टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नई दिल्ली। गुजरात में लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपनी कमर कसकर धुंआधार प्रचार शुरु है। भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की सिर्फ जीत ही नहीं बल्कि 5 लाख की लीड से सफलता हासिल करने का दावा कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के प्रभारी व राज्य सभा सांसद मुकुल वासनिक ने भी गुजरात का दौरा किया। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रह चुके अशोक गहलोत भी दौरा कर चुके हैं।
गुजरात में लोकसभा की सभी 26 सीटों पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है। 12 अप्रैल से इसके लिए नामांकन भरे जाने हैं। फिलहाल चुनाव का वह माहौल तो नहीं है, लेकिन फिर भी सुस्ती के साथ ही चुनाव प्रचार शुरू हो गया है। भाजपा ने जहां सभी 26 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, वहीं कांग्रेस ने अभी तक 20 प्रत्याशियों का ऐलान किया है। पार्टी को चार सीटों पर अब भी उम्मीदवार घोषित करने बाकी हैं। इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी ने दो सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील लगातार बूथ प्रमुख के सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं।
भाजपा अपने प्रत्याशियों की सिर्फ जीत ही नहीं बल्कि 5 लाख की लीड से जीत हासिल करने का दावा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी चुनाव प्रचार का आगाज किया है। अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के प्रत्याशी लगातार चुनाव प्रचार में लगे हैं। उधर कांग्रेस के प्रभारी व राज्य सभा सांसद मुकुल वासनिक ने भी गुजरात का दौरा किया। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रह चुके अशोक गहलोत दौरा कर चुके हैं। उन्होंने बनासकांठा में एक चुनाव सभा भी आयोजित की। राजस्थान में जोधपुर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र भाटी भी यहां पर चुनाव प्रचार के लिए आ चुके हैं।
रुक नहीं रहा विवाद
गुजरात में धीरे-धीरे चुनाव प्रचार जोर पकड़ रहा है। हालांकि इन दिनों सिर्फ और सिर्फ केंद्रीय मंत्री और राजकोट लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी परषोत्तम रूपाला की चर्चा और विवाद के घेरे में हैं। बीते 22 मार्च को दिए गए बयान को लेकर क्षत्रिय समाज की ओर से लगातार उनका विरोध किया जा रहा है। राज्य के अलग-अलग जगह रूपाला के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, कई जगहों पर ज्ञापन भी दिए जा रहे हैं, रैलियां निकाली जा रही है। यह स्थिति तब है जब रूपाला दो बार माफ़ी भी मांग चुके हैं। क्षत्रिय समाज को पाटीदार समाज व मालधारी समाज सहित अन्य समाज का भी समर्थन मिल रहा है। राज्य के मंत्रीगण और भाजपा के वरिष्ठ क्षत्रिय नेता भी लगातार क्षत्रिय समाज को मनाने में लगे हुए हैं। लेकिन अभी तक इसका कोई भी समाधान नहीं निकल सका है। क्षत्रिय समाज रूपाला की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग पर अड़ा हुआ है।
लगाया पूरा दमखम
भाजपा जहां पर लगातार तीसरी बार राज्य की सभी 26 सीटों पर जीत के लिए पूरे दमखम लगा रही है, वहीं पिछले दो लोकसभा चुनावों से एक भी सीट नहीं जीतने के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी इस बार एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। गुजरात मे त्रिकोणीय मुकाबला जोर-शोर से शुरु है।