NCP चिन्ह चुनाव आयोग मे सुनवाई?अजितदादा ने दी दलील तो सिंघवी ने कहा, टेस्ट से भाग रहे DCM
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक की रिपोर्ट
मुंबई /नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी किसकी है। पार्टी के किस गुट के पास नाम और चुनाव चिन्ह रहना चाहिए? इसको लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग में पहली सुनवाई हुई। शरद पवार की तरफ से पेश हुए एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने अजित पवार की तरफ से दिए गए दस्तावेजों को बेकार कहा है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का असली बॉस कौन है? इसको लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग में सुनवाई हुई। एनसीपी के अजित पवार गुट की तरफ से दस्तावेज पेश किए गए तो वहीं दूसरी तरफ शरद पवार के गुट की तरफ से जाेरदार दलीलें दी गईं। शरद पवार की तरफ से पेश हुए वकीलों ने अजित पवार की तरफ से सौंपे गए दस्तावेजों को बेकार करार दिया। अजित पवार ने चुनाव आयोग से पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह उन्हें देने का मांग की है। इसके बाद एनसीपी के शरद पवार के गुट की तरफ से जवाब दाखिल किया गया था। आज आयोग में पहली सुनवाई हुई। इसके बाद अगली सुनवाई के लिए 9 अक्टूबर की तारीख तय हुई। नौ अक्टूबर को अजित पवार की तरफ और दलीलें रखे जाने की संभावना है।
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हम आज पेश हुए। दो घंटे से अधिक समय तक सुनवाई चली। सुनवाई का पहले भाग में हमारी प्रारंभिक आपत्ति थी, जहां हमने कहा कि आप तय करें कि कोई विवाद है या नहीं। आयोग ने दूसरे पक्ष को उनकी दलीलों को रखने के लिए 9 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है। हम उनकी दलीलें देखेंगे और फिर जवाब देंगे। जरूरत पड़ेगी तो हम कोर्ट भी जाएंगे।
अभिषेक मनु सिंधवी, एडवोकेट
सिंघवी के साथ पहुंचे पवार
आयोग में सुनवाई के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार अपने वकील अभिषेक मनु सिंघवी के साथ चुनाव आयोग कार्यालय से बाहर निकले। इस बार उन्होंने मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए चौंकाने वाली जानकारी दी। सिंघवी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार समूह द्वारा किया गया दावा गलत है। अजीत पवार समूह द्वारा प्रस्तुत हलफनामे गलत और झूठे हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि इसमें मृत व्यक्तियों के हलफनामे हैं।सिंघवी ने बताया कि दो घंटे तक बहस हुई। हमने चुनाव आयोग के समक्ष स्पष्ट कर दिया कि आपने हमारी बात सुने बिना ही पार्टी को विभाजित करने का निर्णय लिया है। पहले हमारी बात सुनें और निर्णय लें। हमने पहले ही प्रारंभिक विरोध कर दिया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि इस विरोध को प्राथमिक नहीं माना जा सकता। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, लेकिन याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखने के बाद चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि आपकी सभी दलीलें सुनी जाएंगी। सिंघवी ने कहा कि एनसीपी का 99 प्रतिशत कैडर शरद पवार के साथ है। उन्होंने पार्टी बनाई और एक सपना देखा, लेकिन दूसरा पक्ष कह रहा है ऑर्गनाइजलेशनल टेस्ट नहीं बल्कि सांसदों और विधायकों की संख्या गिन लीजिए।