अमरावती में शरद पवार को झटका? नाराज कई नेताओं का इस्तीफा
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
अमरावती। एनसीपी (एसपी) के अमरावती जिलाध्यक्ष प्रदीप राउत के इस्तीफे से नाराज पदाधिकारियों ने बगावत कर दी है. वहीं प्रदीप राउत ने नाराजगी जताई कि विश्वास में लिए बिना ही पद से हटा दिया गया.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार को बड़ा झटका लगा है. गुरुवार (10 अक्टूबर) को एनसीपी (शरद पवार) पार्टी के कई नाराज पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बताया जा रहा है कि अमरावती जिला अध्यक्ष प्रदीप राउत के इस्तीफे के बाद पदाधिकारियों ने बगावत कर दी.
लोकसभा चुनाव में एनसीपी शरद पवार गुट के अमरावती जिला अध्यक्ष प्रदीप राउत के पास अमरावती और वर्धा लोकसभा क्षेत्र की बड़ी जिम्मेदारी थी. दोनों जगह महाविकास अघाडी के सांसद चुने गए. हालांकि, विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया गया और क्षेत्रीय संगठन सचिव की नई जिम्मेदारी दी गई. प्रदीप राउत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि मुझे विश्वास में लिए बिना ही जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया गया.
एबीपी माझा के अनुसार, प्रदीप राउत ने यह भी आरोप लगाया, “उन्हें जिला अध्यक्ष पद से हटाने का जो फैसला लिया गया, उसके लिए पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष सुनील वरहाड़े, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष शरद तसरे और प्रकाश बोंडे जिम्मेदार थे. हमें बिना कोई कारण बताए या चर्चा किए निकाल दिया गया.”
प्रदीप राउत ने कहा कि चूंकि यह हमारी पार्टी की निष्ठा और काम का अपमान है, इसलिए हम प्रदेश संगठन सचिव के पद से इस्तीफा दे रहे हैं. प्रदीप राउत के साथ ही एनसीपी के जिला अध्यक्ष किशोर बर्डे, सामाजिक न्याय विभाग के सुनील कीर्तनकर और अन्य पदाधिकारियों ने भी इस्तीफा दे दिया है.
हालांकि, शरद पवार की पार्टी एनसीपी को लोकसभा चुनाव में अच्छी सफलता मिली थी, जिसके बाद से कई नेता एनसीपी में शामिल हो चुके हैं. पूर्व मंत्री हर्षवर्द्धन पाटिल, कागल नेता समरजीत घाटगे शरद पवार की पार्टी में शामिल हुए हैं. कुछ नेता अभी भी पार्टी में शामिल होने की राह पर हैं.
अजित पवार की पार्टी एनसीपी नेता रामराजे निंबालकर की 14 अक्टूबर को शरद पवार के पास घर वापसी की उम्मीद है. इसके अलावा बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय काकड़े भी एनसीपी की राह पर हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि वह शरद पवार से दो बार मिले हैं.