नई दिल्ली-एनसीआर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में इस दौरान पार्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 की मात्रा 97.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। यह सुरक्षित स्तर से दोगुना है। हालांकि, एनसीएपी ट्रैकर की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में बीते पांच वर्ष में पीएम2.5 का स्तर 7 फीसदी कम हुआ
वर्ष 2022 में दिल्ली देश का सबसे प्रदूषति शहर रहा। इसके बाद फरीदाबाद और फिर गाजियाबाद का नंबर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में इस दौरान पार्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 की मात्रा 97.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। यह सुरक्षित स्तर से दोगुना है। हालांकि, एनसीएपी ट्रैकर की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में बीते पांच वर्ष में पीएम2.5 का स्तर 7 फीसदी कम हुआ
औसत पीएम10 सांद्रता के मामले में गाजियाबाद पहले, फरीदाबाद दूसरे और दिल्ली तीसरे स्थान पर है। मुंबई और नागपूर में प्रदूषण बढ रहा है!उधर, 2019 से 2021 तक के आंकड़ों के मुकाबले 2022 में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है। बता दें कि एनसीएपी ट्रैकर समाचार पोर्टल कार्बन कॉपी और महाराष्ट्र स्थित स्टार्ट-अप रेस्पायरर लिविंग साइंसेज की एक संयुक्त परियोजना है।
इसे केंद्र सरकार की ओर से 10 जनवरी, 2019 में शुरू किए गए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत लक्ष्यों की निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है। इसका लक्ष्य 2017 को आधार वर्ष मानते हुए 2024 तक 102 शहरों में पीएम 2.5 और पीएम10 की मात्रा को 20 से 30% तक कम करना है। इस सूची में अब कुछ नए शहर जोड़े गए हैं। वहीं, सितंबर 2022 में निर्धारित नए लक्ष्य के अनुसार, 2026 तक प्रदूषकों को 40% तक कम किया जाना है।
पीएम10 में गाजियाबाद सबसे ज्यादा प्रदूषित
पीएम 10 प्रदूषकों के मामले में गाजियाबाद (217.57 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) पहले, फरीदाबाद (215.39 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) दूसरे व दिल्ली (213.23 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) तीसरे स्थान पर रही। गाजियाबाद 2021 में पीएम2.5 के स्तर पर पहले और पीएम10 के स्तर पर तीसरे स्थान पर था।
पीएम2.5 और पीएम10 के लिए वार्षिक औसत सुरक्षित सीमा क्रमशः 40 और 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
नागपूर का क्या है हाल?दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद सबसे ज्यादा प्रदूषित
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