टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक की रिपोर्ट
मुंबई में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ दो बार बंद कमरे में गोपनीय चर्चा की। खास चर्चा में उपमुख्यमंत्री अजित पवार मौजूद नहीं थे और इसका सिरे से आगाज होने पर राजनीतिक जगत में चर्चा हो रही है। विधायकों की अपात्रता प्रकरण पर सुनवाई के लिए भी बातचीत हुई है।
गणेशोत्सव के बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह मुंबई पहुंचे। जहां सीएम एकनाथ शिंदे और DCM देवेन्द्र फडणवसी नजर आए। तीनों ने एक दिन में दो बार गोपनीय बातचीत की। VIP गेस्ट हाउस ओर फडणवीस के निवास गृह में गुप्त बैठक हूई।
एक दिन के दौरे पर मुंबई आए केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ दो बार बंद कमरे के भीतर चर्चा की। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक शाह, फडणवीस और शिंदे के बीच पहले गुप्त मीटिंग देवेंद्र फडणवीस के घर पर हुई। यह तकरीबन 15 मिनट तक चली। उसके बाद राज्य सरकार के वीआईपी गेस्ट हाउस सह्याद्रि में दूसरी बार तीनों नेताओं ने बंद कमरे में चर्चा की। यह है खास बात यह है कि इस चर्चा में उपमुख्यमंत्री अजित पवार शामिल नहीं थे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मुंबई में होने के बावजूद अजित पवार अपने गृह नगर बारामती में थे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अजित पवार की शाह की मौजूदगी से दूरी आगामी राजनीतिक घटनाक्रम का एक संकेत है।
कहा जा रहा है कि तीनों नेताओं के बीच शिवसेना के 16 विधायकों की अपात्रता पर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सोमवार से होने वाली सुनवाई को लेकर बातचीत हुई है। जिन विधायकों पर अपात्रता की तलवार लटकी है, उनमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं।
दिल्ली में मंथन करके लौटे महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर, विधायकों की अयोग्यता पर अगले हफ्ते से सुनवाई होने वाली है।
शरद पवार ने भतीजे अजित पवार को बताया कि सांसद संजय राउत क्यो बोले कि NCP चीफ शरदचंद्र पवार देश की राजनीति के भीष्म पितामह’ है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक अगर विधानसभा अध्यक्ष को 16 विधायकों को अपात्र करना पड़ा, तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो अगली रणनीति क्या होगी? बता दें कि इसी मामले में सलाह लेने के लिए पिछले शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर भी दिल्ली गए थे। दिल्ली से लौट के बाद उन्होंने इस मामले में तेजी दिखाई है और सोमवार को सुनवाई के लिए विधायकों को नोटिस जारी किया है।
शिवसेना विधायकों के अपात्रता प्रकरण में यह तेजी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में देरी करने को लेकर नाखुशी जाहिर की थी। जानकारों का कहना है कि इसी पृष्ठभूमि में अमित शाह ने शिंदे और फडणवीस से एनसीपी के साथ सरकार में समन्वय पर भी चर्चा की है।
बीजेपी के एक भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक तीनों नेताओं के बीच आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। पिछले कुछ दिनों से शिवसेना के शिंदे गुट और बीजेपी के बीच कुछ सीटों को लेकर बयानबाजी चल रही है। इनमें एक सीट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे की भी है। बीजेपी ने श्रीकांत शिंदे की सीट पर फोकस किया हुआ है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कई बार शिंदे के चुनाव क्षेत्र में बैठक कर चुके हैं। बीजेपी की संरचनात्मक बैठकें भी कल्याण डोंबिवली चुनाव क्षेत्र में लगातार जारी हैं। इसको लेकर शिंदे गुट में नाराजी बताई जा रही है। शिंदे गुट के लोगों का कहना है कि जब यह चुनाव क्षेत्र बीजेपी का है ही नहीं, तो इस तरह की बैठकों और कवायद का क्या मतलब है? सूत्रों की माने तो अजीतदादा के वादे के मुताबिक NCP चीफ शरदचंद्र पवार अपनी पार्टी NCP दल के विधायकों के साथ खुलकर भाजपा को समर्थन करने पर आना कानी कर क्यों रहे है?हैरत करने वाली बात है?