महाराष्ट्र राज्य में बिजली ठेका कर्मियों की हड़ताल बेनतीजा? विधुत उत्पादन प्रभावित होने की संभावनाए
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नागपुर बिजली ठेका करमियों की विविध मांगों को लेकर बिजली ठेका कंपनियों में आक्रोश बनना हुआ है। विविध मांगों को लेकर बिजली कंपनियों के ठेका कर्मचारी हड़ताल पर होने से कामकाज। प्रभावित हो सकता है प्रभावित कोई भी काम न करने की जिद पर अड़े बिजली ठेका कंपनियों के कर्मचारी व अधिकारी रहेंगे फील्ड में कामकाज सुचारू बनाए रखने के किए जा रहे प्रयास किये जा रहे हैं
महावितरण, महापारेषण व महानिर्मिति में आउट सोर्सिंग व ठेका पद्धति पर कार्यरत कर्मचारी मंगलवार को आधी रात से 48 घंटे की हड़ताल पर चले गए। एक साथ तीनों कंपनियों के ठेका कर्मी हड़ताल पर जाने से बिजली व्यवस्था प्रभावित होने का डर सता रहा है। महाराष्ट्र राज्य संयुक्त कृति समिती शाखा कोराडी के अध्यक्ष राहुल नागदिवे ,उपाध्यक्ष वैभव बंडै,सलाहकार भीमराव बाामनघाटे , सचिव वामन मराठे सह सचिव मोहण देशमुख के अनुसार ठेका श्रमिकों की मांगे पूरी नहीं होती हड़ताल जारी रहेगी। विधुत मुख्यालय मुंबई मे एम डी स्तर की मिटिंग आयोजित की गई जिसमें। सभी ठेका। श्रमिकों के प्रतिनिधी मौजूद थे परंतु मिटिंग बेनतीजा रही। कंपनी सूत्रों की माने तो थर्मल पावर प्लांट चलाने के बाहर कै ठेका श्रमिक मगाये गए है। ताकि ऊर्जा उत्पादन प्रभावित ना हो? क्योंकि। गर्मियो मे बिजली की मांगे बढ। रही है। उर्जा मंत्रालय ने अधिनस्थ अधिकारियों को सख्त आदेश दिए हैं कि कुछ भी हो सभी बिजली प्लांटों मे यथावत बिजली। उत्पादन जारी रखे जाएं।
श्रमिक संगठनों के अनुसार ठेका कर्मी अपनी मांगों को लेकर पिछले कई महीने से बिजली कंपनियों के प्रबंधन को निवेदन दे रहे हैं। कई बार चर्चा भी हुई, लेकिन मांगें मंजूर नहीं होने से ठेका कर्मियों ने 4 मार्च की आधी रात से 48 घंटे के लिए हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। 48 घंटे तक ठेका कर्मी कोई काम नहीं करेंगे। फेडरेशन की तरफ से हड़ताल की सूचना बिजली कंपनी प्रबंधन को दे दी गई है। यह भी पढ़े -आखिरकार इतवारी-नागभीड़ लाइन पर 17 किलोमीटर एलिवेटेड मार्ग को मिली हरी झंडी व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी : इधर, बिजली कंपनियों का दावा है कि ठेका कर्मियों की हड़ताल से बिजली व्यवस्था प्रभावित नहीं हुई स्थिति सामान्य है। बिजली कंपनियों के कर्मचारी व अधिकारी फील्ड में मोर्चा संभालेंगे। महावितरण ने वितरण केंद्र के अभियंताआें व कर्मचारियों पर अलर्ट पर रहने को कहा है। युद्ध स्तर पर काम करके बिजली समस्या का निपटारा करने के निर्देश दिए गए हैं। महाविबिजली कंपनियों के कर्मचारी व अधिकारी फील्ड में मोर्चा संभालेंगे।तरण ने दावा किया कि सारी स्थिति नियंत्रण में है आैर वरिष्ठ अधिकारी खुद पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
उधर महाराष्ट्र शासन ने बिजली अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि महाराष्ट्र राज्य में बिजली ठेका कर्मियों की 72 घंटे की हड़ताल, स्ट्राइक करने वालों पर होगी अवश्य कार्रवाई की जाएगी?,
महाराष्ट्र के कई इलाकों में आज बिजली की आपूर्ति बाधित हो सकती है। आज से सरकारी बिजली कंपनियों के कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारी बिजली आपूर्ति का लाइसेंस अडाणी को देने का विरोध कर रहे हैं। हालांकि, सरकार का दावा है कि बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होने दी जाएगी
