मूसलाधार बारिश से मंत्री के बंगले में घुसा पानी
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। अंबिकापुर से लेकर बस्तर तक बारिश ने इस कदर तबाही मचाई कि लोग जलभराव, बाढ़ और सड़क बंद होने से जूझ रहे हैं। हालात ऐसे हो गए कि अंबिकापुर शहर के गांधी चौक स्थित प्रदेश के नए मंत्री राजेश अग्रवाल के शासकीय बंगले तक में पानी भर गया। वहीं, बस्तर में तेज बारिश से जगदलपुर-सुकमा नेशनल हाईवे पर झीरम नाला उफान पर आ गया और सड़क पर 2 फीट तक पानी बहने से आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई।
संभाग में भारी बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग की चेतावनी मंत्री के घर में पानी, ड्रेनेज सिस्टम फेल अंबिकापुर में बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। शहर के निचले इलाकों में जलभराव इतना ज्यादा हो गया कि कई कॉलोनियां और मुख्य मार्ग तालाब में तब्दील हो गए। सबसे बड़ी बात यह रही कि प्रदेश के नए मंत्री राजेश अग्रवाल के शासकीय निवास में भी पानी भर गया। बंगले के आंगन से लेकर अंदरूनी हिस्सों तक बारिश का पानी घुस आया, जिससे मंत्रीजी और उनका स्टाफ परेशान हो गया। नगर निगम की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और मोटर पंप लगाकर बंगले से पानी निकालने का काम शुरू किया। लोगों का कहना है कि यदि मंत्री के घर की यह हालत है, तो आम नागरिकों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। शहरवासियों ने नगर निगम और प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं। लोगों का आरोप है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी शहर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया है।
बस्तर में नेशनल हाईवे बंद, गांव कटे संपर्क से उधर, बस्तर संभाग में रातभर से जारी तेज बारिश ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। जगदलपुर-सुकमा नेशनल हाईवे पर स्थित झीरम नाला उफान पर आ गया। नाले पर बना पुल पानी में डूब गया और सड़क से लगभग 2 फीट ऊपर पानी बहने लगा। नतीजतन, जगदलपुर से सुकमा का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है। सैकड़ों वाहन हाईवे के दोनों ओर फंसे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही रोक दी है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में कई गांव संपर्क मार्ग से कट गए हैं। मौसम विभाग ने दी चेतावनी मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे के लिए छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विशेषकर जांजगीर-चांपा, कोरबा, रायगढ़, गरियाबंद, धमतरी, कोंडागांव और बस्तर में आंधी-तूफान, बिजली गिरने और बादल गरजने की संभावना जताई गई है। विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर एरिया बन रहा है, जिसके असर से प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के साथ ओले भी गिर सकते हैं। आम लोगों की परेशानी बढ़ी है
बारिश से अंबिकापुर और बस्तर के साथ-साथ अन्य जिलों में भी जनजीवन प्रभावित हो गया है। जगह-जगह जलभराव से लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। कई स्थानों पर बिजली गुल हो गई है और गांवों में खेतों में पानी भरने से फसलें भी डूबने लगी हैं। अंबिकापुर के निवासियों का कहना है कि नगर निगम केवल कागजों पर सफाई और नालियों की व्यवस्था का दावा करता है, लेकिन हर साल बारिश आते ही शहर तालाब में बदल जाता है। वहीं, बस्तर में नेशनल हाईवे बंद होने से दैनिक जरूरतों की सप्लाई पर असर पड़ सकता है।