3 दिन रहेगा इंटरनेट बंद : किसानों का दिल्ली कूच से पहले हरियाणा सरकार अलर्ट ? बॉर्डर पर बैरिकेडिंग
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नई दिल्ली । किसानों का दिल्ली कूच से पहले हरियाणा सरकार अलर्ट पर, बॉर्डर पर बैरिकेडिंग, धारा 144 चंडीगढ़। पंजाब में किसानों का प्रदर्शन तेज हो गया है। 13 फरवरी को किसानों के दिल्ली कूच से पहले हरियाणा सरकार अलर्ट हो गई है। पंजाब से लगती हरियाणा की सीमाओं पर पुलिस ने बैरिकेडिंग शुरू कर दी है। 3 दिन इंटरनेट बंद रहेगा
इसके साथ ही बुधवार को हरियाणा के सोनीपत में धारा 144 लागू कर दी गई है। उधर, किसानों ने भी 13 फरवरी को दिल्ली की ओर कूच करने की तैयारी तेज कर दी है। आपको बता दें कि गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करने का ऐलान किया है।
सोनीपत में धारा 144 लागूवहीं किसानों के आह्वान को देखते हुए बुधवार को हरियाणा के सोनीपत में धारा 144 लागू कर दी गई। पुलिस ने अगले आदेश तक पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने, किसी भी तरह के पोस्टर लगाने, सभा करने, पैदल या ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य वाहनों से जुलूस निकालने और किसी भी तरह के हथियार ले जाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है।
किसान नेताओं ने कहा कि 13 फरवरी को ‘दिल्ली मार्च’ का कार्यक्रम बनाया गया है। इसे ‘किसान आंदोलन-2’ नाम दिया गया है। इस मार्च में उत्तर भारत के 18 किसान संगठन शामिल हैं। इनमें हरियाणा के 7, पंजाब के 10 और हिमाचल प्रदेश का एक किसान संगठन शामिल है।
इस आंदोलन का बुरा असर कृषि मजदूरों पर पड रहा है। छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश और दिल्ली प्रदेश से आए कृषि श्रमिकों को अपनी रोजी रोटी गंवानी पड रही है। विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहीत की गई हैं। किसानों की मांग है कि इनका बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए। किसानों की और भी कई मांगें हैं। किसान आंदोलन की वजह से नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले रास्ते बुरी तरह जाम हो गए है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान अपनी जमीन का बढ़ा मुआवजा चाहते हैं। किसानों की मांग है कि उन्हें उनकी जमीन के बदले विकसित भूखंड मिलना चाहिए
अपनी मांग को लेकर दिल्ली की तरफ निकले किसान, पुलिस ने बॉर्डर पर रोका
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नवभारतटाइम्स.कॉम
जमीन के मुआवजे समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 149 गांवों के किसान आंदोलन की राह पर हैं। गुरुवार को हजारों की संख्या में किसान संसद कूच कर रहे हैं। इनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। दिल्ली की तरफ बढ़ रहे किसानों को पुलिस ने बॉर्डर पर रोक लिया है। किसान वहीं बैठक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान आंदोलन की वजह से नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले रास्तों पर कई किलोमीटर तक जाम लग गया है। आइए आपको बताते हैं कि किन मांगों को लेकर 149 गांवों के किसान आंदोलन कर रहे हैं।
किसान संगठन दिसंबर 2023 से नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की तरफ से अधिग्रहीत अपनी जमीनों के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा और विकसित भूखंड देने की मांग को लेकर विरोध- प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि 10 प्रतिशत प्लॉट, आबादी का पूर्ण निस्तारण, बढ़ा हुआ मुआवजा और स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाए। गौरतलब है कि सरकारी परियोजनाओं, विकास कार्य समेत कई दूसरे प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली-एनसीआर के आसपास इलाकों के गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई है। किसानों की इन मांगों का कई संगठनों ने समर्थन किया है
नोएडा में किसानों का जमावड़ा
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7 फरवरी को हुई किसान महापंचायत
किसान नेता सुखबीर खलीफा का कहना है कि मांगों के निस्तारण के लिए 7 फरवरी को नोएडा में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। इसके बाद 8 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया गया। उनका कहना है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं किया रहा है। यही वजह है कि उन्हें दिल्ली कूच के लिए मजबूर होना पड़ा है।
दूर तक लगा जाम
किसान गुरुवार को नोएडा में महामाया फ्लाईओवर के नीचे हजारों की संख्या में जमा हैं। पुलिस ने दिल्ली और नोएडा के बीच बॉर्डर को सील कर दिया है। किसानों को नोएडा से आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा है। किसान जहां तहां सड़क पर बैठ गए हैं। इसकी वजह से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। दिल्ली के डीएनडी बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर और कालिंदी कुंज बॉर्डर पर भीषण जाम है। बॉर्डर इलाके में दिल्ली पुलिस की बेरेकेडिंग के चलते ट्रैफिक प्रभावित है। जीटी रोड, यूपी गेट, महाराजपुर और ज्ञानी बॉर्डर की तरफ सुबह से जाम में वाहन फंसे हुए