‘BJP-NCP अजितदादा गुट से अनेक नेता शरद पवार की NCP में
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई। महाराष्ट्र राज्य मे विधान सभा चुनाव से पहले शरद पवार ने चौंकाने वाला दावा किया है।
सोमवार (7 अक्टूबर) को बीजेपी नेता हर्षवर्धन पाटिल एनसीपी शरद पवार गुट में शामिल हो गए. ये उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में सियासी उथल-पुथल जारी है. नेता एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जा रहे हैं. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को संकेत दिया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और उनके भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से और अधिक लोग पार्टी छोड़ सकते हैं.
दरअसल, सोमवार (7 अक्टूबर) को बीजेपी नेता हर्षवर्धन पाटिल एनसीपी शरद पवार गुट में शामिल हो गए. इंदापुर कस्बे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पवार ने लोगों से पाटिल को राज्य विधानसभा भेजने की अपील की और एक तरह से आगामी चुनाव के लिए उनकी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी.
14 अक्टूबर को ये नेता शरद पवार गुट में होंगे शामिल
इसके बाद शरद पवार ने संकेत दिया कि राज्य विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रामराजे नाइक निंबालकर, जो वर्तमान में अजित पवार खेमे में हैं, 14 अक्टूबर को शरद पवार गुट में शामिल हो सकते हैं.
शरद पवार ने कहा, “मुझे किसी ने फोन करके 14 अक्टूबर को आने को कहा, जैसे मैंने इंदापुर का दौरा किया. मैंने पूछा कि कहां और किस उद्देश्य से. मुझे बताया गया कि इसका उद्देश्य इंदापुर जैसा ही है. मैंने पूछा कि कहां आना है?…फलटण…समझे? तो अगला गंतव्य फलटण है. उसके बाद महीने का अधिकांश समय बुक हो चुका है.”
‘अजित पवार से हाथ मिलाने का अफसोस’
बता दें कि फलटण निंबालकर का गृह क्षेत्र है, जिन्होंने 1995 में निर्दलीय और 1999 और 2004 में एनसीपी (अविभाजित) के नेता के रूप में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. दिलचस्प बात यह है कि निंबालकर ने रविवार को कहा कि उन्हें शरद पवार का साथ छोड़कर 2023 में अजित पवार से हाथ मिलाने का अफसोस है. उन्होंने दावा किया था, “मैंने पार्टी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसा (अजित पवार खेमे में शामिल होने के लिए) किया था, जो नहीं हुआ.”
हर्षवर्धन पाटिल ने देवेंद्र फडणवीस को दिया झटका
वहीं साल 2019 में हर्षवर्धन पाटिल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. उनका बीजेपी छोड़ना उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के लिए एक झटका माना जा रहा है.