उद्धव ठाकरे-शरद पवार गुट को बड़ा झटका:चुनाव से पहले BJP ने लगाई सेंध
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई। रालेभात का आरोप है कि बीते पांच साल में रोहित पवार ने अपने विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई काम नहीं किया है.और वह कोई विकास कार्य करना भी नहीं चाहते हैं।
महाविकास अघाड़ी (MVA) के दो घटक दलों के नेता आज (23 सितंबर) बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी में शामिल होने वाले ये नेता एनसीपी-एसपी और शिवसेना-यूबीटी से जुडे़े हुए थे जिन्होंने हाल ही में इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र चंद्रशेखर बावनकुले की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइन कर ली.
शरद पवार के विधायक पोते रोहित पवार के करीबी रहे मधुकर रालेभात ने बीजेपी का दामन थाम लिया है तो दूसरी तरफ उद्धव गुट की शिवसेना के जामखेड़ तालुका के अध्यक्ष संजय काशिद भी अब बीजेपी का हिस्सा बन गए हैं.
मधुकर रालेभात के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने रोहित पवार को विधानसभा चुनाव जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. ऐसे में उनका एनसीपी-एसपी छोड़ना रोहित के लिए बड़ा झटका है.
रोहित पर सम्मान ना करने का लगाया आरोप
मधुकर रालेभात ने पिछले महीने ही शरद पवार गुट की एनसीपी से इस्तीफा दे दिया था. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में मधुकर ने कहा था, ”मुझे एनसीपी-एसपी इसलिए छोड़नी पड़ रही है क्योंकि रोहित पवार अपने क्षेत्र के पार्टी पदाधिकारियों का सम्मान नहीं करते जिन्होंने 2019 में उनकी जीत सुनिश्चित की थी. रोहित पवार को याद रखना चाहिए यह पार्टी के काडर की मेहनत है कि उन्होंने चुनाव जीता. मेरा रोहित पवार पर भरोसा खत्म हो गया है और अब एनसीपी-एसपी में रहने का कोई मतलब नहीं है.” उस वक्त मधुकर के साथ पार्टी के चार पूर्व पार्षदों ने भी इस्तीफा दे दिया था.
जयंत पाटील से मिल की थी यह फरियाद
मधुकर ने रोहित पवार पर यह भी आरोप लगाया था कि वह बीते पांच साल से अपने क्षेत्र के मुख्य विषयों जैसे कि स्वास्थ्य, बिजली, पानी और शिक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे. मधुकर ने कहा था कि ”मैंने एनसीपी-एसपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटील और अहमदनगर जिला के पार्टी अध्यक्ष से बात की थी लेकिन कुछ भी बदलाव नहीं हुआ.”