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महिला आरक्षण : मल्लिकार्जुन खरगे ने वित्तमंत्री निर्मला से की मुहजोरी

महिला आरक्षण मुद्दे पर धन्यवाद देने की वजाय मल्लिकार्जुन खरगे ने वित्तमंत्री निर्मला से की मुहजोरी

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक की रिपोर्ट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियन नाम दिया है. इसमें SC, ST के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान है.मजे की बात यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार की सराहना करने की वजाय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से तीखी बहस करना शुरु कर दी? बताते है
कि पिछले 70 सालों में जो कार्य कांग्रेस सरकार ने नहीं की वह भाजपा की मोदी सरकार ने करके दिखा दिया है। जिससे चिडकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को ओर सोनिया गांधी को लग रहा है कि मोदी सरकार ने जो एतिहासिक कार्य किया है वह कांग्रेस आलाकमान के जले पर नमक छिड़ने वाली बात है?
ज्ञातव्य है कि नारी शक्ति वंदन बिल संसद में पेश हुआ. विशेष सत्र के दूसरे दिन नए संसद भवन में लोकसभा और विधान सभाओं में महिला को 33 फीसदी आरक्षण के प्रावधान वाला बिल लोकसभा में पेश किया गया. राज्य सभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच जमकर नोंकझोंक हुई. मल्लिकार्जुन खरगे ने इस विधेयक में ओबीसी को शामिल नहीं किए जाने को लेकर सरकार पर सवाल उठाए.इस संबंध मे वित्तीय मंत्री सीतारमण ने स्पष्ट किया कि भाजपा महिलाओं के मामले में कोई राजनीति नहीं करती है
राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर खरगे के बयान को लेकर हंगामा हुआ. उन्होंने महिला आरक्षण बिल में OBC को आरक्षण ना मिलने के मुद्दे को उठाया और इसे पिछड़ों के साथ अन्याय बताया. उनके बयान के बाद संसद में हंगामा होने लगा.

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि वे हमें श्रेय नहीं देते, लेकिन मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका था, लेकिन इसे रोक दिया गया था.
मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनका ये बयान बिल्कुल सतही है.
वहीं केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने नारीशक्ति वंदन अधिनियम विधेयक पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान को महिलाओं के प्रति विकृत सोच का सूचक बताया है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा- “नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता (मल्लिकार्जुन खरगे) का ये बयान कि पार्टियां कमजोर महिलाओं को चुनती हैं, भारतीय महिलाओं के संबंध में स्पष्ट तौर पर उनकी विकृत सोच का सूचक है, जिसके कारण (यूपीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान वे महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं करवाए और इसे कानून नहीं बना पाए.”

बता दें कि इस बिल पर बुधवार को सदन में चर्चा की जाएगी. पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियन नाम दिया है. उन्होंने कहा कि इस बिल से लोकतंत्र मजबूत होगा और लोकसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी. इसमें SC, ST के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान है. कल महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के बाद इसे फिर पारित किया जाएगा.

सरकार का ये कदम इवेंट मैनेजमेंट- कांग्रेस
इधर कांग्रेस ने लोकसभा में पेश महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को चुनावी जुमला करार देते हुए कहा है कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है, क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ये दावा भी किया कि सरकार का ये कदम ‘ईवीएम (इवेंट मैनेजमेंट)’ है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 2021 की जनगणना कराने में विफल रही है.

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “चुनावी जुमलों के इस मौसम में यह सभी जुमलों में सबसे बड़ा है. करोड़ों भारतीय महिलाओं और युवतियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है. जैसा कि हमने पहले बताया था, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं कराई है, जिससे भारत जी20 में एकमात्र देश बन गया है जो जनगणना कराने में विफल रहा है. अब इसमें कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद पहली दशकीय जनगणना के पश्चात ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा.” उन्होंने सवाल किया कि ये जनगणना कब होगी?
उनके मुताबिक, “विधेयक में ये भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी होगा. क्या 2024 चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन की बात कही

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