नागपुर संभाग के गडचिरोली जिला अंतर्गत सिंरोंचा से आलापल्ली तक 100 किलोमीटर महामार्ग पूरी तरह खराब है। सडकों किनारे रेपनापल्ली, बमनी और उमानुर गावों के नागरिकों ने बताया कि नेता विधायक और सांसद सदस्य अपने निठल्ले कार्यकर्ताओं की फौज के साथ चुनावो के समय ही आते हैं। और बडे मनमोहक अंदाज मे ढेरों अश्वाशन देकर चलते बनते है। बडी लम्बी डींगे हांकते हैं जैसे अपने बाप की कमाई से विकास कार्य करते है ये नेतागणों की महिमां अपरमपार है। इधर रोडों और पुलों के हाल-ए-दिल बेहाल हो रहे हैं।कहने को तो ये महामार्ग है। परंतु ऊबड- खाबड सडकों पर पैदल चलना बमुश्किल हो रहा है। उछलते कूदते वाहनों पर सवार वयोवृद्ध नागरिकों को दर्द के मारे कराहते और अपनी किस्मत पर आंसू बहाते देखा जा सकता है? विदर्भ के नेतागण विकास के संबंध मे मराठवाडा और पश्चिम महाराष्ट्र के राजनेताओं की बुराई गाते कोसते फिरते है। परंतु विदर्भ के नेता कम बेवफा और बेईमान नहीं है। यहा सिंरोंचा से आलापल्ली तक रोड बनते ही उखडने लगते हैं! इसका मुख्य कारण है निकृष्ट दर्जे का और घटिया निर्माण करके लीपापोती करके कमीशन के बलबूते पर बिल पास करबा लिए जाते है? हम अनेक वर्षों से कांग्रेस पार्टी के राजनेताओं को कोसते रहे है? परंतु देखा जाये तो वर्तमान परिवेश मे भाजपा नेताओं ने भ्रष्टाचार और अनियमित के मामले मे कांग्रेस को काफी पीछे छोड़कर दिया है? एक सर्वेक्षण के अनुसार सिंरोंचा से आलापल्ली तक रोड की हालत अत्यंत खराब है। जनता चिचल्लाकर सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग को कोस रही है। उधर पी डब्यूडी के अभियंताओं की संदेहास्पद चुप्पी बतला रही है कि सडक निर्माण मे जमकर कोताही करने को मजबूर किया जाता है। वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं का कहना नही माना तो उन्हे नौकरी से हाथ धोना पड सकता है।
वर्षांत का मौसम करीब आ रहा है। वर्षा के पूर्व यदि रोड का मजबूती नहीं किया गया तो आगामी चुनाव मे नेताओं को मतदाता जनता जनार्दन खासा सबक सिखाने बिना नहीं रहेगी। जरा देख लेना देश और समाज के मसीहा कहलाने लायक नही छोड़ेगी सिरोंचा और आलापल्ली की आदीवासी जनता?
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