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महायुती में असंतुष्टों की वजह से CM पद से वंचित रह जाएंगे देंवेंद्र फडणवीस

महायुती में असंतुष्टों की वजह से CM पद से वंचित रह जाएंगे देंवेंद्र फडणवीस

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

मुंबई। महाराष्ट्र राज्य में विधान सभा चुनाव नजदीक आते ही महौल गर्म हो रहा है, BJP खेमे असंतुष्ट नेताओं की करतूतों से इस मर्तवा देवेन्द्र फडणवीस CM पद से वंचित रह सकते हैं? भाजपा का एक ग्रुप अजीतदादा पवार को भावी मुख्यमंत्री और चंद्रशेखर बावनकुळे को उपमुख्य मंत्री बनाने के पक्ष मे नजर आता फिर रहा है। जिसे लेकर BJP खेमे में एक बड़ा अपडेट सामने आया है!आरोप है कि लोकसभा चुनाव में देवेन्द्र फडणवीस और प्रदेशाध्यक्ष बावनकुळे ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रचार -प्रसार मे दिलचस्पी नहीं दिखाया? बावजूद भी श्री गडकरी ने नागपुर लोकसभा में भाजपा की विजयी पताका लहरा के दिखा दिया है?

महाराष्ट्र में चुनाव से ठीक पहले बीजेपी बड़ा खेला कर सकती है. चर्चा इस बात की हो रही है कि देवेंद्र फडणवीस को चुनाव से पहले केंद्र में भेज कर कोई बड़ा पद सौंपा जा सकता है। परिमत: DCM देवेन्द्र फडणवीस की आस अधूरी रह सकती है? हालकि देवेन्द्र फडणवीस पार्टी हाईकमान के समक्ष भावी CM बनने की रट लगाए हुए हैं।उधर शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे घात लगाए बैठे हैं? हालकि बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व भावी CM एकनाथ शिंदे को बनाने के लिए तैयार है? वसर्तें एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना की अधिक शीटों पर निर्भर है।दूसरी तरफ

एक बार फिर यह चर्चा शुरू हो गई है कि भारतीय जनता पार्टी को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को केंद्र में लाना चाहिए.

कुछ लोगों की ओर से देवेंद्र फडणवीस का नाम पार्टी अध्यक्ष के रूप में भी सुझाया गया है. एक ऐसा पद जिसके लिए लंबे समय से नए नाम का इंतजार किया जा रहा था. सूत्रों की अनुसार यह सुझाव RSS के खेमे से आ रहा है. अगर ऐसा होता है तो महायुति के विधानसभा चुनाव जीतने पर फडणवीस एक बार फिर मुख्यमंत्री पद से वंचित रह जाएंगे.

न्यूज तक की रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना नेता और सीएम एकनाथ शिंदे को भाजपा की ओर से भरोसा दिया गया है. उनको कहा गया है कि भले ही उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव की कुल 288 में से 40 से ज्यादा सीटें जीते फिर भी वह मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रखेंगे. वहीं देवेंद्र फडणवीस की बात करें तो वह महाराष्ट्र में बीजेपी के खेमे से एक लोकप्रिय चेहरा है. फडणवीस को ऐसे नेता के रूप में देखा जाता है जो जनता के लिए काम करता है.

कहा जाता है कि आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवेंद्र फडणवीस पर भरोसा जताते हैं. सूत्रों की मानें तो चुनाव से पहले देवेंद्र फडणवीस को केंद्र में अध्यक्ष पद जैसी कोई बड़ी जिम्मेदारी देने को लेकर संदेश दिया जाएगा. अब सवाल यह भी है कि यदि देवेंद्र फडणवीस केंद्र में जाते हैं तो उनकी जगह पर किसको लाया जाएगा. तो बता दें कि उनके विकल्प के रूप में बीजेपी के महासचिव विनोद तावड़े हो सकते हैं. जो एक OBC नेता है.

कहा जाता है कि विनोद तावड़े को फडणवीस ने किनारे कर दिया था, लेकिन बाद में केंद्र ने उन्हें प्रमोशन दे दिया. हालांकि, आरक्षण आंदोलन में मराठों को ओबीसी के खिलाफ लामबंद होते देखा गया है, जिन्हें अपनी हिस्सेदारी कम होने का डर है.

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई है इसे भी देवेंद्र फडणवीस से जोड़कर देखा जाएगा. अब तक देवेंद्र फडणवीस को लेकर यह खबर सामने आई है. हालांकि, इन बातों की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है. अब देखना ये है कि भारतीय जनता पार्टी देवेंद्र फडणवीस को लेकर क्या फैसला लेती है.

देवेंद्र फडणवीस की सियासी सफर की बात करें तो 2014 से 2019 तक में महाराष्ट्र के 18वें मुख्यमंत्री की पद पर रहे. 44 साल की उम्र में देवेंद्र फडणवीस राज के दूसरे सबसे कम उम्र के सीएम बने थे. 2019 विधानसभा में नेता विपक्ष भी चुना गया था

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