भाजपा-सेना गठबंधन में CM शिंदे और DCM आदित्य ठाकरे को चांस
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई। पूर्व पर्यावरण मंत्री और शिवसेना(UBT)के युवा नेता आदित्य ठाकरे का मानना है कि वे बीजेपी के वोटबैंक में सेंध नहीं लगाना चाहते थे?
आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘अगर मेरे सहयोगी शिंदे गुट अच्छा प्रदर्शन करेंगे, तो मुझे खुशी होगी. मेरे दादा इसी सिद्धांत का पालन करते थे, मेरे पिता ने भी इसका पालन किया है.समझा जा रहा है कि अगर CM की कुर्सी के लालच में अजीत पवार वापस अपने चाचाश्री शरदचंद्र पवार के साथ जुड़ जाते हैं?तो यूबीटी शिवसेना और शिंदे सेना गुट वापस एक साथ भाजपा से जुड़ाव हो सकता हैं? यानी अजीत दादा के रिक्त स्थान पर आदित्य ठाकरे को DCM पद से विभूषित किया जा सकता है?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं. सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटी हैं. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार (27 सितंबर) को कहा कि उनकी पार्टी ने अन्य राज्यों तक अपना प्रसार नहीं किया, क्योंकि वह अपनी पूर्व सहयोगी बीजेपी के वोटों में सेंध नहीं लगाना चाहती थी.
आदित्य ठाकरे ने सीएनएन न्यूज 18 के ‘टाउनहॉल’ कार्यक्रम में कहा, “बीजेपी की वजह से हम दूसरे राज्यों में नहीं फैले, हमने खुद को पीछे ही रखा. हम इसलिए नहीं गए क्योंकि अपने सहयोगी दल के वोटों में सेंध नहीं लगाना चाहते थे.” वहीं उन्होंने दावा किया महाराष्ट्र में बीजेपी आज जो है, वो उनके दादा बाल ठाकरे की वजह से है. बता दें अतीत में अविभाजित शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन के बावजूद गोवा जैसे पड़ोसी राज्यों में चुनाव लड़ा है.
आदित्य ठाकरे क्या कहा?
कुछ महीने पहले हुए 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा (एसपी) का प्रदर्शन उनकी पार्टी से बेहतर होने के बारे में पूछे जाने पर आदित्य ठाकरे ने कहा, “अगर राकांपा (एसपी) और कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो मुझे खुशी होगी, क्योंकि हम सहयोगी हैं. मेरे दादाजी इसी सिद्धांत का पालन करते थे, मेरे पिता ने भी इसका पालन किया है.”
वहीं उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर दावा किया कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार आने वाली है. बीजेपी की लूट और राजनीति से लोग परेशान हैं. उन्होंने महाराष्ट्र में बदलाव होने का दावा किया. उन्होंने कहा, बीजेपी खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताती है. इलेक्टोर बॉन्ड से सबसे ज्यादा फंडिंग उसे मिली. ईडी, आईटी, सीबीआई और यहां तक कि चुनाव आयोग भी उनके साथ था, तब भी वो आम चुनाव में 9 ही सीट जीत सके.