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देवेंद्र फडणवीस के पतन हेतु शरद-अजित व सुप्रिया सुले के बीच पक रही खिचडी

देवेंद्र फडणवीस के पतन हेतु शरद-अजित व सुप्रिया सुले के बीच पक रही खिचडी

 

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

मुंबई । लोकसभा चुनाव के बाद अजित पवार की शरद पवार की पार्टी में घर वापसी की अटकलें लगाई जा रही हैं. शनिवार को पुणे में जिला विकास को लेकर हुई बैठक में दोनों नेता शामिल हुए. इस अवसर पर अजितदादा पवार ने सुप्रिया सुले की जमकर तारीफों के पुल बांधे,इसे माना जा रहा है कि भाजपा के कर्मठ,निष्ठावान और कर्म झुंझार DCM देवेन्द्र फडणवीस का भावी विधान सभा चुनाव में सत्ता से हटाने के लिए गजब की खिचड़ी पक रही है? NCP लीडर शरदचंद्र पवार और NCP संसद सुप्रियाताई सुले चाहते हैं कि महाराष्ट्र राज्य का भावी मुख्यमंत्री अजीत पवार होना चाहिए? या सुप्रियाताई सुले के लिए जी तोड़ प्रयास शुरु है! NCP चीफ शरदचंद्र पवार और संसद सुप्रियाताई सुले का कहना है कि अजीतदादा क्या जिंदगी भर उपमुख्य मंत्री पद तक ही सीमित हैं? उन्होंने आगे बताया कि भाजपा कभी अजीत पवार को मुख्य मंत्री पद पर आसीन होने नहीं देगी?

महाराष्ट्र में एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने उपमुख्यंमत्री और एनसीपी नेता अजित पवार की अध्यक्षता में पुणे में हुई जिला योजना और विकास परिषद की बैठक में हिस्सा लिया. इस बैठक में सांसद सुप्रिया सुले, विधायक और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. बैठक के बाद अजित पवार ने सांसद के रूप में सुप्रिया सुले की खुलकर तारीफ की तो अजित गुट के नेता अतुल बेंके ने शरद पवार से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने अजित और शरद पवार के एक साथ आने को लेकर बयान दिया. इससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है.

बता दें शनिवार को पुणे जिला सहकारी बैंक शाखा का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री अजित पवार के हाथों संपन्न हुआ. डीपीडीसी बैंक की बैठक के बाद अजित पवार ने पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस मौके पर अजित पवार ने कई मुद्दों पर टिप्पणी की है. इस बार अजित पवार ने सुप्रिया सुले की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि सुप्रिया सुले ने बहुत ही अच्छा सुझाव दिया है.

बता दें कि अजित पवार ने शरद पवार से नाता तोड़कर बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ सरकार बनाई है, लेकिन लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अजित पवार की फिर से घर वापसी की अटकलें लगाई जा रही हैं. इन अटकलों के बीच शरद पवार के साथ बैठक में शामिल होने और फिर सुप्रिया सुले की तारीफ से अटकलों को बल मिला है.

अजित गुट के नेता अतुल बेंके ने शरद पवार से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने अजित और शरद पवार के एक साथ आने को लेकर बयान दिया. इससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है.

मुलाकात के बाद बेंके ने सीधे तौर पर कहा कि अजित पवार और शरद पवार एक साथ आ सकते हैं. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बड़ा बयान देकर राज्य में राजनीतिक चर्चाओं को गर्म कर दिया. विधानसभा चुनाव अभी ढाई महीने दूर हैं.

उन्होंने कहा कि मुलाकात दौरान उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा. मैंने भी कुछ नहीं कहा. तो कहां जाएं का सवाल ही नहीं उठता. राजनीति में कई बदलाव हुए हैं. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ऐसा अब भी हो सकता है. अजित और शरद पवार एक साथ आएंगे, ये कहना नामुमकिन है. लेकिन अभी यह कहना संभव नहीं है कि मैं कहां से चुनाव लड़ूंगा

मावल विधायक सुनील शेलके ने भी अतुल बेंके के बयान का समर्थन किया है. शरद पवार ने जुन्नर का दौरा किया. अतुल बेंके ने उस तालुक के प्रतिनिधि के तौर पर शरद पवार से मुलाकात की और उनका स्वागत किया. उन्होंने राजनीति पर चर्चा नहीं की. लेकिन कहा कि अगर एनसीपी कल एकजुट हो जाए तो हमारे जैसे कार्यकर्ता अत्याधिक खुश होंगे.

उन्होंने कहा कि अजित दादा ने पार्टी के लिए बहुत बड़ा त्याग और योगदान दिया है. लेकिन कुछ लोग यह दिखाने का काम कर रहे हैं कि हम ही वारिस हैं. दादा साहब एक साथ आएं तो हमें खुशी होगी, उन्होंने कहा कि ये मंडलियां नहीं चाहतीं कि दादा और साहेब एक साथ आएं. राजनीति में जो होगा वो होगा. लेकिन मैं दादा को कभी नहीं छोड़ूंगा. शेलके यह भी कहा कि वह दादा का भरपूर समर्थन करेंगे.

बेंके के बयान पर शरद पवार ने भी प्रतिक्रिया दी है. बेंके इस समय किस पार्टी में हैं? मुझें नहीं पता, उनके और मेरे बीच कोई चर्चा नहीं हुई. लोग मिलने आते हैं. उनके पिता मेरे दोस्त थे. वो हमारे दोस्त का बेटा है, तो हम मिले. शरद पवार ने कहा कि सीधी बात यह है कि कल के लोकसभा चुनाव में जिन लोगों ने एनसीपी उम्मीदवारों के लिए काम किया, वे हमारे हैं.

बेंके और शरद पवार की मुलाकात पर अजित पवार ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कई विधायक भी मुझसे मिलने आते हैं. यदि आप बेंके से मिले हैं, तो उससे पूछें कि वो उनसे क्यों मिले. जब चुनाव नजदीक आते हैं तो कुछ लोग खड़े होना चाहते हैं. कुछ लोग सोच रहे हैं कि किसी पार्टी को फ्री जगह मिल जाएगी, हमें फ्री जगह नहीं मिलेगी, इसलिए हमें कहीं और चले जाना चाहिए. ये लोग इधर-उधर जाएंगे.

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