उडीसा। यह आश्चर्य चकित करने वाला रहस्य है ब्रह्म पदार्थ का रहस्य। मंदिर में भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। काष्ठ से बनी इन मूर्तियों को प्रत्येक 12 वर्ष में बदला जाता है। ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ पुरी मंदिर के रहस्य में सबसे बड़ा आश्चर्य ब्रह्मा पदार्थ का रहस्य है।
उडीसा में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव के अंतर्गत श्री जगन्नाथ मंदिर पर भव्य धार्मिक आयोजन संपन्न हुए। श्रद्धालुओं ने रथ यात्रा पूजन एवं भजन संध्या में भागेदारी कर धर्मलाभ उठाया।
नजीबाबाद में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव के अंतर्गत श्री जगन्नाथ मंदिर पर भव्य धार्मिक आयोजन संपन्न हुए। श्रद्धालुओं ने रथ यात्रा, पूजन एवं भजन संध्या में भागेदारी कर धर्मलाभ उठाया। विगत 2021-2922 में कोरोना महामारी के कारण बदली व्यवस्थाओं के अंतर्गत भक्तजनों ने बाजार कल्लूगंज से चौक बाजार होकर जगन्नाथ मंदिर तक श्रद्धाभाव के साथ रथयात्रा निकाली। इस मौके पर मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ को 56 प्रकार के प्रसाद का भोग लगाया। मंदिर परिसर में भजन संध्या भी हुई। श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ की उपमा का वर्णन करते हुए भजन गायन किए। वृंदावन से आई कीर्तन मंडली ने संगीतमयी वातावरण में रसभीने भजन गायन किए तो श्रद्धालु झूम उठे और वातावरण भक्तिमय हो गया। आयोजन में संजीव अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, कमल बंधु, रुकन राजपूत, जगदीश, पंकज अग्रवाल, यदु ऐरन, कृष्ण औतार वर्मा, सुनील राजपूत, अमित, शुभम अग्रवाल, राधिका अग्रवाल, श्वेता रानी, राशि, मोनिका यादव, नीरू, एकता, रीना अग्रवाल, शगुन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु आयोजन में शामिल हुए। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव के अंतर्गत जगन्नाथ मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया। बसंती माता मंदिर में चढ़ाया प्रसाद
नाजीबाबाद: बसंती माता मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर प्रसाद चढ़ाया। स्वजन के साथ नवविवाहित जोड़ों ने कुंडारे लगाकर देवी मां से अपने सुखी जीवन की कामना की।
सोमवार को आचार्य आरएनकेला-चौक बाजार मार्ग स्थित बसंती माता मंदिर में श्रद्धालुओं ने प्रसाद चढ़ाया। मंदिर समिति व प्रशासन की रोक के बावजूद नगर व ग्रामीण अंचल से आए श्रद्धालुओं का मंदिर परिसर में तांता लग गया। श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ को देखते हुए मंदिर के आसपास प्रसाद, खेल-खिलौनों व अन्य सामानों की दुकानें भी सज गई। मंदिर मार्ग पर कई बार जाम लगने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल से बसंती माता मंदिर बंद रहा। प्रशासन ने मंदिर परिसर के आसपास दुकानों को भी नहीं लगने दिया, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के मामले कम होने पर श्रद्धालु भी बढ़-चढ़कर प्रसाद चढ़ाने पहुंच रहे हैं। स्वजन ने नवविवाहित जोड़ों और शिशु के कुंडारे लगाए और देवी माता से उनके सुखी जीवन व दीर्घायु की कामना की।
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