चूक मान्य करणे हे धाडस आणि हट्टी असणे हे असभ्यचे लक्षण टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट,९८२२५५०२२० कायदेशीर तज्ञ, ऋषी चाणक्य महाराज, असे मानतात की चूक मान्य करणे हे धाडसाचे कृत्य आहे कारण ते जबाबदारी आणि सुधारण्याची तयारी दर्शवते. याउलट, वादविवादात स्वतःचा मुद्दा सिद्ध करण्याचा आग्रह धरणे हे अनेकदा असभ्यता, अहंकार आणि असभ्यतेचे लक्षण मानले जाते. आणि खोटे बोलणे हे कपटाचे …
Read More »अपनी गलती मानना बहादुरी और जिद करना बदतमीजी
अपनी गलती मानना बहादुरी और जिद करना बदतमीजी टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट,9822550220 विधि न्याय विशेषज्ञ ऋषि चाणक्य महाराज का मानना है कि अपनी गलती स्वीकारना बहादुरी का काम है क्योंकि यह जिम्मेदारी लेने और सुधार की इच्छा दर्शाता है। इसके विपरीत, बहस में अपनी बात सही साबित करने पर अड़े रहना अक्सर असभ्यता अहंकार और बदतमीजी का प्रतीक माना …
Read More »शुभम मगलम् दीपोत्सव की शुभकामना और हार्दिक अभिनंदन संदेश
शुभम मगलम् दीपोत्सव की शुभकामना और हार्दिक अभिनंदन संदेश टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट,9822550220 हे प्रकृतिक परमात्मशिवब्रह्म स्वरूप जगतधारणी मां राजरानी राज राजेश्वरी बाला त्रिपुर सुंदरी भवानी दक्षिणेश्वरी मां काली और श्री महालक्ष्मी नारायण भगवान की अहैतुक कृपा से जगमग जगमग दीप विपुल रत्नमणियों की झिलमिलाती स्वर्णिम आभा आपके मूल्यवान जीवनपथ पर समस्त अंधकार विसर्जित कर आध्यात्मोत्थान का मार्ग …
Read More »बांके बिहारी मंदिर का 160 साल पुराना ‘खजाना’ खुला
बांके बिहारी मंदिर का 160 साल पुराना ‘खजाना’ खुला टेकचंद्र शास्त्री: 9822550220 मथुरा। भगवान श्री कृष्ण जी की नगरी मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के गर्भगृह के नजदीक बने विशेष दरवाजों को धनतेरस के त्योहार के दिन खोला गया. 54 साल बाद इन दरवाजों को खोला गया है, जहां सोने-चांदी से भरे कलश होने की बात है. बांके …
Read More »बदलते हवामान : दिवा दिवाळीचा अन वृक्षलागवडीचा!
बदलते हवामान : दिवा दिवाळीचा अन वृक्षलागवडीचा!🪔 बदलत्या हवामानामुळे राज्यासह संपूर्ण देशाला अतिवृष्टीने जनुकाय झोडपून काढले की काय अशी परिस्थिती देशातील अनेक राज्यांमध्ये आपल्याला पहायला मिळाली.या अस्मानी संकटामुळे शेतकऱ्यांचे मोठ्या प्रमाणात नुकसान झाले ज्याची आपण कल्पना सुध्दा करु शकत नाही.अतिवृष्टीमुळे शेतकऱ्यांचे शेतातील माती सुध्दा वाहुन गेली,पिके वाहून गेलीत, मोठ्या प्रमाणात पाळीव प्राण्यांची जिवित हाणी झाली, त्याचप्रमाणे मानवी जिवित हाणी …
Read More »जानिए करवाचौथ का व्रत धार्मिक महत्व : किसने की थी शुरुआत
जानिए करवाचौथ का व्रत धार्मिक महत्व?किसने की थी शुरुआत टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट बनारस। जानिए करवा चौत का आखिर क्यों मनाया जाता है? हिंदू धर्म के अनुसार करवाचौथ का व्रत हर सुहागिन नारी मानती है l जिससे उसके पति को हर विपत्ति से छुटकारा मिले व पति की आयु दीर्घायु हो l कहते है कि कार्तिक माह के कृष्ण …
Read More »निसर्ग सगळं पाहत आहे का? तुम्ही जसे पेरता तसे तुम्ही कापता? हा निसर्गाचा नियम
निसर्ग सगळं पाहत आहे का? तुम्ही जसे पेरता तसे तुम्ही कापता? हा निसर्गाचा नियम टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट प्राचीन भारतीय वैदिक सनातन धर्म ग्रंथांनुसार, दैवी निसर्ग योग्य वेळी विश्वाची निर्मिती, नाश आणि पोषण करतो. म्हणून, “निसर्ग सर्वकाही पाहतो आणि सर्वकाही ऐकतो; जसे तुम्ही पेरता तसे तुम्ही कापता” ही एक म्हण आहे जी कर्माच्या तत्त्वाचे स्पष्टीकरण देते, एक नैसर्गिक सत्य …
Read More »MP कें देवास में दर्शन करने आए UP के श्रद्धालुओं से मामूली बातचीत पर मारपीट
MP कें देवास में दर्शन करने आए UP के श्रद्धालुओं से मामूली बातचीत पर मारपीट टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट देवास। मध्यप्रदेश के देवास स्थित श्री शिव कथा प्रवचनकार पं प्रदीप मिश्रा निवासी शहर देवास में प्रसिद्ध मां चामुण्डा देवी के दर्शन करने आए उत्तरप्रदेश के श्रद्धालुओं को मामूली बातचीत पर पिटाई कर दी गई. शिकायत के अधार पर …
Read More »कर्म तेरे अच्छे तो तकदीर तेरी दासी है।
कर्म तेरे अच्छे तो तकदीर तेरी दासी है। टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट भारतीय वैदिक सनातन हिन्दू धर्म शास्त्रों के कथनानुसार यदि”कर्म तेरे अच्छे है तो तकदीर तेरी दासी है” “और नियत तेरी अच्छी तो घर मे मथुरा कासी है”.सत्य में यह कहावत सिद्ध सफल और चरितार्थ हो रही है.यह एक प्रेरक और प्रेरणादायक अभिकथन और अभिवचन बिल्कुल सत्य और …
Read More »भाग्य की लकीर बहुत अच्छी : परंतु कर्महीनता के कारण असफलता
भाग्य की लकीर बहुत अच्छी : परंतु कर्महीनता के कारण असफलता टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट भारतीय वैदिक सनातन धर्म शास्त्र, हस्तसामुद्रिक ज्योतिष विज्ञान और मनोवैज्ञानिक के मुताबिक यदि आपके भाग्य की लकीर के ठीक-ठाक रहने के बावजूद भी कर्महीनता के कारण असफल होना इस बात का सूचक है कि सिर्फ अच्छी नियति ही नहीं, बल्कि कर्मों में सक्रियता अभ्यास …
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