खापरखेडा थर्मल पॉवर प्लांट के इंचार्ज हिटलर कापसे को बर्खास्त करने की मांग?
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक की रिपोर्ट
खापरखेडा। स्थानीय थर्मल पावर प्लांट के कोयला हैंडलिंग प्लांट में पिछले 7-8 वर्षों से D/Y E•E• इंचार्ज ओम प्रकाश कापसे की हिटलरशाही का नतीजा निहत्थे व निर्दोष ठेका श्रमिकों को भुगतना पड रहा है? अनेक मर्तबा इस पावर प्लांट के तत्कालीन मुख्य अभियंतात्रय श्री गोहने,उमाकांत निखारे, सीताराम जाधव, राजकुमार तासकर और निवर्तमान प्रभारी C•E• काठोये तक श्रमिकों ने संयुक्त हस्ताक्षर युक्त शिकायत का ज्ञापन देकर अन्यत्र शैक्शन मे तबादला की मांग की है? परंतु CHP इन्चार्ज हिटलर कापसे की जड बहुुत ही गहरी होने के कारण उनका तावादला नहीं हो सकता है? इसलिए अब उनको वर्खास्त करने की मांग की जा रही है?
प्राप्त जानकारी के मुताबिक CHP शैक्शन इंचार्ज उपकारीकारी अभियंता कापसे साहब पगार महानिर्मिती प्रशासन के वित्तीय विभाग से उठाते हैं और कार्य ई-निविदा धारक ठेका फर्मों के विकास और भलाई के हितोपदेश के लिए करते हैं? बताते हैं कि CHP इंचार्ज कापसे की हितपूर्ति फर्म मेसर्स: लोणारे ब्रदर्स खापरखेडा को ई-निविदा आमंत्रण तहत CHP प्लांट में रखरखाव (मेंटनैश) का ठेका प्राप्त हुआ था? परंतु शैक्शन इंचार्ज श्री कापसे महोदय की कृपा दृष्टी से एक साल का ठेका कार्य मात्र 3-4 महिनों के अंतराल मे पूरा कर दिया गया? बताते हैं कि 3-4 महिनों मे काम समाप्त हो जाने के बाद श्रमिकों को पावर प्लांट के बाहर मेसर्स:लोणारे ब्रदर्स के वर्कशाप यानी उनकी मिनी फैक्ट्री मे काम करने के लिए कहा गया? CHP इन्चार्ज ओमप्रकाश जी कापसे की बात सुनकर मेसर्स:लोणारे ब्रदर्स के मजदूर आश्चर्य चकित हो उठे? उपरोक्त CHP इन्चार्ज ओमप्रकाश कापसे का शैक्शन तावादला के लिए वीज कर्मचारी-अधिकारी -अभियंता सेना के शाखा सचिव भीमराव बाजनघाटे ने गत 14 जून 2023 को खापरखेडा पावर प्लांट के तत्कालीन चीफ इंजीनियर को शिकायत बतौर ज्ञापन सौंपा जा चुका है? परंतु इस संबंध में अभि तक कोई कार्रवाई नहीं हूई है!यह तो महानिर्मिती कंपनी के समक्ष एक बदनुमा दाग समझा जा रहा है?
तत्संबंध में CHP प्लांट के एक ईमानदार असिस्टेंट इंजिनियर के गोपनीय अभिकथन और गोपनीय अभिवचन के मुताबिक ठेका श्रमिकों को पावर प्लांट के टेंडर धारक मेसर्स:लोणारे ब्रदर्स के प्लांट स्थल के लिए है? परंतु उसके प्लांट के ठेका श्रमिकों को प्लांट के बाहर वर्कशाप में कार्य करने को मजबूर किया जा रहा है । जिसका पगार प्लांट में एक्सटेंशन वर्क बिल भुगतान के नाम पर ठेकेदार को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया गया है? अगर असंयोग से प्लांट के बाहर श्रमिकों के साथ कुछ अनहोनी घटनाक्रम हूई तो ना महानिर्मिती जिम्मेदार होगा और ना ही वर्कशाप मालिक ? परिणामत:उन्हे लावारिस बतौर उनके पालक वर्ग को सौंप दिया जाएगा? इसे कहते हैं “आम की आम लोग गुठलियों के दाम”!”भांड मे गई जनता और काम अपना बनता” की कहावत चरितार्थ होती दिखाई पड रही है?
प्राप्त सबूतों के अधार पर पता चला है कि निविदा धारक मेसर्स:लोणारे ब्रदर्स को एक साल की समयावधि का ठेका दिया गया था? इसके लिए गत 24 मार्च 2023 को श्रमिकों के प्रवेश पत्र (गेटपास) का नूतनीकरण किया गया। और 28 मार्च 2023 को मेसर्स:लोणारे ब्रदर्स के उक्त श्रमिकों को प्लांट के बाहर प्राईवेट वर्कशाप मे काम करने के लिए इंचार्ज ओमप्रकाश कापसे ने दबाव डाला और कहा गया कि तुम्हे अपने काम से मतलब है??
विशेष उल्लेखनीय है कि 24 मार्च 2023 को 4 श्रमिकों के 3 महिनों के लिए गेट पास नूतनीकरण किया और उसके बाद 4 दिन में ही मेसर्स:लोणारे ब्रदर्स का टेंडर ठेका समाप्त हो गया। हालकि यह ठेका मेसर्स:लोणारे ब्रदर्स को 4 महिना पूर्व हस्तगत हुआ था? इस संबंध में शैक्शन इंचार्ज ओमप्रकाश कापसे का श्रमिकों से कहना पडा कि अभि तुम्हारे ठेकेदार लोणारे का ठेका काम खत्म हो गया है? नया ठेका मिलने तक उसी ठेकेदार की फैक्ट्री( वर्कशाप) मे काम करना ठीक रहेगा? बाद मे तुम्हे वापस पावर प्लांट मे बुला लिया जाएगा? इस संबंध में आल इंडिया शोसल आर्गनाइजेशन ने उक्त ठेका फर्म मेसर्स:लोणारे ब्रदर्स के पिछले 3–4 ठेका कार्यों से संबंधित रिकार्ड सूचना अधिकार अधिनियम 2005 अंतर्गत संपूर्ण जानकारी मांगी गई है? ताकि उच्च न्यायालय की खंडपीठ में इस सार्वजनिक अन्याय अत्याचार श्रमिक शोषण और आर्थिक अपराध के खिलाफ जनहित याचिका दायर किया जा सके?
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