महायुति जीती तो CM फडणवीस और मविआ की जीत हुई तो उद्धव ठाकरे होंगे CM
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई । विगत सप्ताह महाराष्ट्र विकास अघाडी की बैठक मे मराठा छत्रप शरदचंद्र पवार ने स्पष्ट कर दिया है कि महाराष्ट्र विकास अघाडी की जीत हूई तो मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे हो सकते है और अगर महायुति की जीत हूई तो आगामी CM भाजपा के कर्मठ देवेंद्र फडणवीस हो सकते हैं। नतीजतन विधानसभा की 288 सीटों के लिए प्रचार-प्रसार में कांटे की टक्कर देखी जा रही है. सत्ताधारी महायुति उम्मीदवार और विपक्षी महाविकास अघाड़ी,उम्मीदवार दोनों ही गठबंधनों के लिए रियल टेस्ट उन तीन दर्जन सीटों पर माना जा रहा है, जहां 2019 के चुनाव में जीत हार का फैसला 5000 वोट से भी कम के अंतर में हुआ है।पिछले माह महाराष्ट्र विकास अघाडी की बैठक मे केंद्रीय कांग्रेस के प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी बीच बीच मे बोलने के लिए जल्दबाजी कर रहे थे, तब NCP चीफ शरदचंद्र पवार ने चेताया कि उम्र के लिहाज से राहुल जी तुम अभि हमारे लडके के समान हो और हमारे सामने राजनैतिक अनुभव मे बहुत ही कच्चे हो इसलिए बेहतर होगा कि जब मालूमात नहीं है तो इन्होंने शांत रहना अच्छा रहेगा? हम बताएंगे आगे क्या कूटनीति खेलना है। तब राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेता शरदचंद्र पवार का मान रखते हुए चुप्पी साध ली। तब मराठा छत्रप शरदचंद्र पवार ने एसा कुछ फरमाया कि मराठवाडा पश्चिम महाराष्ट्र मुंबई और विदर्भ का मराठा कुनवी मतदाता, मुस्लिम समुदाय और अनुसूचित समाज और अनुसूचित जनजाति समुदाय का वोट बैंक महाविकास आघाडी के उम्मीदवारो की तरफ आकर्षित हो उठा है। हालकि महाराष्ट्र के चुनाव में एक-एक सीट को लेकर दिलचस्प जंग देखने को मिल रही है. हर पैंतरा आजमाया जा रहा है. हर दांव चला जा रहा है. बंटेंगे तो कटेंगे जैसे नारों की गूंज है तो लुभावने वादों के जरिये सुनहरे कल की तस्वीर भी दिखाई जा रही है.मनगढंत वादों-दावों के इस चुनावी मौसम में बात उन सीटों को लेकर भी हो रही है जहां के नतीजों ने सत्ता का खाका खींचने में अहम भूमिका निभाई थी. महाराष्ट्र के पिछले चुनाव में 37 सीटें ऐसी थीं जहां हार-जीत का अंतर पांच हजार से भी कम वोट का रहा था.
महाराष्ट्र विधानसभा की स्ट्रेंथ 288 सीटों की है. इनमें से पांच सीटें ऐसी थीं जहां जीत-हार का फैसला एक हजार वोट से कम के अंतर से हुआ था. एक सीट पर तो अंतर 500 वोट से भी कम का रहा था. सूबे की चांदीवली विधानसभा सीट से शिवसेना के भाऊसाहेब लांडे को करीबी मुकाबले में 409 वोट से जीत मिले थे।
अर्जुनी-मोरगां सीट पर एनसीपी उम्मीदवार चंद्रिकापुरे मनोहर गोवर्धन को 718 वोट के अंतर से जीत मिली थी. पुणे जिले की दौंड सीट से बीजेपी राहुल सुभाषराव कुल 746, सोलापुर की संगोला से शिवसेना के शाहजी बापू राजाराम पाटिल 768 और अहमदनगर जिले की कोपरगांव सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के आशुतोष अशोकराव काले 822 वोट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.
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एक हजार से कम अंतर वाली इन पांच सीटों के अलावा चार सीटों- भिवंडी ईस्ट, मूर्तिजापुर, मुक्ताईनगर और बीड में एक से दो हजार वोट के बीच का अंतर निर्णायक साबित हुआ था. इन चार में से एक-एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को जीत मिली थी. एक सीट से सपा उम्मीदवार जीता था जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में गई
महाराष्ट्र विधानसभा की 28 सीटों का नतीजा दो हजार से पांच हजार वोट के अंतर से निकला था. इन 28 सीटों में से 12 सीटों पर कमल खिला था. छह सीटों पर एनसीपी, चार सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर बहुजन विकास अघाड़ी और भाकपा के उम्मीदवारों को एक-एक सीट पर जीत मिली थी. एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी
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आम चुनाव नतीजों को विधानसभा के नजरिये से देखें तो 31 विधानसभा सीटें ऐसी थीं जहां दो प्रतिद्वंदियों के बीच वोटों का अंतर पांच हजार से कम रहा था. इन 31 में से 16 विधानसभा क्षेत्रों में विपक्षी महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों ने लीड किया था जबकि 15 क्षेत्रों में सत्ताधारी महायुति के उम्मीदवारों को बढ़त मिली थी.
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महाराष्ट्र चुनाव के नजरिये से इन सीटों के सियासी मिजाज को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हालांकि, ये आंकड़े लोकसभा चुनाव नतीजों के आधार पर हैं और विधानसभा चुनाव में मुद्दों से लेकर वोटिंग पैटर्न तक, बहुत भिन्नता होती है. फिर भी, लोकसभा चुनाव के पैटर्न को देखते हुए हर दल इन सीटों पर अपना गणित सेट करने की कोशिश में जुटा हुआ है!महाराष्ट्र राज्य की अनेक विधान सभा चुनाव प्रचार के दौरान लगातार बारंबार घर घर द्वार द्वार वोटिंग के लिए खुशामद करने मतदाताओं को सपथ प्रतिज्ञा करने के लिए मजबूर करने को लेकर वोटरों मे चिड़चिड़ापन हो रहा है। बारंबार खुशामद और दबाव बनाने की वजह से संबंधित उम्मीदवार मतदाताओं की नजरों से उतर रहे है।
जानकार सूत्रों की माने तो महाराष्ट्र राज्य की समस्त विधान सभा शीटों वाली मजदूर बस्तियों मे प्रत्येक वोटरों को हजार हजार रुपए देकर मतदाताओं की खरीद फरोख्त जारी है। इस पर चुनाव अधिकारियों की चुप्पी विभिन्न संदेह को जन्म दे रही है। अनेक उम्मीदवारों ने हजारों लाखों कटआउट और बैनर लगाने का रिकार्ड तोड दिया है।जिनकी गिनती सर्वे करवाने के लिए अधिकारियों ने मौन साध रखा है। अपना वोटबैंक मजबूत करने के लिए मतदाताओं को इमोशनल ब्लैकमेल किया जा रहा है।