बिजली आपूर्ति की अनुमति अडाणी कंपनी को देने का सरकारी बिजली कंपनियों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने विरोध किया है। विरोध के रूप में बुधवार से 72 घंटे की हड़ताल पर जा रहे हैं। इससे राज्य के कई हिस्सों में बिजली सप्लाई बाधित हो सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से दावा किया गया है कि हड़ताल से निपटने के लिए उनकी पूरी तैयारी है। साथ ही चेताया है कि हड़ताल पर जाने वालों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। हड़ताल टालने के लिए सोमवार को ऊर्जा विभाग की प्रधान सचिव आभा शुक्ला, तीनों बिजली कंपनियों के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक सहित अन्य अधिकारियों ने बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक की, लेकिन बैठक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि उन्होंने डेढ़ माह पूर्व ही सरकार को इस बारे में नोटिस दिया था, लेकिन सरकार की तरफ से इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव कृष्ण भोईर ने बताया कि महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महावितरण), महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महापारेषण) और महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महानिर्मिति) सरकारी बिजली कंपनियां के कर्मी पिछले दो-तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को 15,000 से अधिक कर्मियों ने ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। उन्होंने बताया कि इन तीन विद्युत कंपनियों के करीब 86,000 कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता और 42,000 अनुबंधित कर्मियों एवं सुरक्षाकर्मियों के साथ 72 घंटे की हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने आगे बताया कि प्रदर्शनकारी कर्मियों की मांग यह है कि अडाणी ग्रुप कंपनी को पूर्वी मुंबई के भांडुप, ठाणे और नवी मुंबई में मुनाफा कमाने के लिए समानांतर लाइसेंस नहीं दिया जाए
हड़ताल से निपटने के लिए प्रशासन तैयार
श्रमिक हड़ताल से निपटने के लिए सरकारी स्तर पर व्यापक तैयारी की गई है। मुंबई में प्रधान कार्यालय सहित सभी अंचल और मंडल कार्यालयों में एक विशेष नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जो 24 घंटे काम करेगा। छुट्टी पर गए अधिकारियों व कर्मचारियों को काम पर लौटने का आदेश दिया गया है। हड़ताल के दौरान बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए एजेंसी कर्मियों, ठेका कर्मियों, सेवानिवृत्त अभियंताओं, कर्मचारियों सहित लोक निर्माण विभाग, विद्युत निरीक्षकों एवं महाशक्ति विभाग के अभियंताओं को हड़ताल विभिन्न उपकेंद्रों पर तैनात करने की तैयारी की
कोराडी पावर प्लांट के मुख्य द्वार पर आयोजित हड़ताल में सैकडों महिला-पुरुष श्रमिकों ने हिस्सा लिया जिसमे सागर प्रधान,नितेश पहले चंद्रकांत कोल्हे, दिनेश श्रीरामे,अजीत गेडाम, विश्वनाथ चौहान, कैसर खाण,सुनिल चिंचुरकर, बावुराव सोनवणे, कामिनी राठोड, पूनम नाग, रुख्मा प्रधान,स्मिता मालोकर, ऊषा आजबले, सीमा पंजाबी, वैशाली कराडे, वंदना पखिड्डे, साधना ढोके, भागन सहारे,शिल्पा बोरसरे, प्रतिभा वासनिक,संजय मेश्राम ,सूरज सोनटक्के, लखन विसेन इत्यादी सैकडों ठेका श्रमिक सदस्य मौजूद रहे।