुप में शामिल होने का फैसला किया।

बता दें कि महाराष्ट्र में इसी साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। चुनाव के ऐलान से पहले ही सभी दल तैयारियों में जुटे हैं। मुख्य मुकाबला महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच होगा। राज्य में एनडीए यानी महायुति सत्ता में है

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