बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों पर कार्यवाहक PM यूनुस ने दिया बड़ा बयान
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नई दिल्ली। भारत का पडोसी मुल्क बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद से अल्पसंख्यकों पर हमले शुरू हो गए थे। बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय के संगठनों की रिपोर्ट के अनुसार, 52 जिलों में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले किए गए हैं। हिंदुओं को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया है, जो देश का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है।
बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के मुखिया ने अल्पसंख्यकों पर हमले पर चुप्पी तोड़ी है।
मोहम्मद यूनुस ने धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले को बताया जघन्य कृत्य कर रहे हैं।
शेख हसीना के पद से हटने के बाद हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे है।
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की
बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के मुखिया नोबेल विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस ने देश में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों, खासतौर पर हिंदुओं पर किए जा रहे हमलों की निंदा की है। मोहम्मद यूनुस ने इसे जघन्य कृत्य बताया। उन्होंने शेख हसीना विरोधी आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छात्रों से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को रोकने की अपील की। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘क्या वे (अल्पसंख्यक) इस देश के नागरिक नहीं हैं? आप (छात्र) इस देश को बचाने में सक्षम हैं, क्या आप कुछ परिवारों को नहीं बचा सकते?’ वे रंगपुर शहर में बेगम रुकैया विश्वविद्यालय में छात्रों से बोल रहे थे।
मोहम्मद यूनुस ने छात्रों से सभी हिंदू, ईसाई और बौद्ध परिवारों को हिंसा से बचाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘आपको कहना चाहिए, कोई भी उन्हें (अल्पसंख्यकों) नुकसान नहीं पहुंचा सकता। वे मेरे भाई हैं। हमने एक साथ लड़ाई लड़ी और हम एक साथ रहेंगे।’उन्होंने कहा कि ‘आपकी सफलता को बेकार करने के लिए कई लोग खड़े हैं। इस बार आप मत गिरिए।’ बांग्लादेश को एक परिवार बताते हुए उन्होंने कहा, ‘यह बांग्लादेश अब आपके हाथों में हैं। आप इस कहां ले जाना चाहते हैं? आप इसे जहां चाहे ले जा सकते हैं। आपके पास वह ताकत है। यह कोई शोध का विषय नहीं है।
इस सप्ताह की शुरुआत में 5 अगस्त को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले जारी हैं। इसके चलते कई लोगों को अपना सबकुछ छोड़कर भागना पड़ा है। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद के अनुसार, शेख हसीना की सरकार के जाने के बाद से 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर कम से कम 205 हमले किए गए हैं। भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर जुटे 1000 से ज़्यादा बांग्लादेशी हिंदू, जो अपनी जान बचाकर भागने की कोशिश कर रहे है
हिंसा के बाद से हजारों बांग्लादेशी हिंदू अपनी जान बचाने के लिए पड़ोसी देश भारत में जाने की कोशिश कर रहे हैं। शनिवार को चिटगांव में हमलों के खिलाफ हिंदू समुदाय ने बड़ा प्रदर्शन किया, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। वहीं, राजधानी ढाका के शाहबाग चौक पर लगातार दूसरे दिन हिंदू समुदाय के लोग अपनी सुरक्षा की मांग के लिए जमा हुए। बांग्लादेश में हिंदू सबसे बड़ा समुदाय है। देश की 17 करोड़ की आबादी में हिंदुओं की जनसंख्या लगभग 8 प्रतिशत (1.3 करोड़) है