वात व्याधि अवसाद निवारण के लिए अश्वगंधारिष्ट सिरप के लाभ
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नागपुर। बैद्यनाथ अश्वगंधारिष्ट सिरप तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने और समग्र प्रतिरक्षा में सुधार करने के लिए तैयार किया गया है। यह शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है और शारीरिक सहनशक्ति को बढ़ाता है। यह शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ावा देता है और शरीर को बेहतर ढंग से काम करने में मदद करता है।
विशेषज्ञ की उपस्थिति में ही इस्तेमाल करना चाहिए. तो आइए आपको अश्वगंधारिष्ट के होने वाले फायदों से अवगत कराएं.
अवसाद और चिंता में
अश्वगंधारिष्ट एक बेहद प्रभावशाली और दमदार आयुर्वेदिक औषधि है. कई महत्वपूर्ण समस्याओं के निदान के लिए इसका सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जाता है. अवसाद और चिंता के मरीजों के इलाज में भी ये मदद करता है.
याददाश्त सुधारने में
अश्वगंधारिष्ट में मिश्रित तमाम जड़ी-बूटियों का संयुक्त प्रभाव इतना ज्यादा होता है कि इससे हमारी याददाश्त में भी आशाजनक सुधार आता है. यदि आप इसका नियमति इस्तेमाल करें तो प्रभावी रूप से ये आपके मस्तिष्क की क्षमता को भी सुधारेगा.
नसों को शांत करने में
इसकी मदद से आप अपने शरीर के नसों को भी आराम दे सकते हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि इसके इस्तेमाल से हमारे शरीर की नसें शांत होती हैं. इसके नियमति सेवन से आपको कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे मिलते हैं.
पाचन तंत्र की मजबूती के लिए
हमारे शरीर के पाचनतंत्र का बेहतर सेहत कई बिमारियों के संभावना को खत्म कर सकता है. जब आप अश्वगंधारिष्ट का सेवन करते हैं तो आपके पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है. मजबूत पाचनतंत्र आपके लिए स्वास्थ्य का द्योतक साबित होता है.
स्वास्थ्य सुधार में मदद
अश्वगंधारिष्ट में पाए जाने वाले तमाम गुणों के आधार पर आप ये कह सकत हैं कि इसका सेवन आपको कई स्वास्थ्य लाभ देकर आपके स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है. यानी ये कहा जा सकता है कि ये आपके समग्र स्वास्थ्य के सुधार में मदद करता है.
अश्वगंधारिष्ट लेने में बरतें ये सावधानियां
ज़्यादातर लोग अश्वगंधारिष्ट खाने के बाद लेते हैं. किंतु हर किसी की प्रतिरोधक क्षमता अलग होती है इसलिए अश्वगंधारिष्ट लेने से पहले चिकित्सकीय मदद अवश्य लें.
कुछ दवाइयों को भारत सरकार ने अनुसूची H या X में डाल दिया है, यानी यह नियंत्रित पदार्थ हैं. डॉक्टर से पूछे बिना कोई दवाई लेना शुरू ना करें.
अश्वगंधारिष्ट को रोकने से पहले अपनी स्थिति अपने डॉक्टर को बतायें और फिर निर्णय लें.
विशेषज्ञों से बात करने के बाद ही अपने लिए तय करना चाहिए कि अश्वगंधारिष्ट की सही मात्रा कितनी होनी चाहिए.