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बीमार पत्नी से जबरदस्ती घर के काम करवाना क्रूरता? हाईकोर्ट ने की टिप्पणी

बीमार पत्नी से जबरदस्ती घर के काम करवाना क्रूरता? हाईकोर्ट ने की टिप्पणी

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

नई दिल्ली: बीमार पत्नी से जबरदस्ती घर के काम करवाना क्रूरता है। तलाक के एक मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि जब कोई पत्नी अपनी मर्जी से घर के काम करती है तो वह ऐसा अपने परिवार के प्रति प्यार और ममता की वजह से करती है। जब पत्नी की तबीयत खराब है तब उसे घर के काम करने के लिए मजबूर करना क्रूरता है। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने तलाक के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा, ‘हमारी राय में, जब एक पत्नी अपनी मर्जी से घर के काम करती है, तो वह अपने परिवार के प्रति स्नेह और ममता के कारण ऐसा करती है। यदि उसका स्वास्थ्य या अन्य परिस्थितियों की वजह से वह काम नहीं कर पाती, तो उसे जबरदस्ती काम करने के लिए कहना निश्चित रूप से क्रूरता है।’

 

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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया की महिला के पति ने किसी तरह की क्रूरता नहीं की थी क्योंकि वह पत्नी को घर के काम करने के लिए मजबूर नहीं करता था। इसके बजाय उसने यह सुनिश्चित किया कि घरेलू काम के लिए एक सहायिका मौजूद रहे। हाईकोर्ट ने कहा, दूसरी तरफ मामले के तथ्यों से पता चलता है कि महिला गलत थी। उसने न केवल अपने पति पर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के बेतुके आरोप लगाए बल्कि उसके और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक शिकायतें भी कीं। कोर्ट ने पति की याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें तलाक दे दिया।

 

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कोटा से लापता छात्रा पर पुलिस का बड़ा खुलासा, कहा- किसी कोचिंग में नहीं है रजिस्टर्ड पति ने आगे कहा कि उसकी पत्नी ने आरोप लगाया कि उसका अफेयर चल रहा है। उसने बताया कि फैमिली कोर्ट इस बात को समझने में विफल रही कि पत्नी ने उसके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया था। कोर्ट ने कहा, ‘ऐसे आरोप जिससे जीवनसाथी के चरित्र का हनन होता है, वे घातक क्रूरता के समान हैं, जो शादी की नींव हिला देते हैं। वर्तमान मामले में, प्रतिवादी ने एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का आरोप लगाकर पति पर क्रूरता की है।’

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