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मां शैलपुत्री की महिमा और महत्व इस प्रकार

मां शैलपुत्री की महिमा और महत्व इस प्रकार

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

मां शैलपुत्री की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

मां शैलपुत्री की पूजा से जीवन में स्थिरता आती है.

मां शैलपुत्री की पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है.

मां शैलपुत्री की पूजा से घर में खुशहाली आती है.

मां शैलपुत्री की पूजा से मूलाधार चक्र जागृत होता है.

मां शैलपुत्री की पूजा से चंद्रमा से जुड़े सभी प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं.

मां शैलपुत्री की पूजा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

मां शैलपुत्री को सौम्यता, करुणा, स्नेह, और धैर्य का प्रतीक माना जाता है.

मां शैलपुत्री बेहद दयालु और कृपालु हैं.

मां शैलपुत्री की कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है.

मां शैलपुत्री का बीज मंत्र है – ह्रीं शिवायै नम:.

मां शैलपुत्री का स्तुति मंत्र है – *या देवी सर्वभू‍तेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता.*

 

मां शैलपुत्री की क्या है महिमा

नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के मां शैलपुत्री स्वरूप की आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिन लोगों के विवाह में दिक्कतें आ रही हैं वो मां शैलपुत्री की पूजा जरूर करें। ऐसा करने से विवाह से जुड़ी सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं।

मां शैलपुत्री की इस तरह करें पूजा, जानिए आज किस रंग के कपड़े पहनें जिससे प्रसन्न हो जाएं माता रानी

मां शैलपुत्री की इस तरह करें पूजा, जानिए आज किस रंग के कपड़े पहनें जिससे प्रसन्न हो जाएं माता रानी

नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है इस दिन ही माता दुर्गा के पहले स्वरूप की पूजा करने का विधान होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिन लोगों के विवाह में दिक्कतें आ रही हैं वो मां शैलपुत्री की पूजा जरूर करें। ऐसा करने से विवाह से जुड़ी सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं। वहीं मां शैलपुत्री की पूजा करने से माता रानी अच्छी सेहत का भी आशीर्वाद देती हैं

मां शैलपुत्री की इस तरह करें पूजा, जानिए आज किस रंग के कपड़े पहनें जिससे प्रसन्न हो जाएं माता रानी मां शैलपुत्री की पूजा

आदिशक्ति मां भवानी को समर्पित शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर, यानी आज से शुभारंभ हो गया है। आज से लेकर पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ शक्ति स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है, जो हिमालयराज की पुत्री हैं। इसी के चलते उनके नाम का अर्थ भी कुछ ऐसा है। ‘शैल’ माने पत्थर या पहाड़। पहले दिन शैलपुत्री की पूजा का महत्व भी है।

मान्यता है कि, देवी के इस स्वरूप की पूजा इसलिए की जाती है ताकि लोगों के जीवन में शैलपुत्री की नाम की तरह ही स्थिरता बनी रहे। वो अपने लक्ष्य को पाने के लिए जीवन में अडिग रहे। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। आइए जानें मां शैलपुत्री की पूजा विधि और इसकी महिमा-

ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा

नवरात्रि के पहले दिन प्रात:काल स्नान कर साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद मंदिर या पूजा घर को साफ कर गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर लें।

फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

अब देवी दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की ध्यान कर उन्हें धूप, दीप, सिंदूर, अक्षत, सफेद फूल और फल चढ़ाएं।

इसके बाद माता रानी को सफेद बर्फी या दूध से बनी शुद्ध मिठाई का भोग लगाएं।

अब दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। फिर बाद में मां के मंत्रों का उच्चारण करें।

मां अंबे की आरती के साथ पूजा का समापन करें।

नवरात्रि के पहले दिन माता रानी को जरूर लगाएं ये भोग:

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है। ऐसे में उन्हें सफेद रंग की चीजें चढ़ाना काफी शुभदायक और फलदायी माना जाता है।

ऐसे में नवरात्रि के पहले दिन देवी मां सफेद फूल और सफेद वस्त्र जरूर चढ़ाएं। वहीं भोग में माता रानी को सफेद बर्फी या दूध से बनी शुद्ध मिठाई ही अर्पित करें।

मां शैलपुत्री की क्या है महिमा

नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के मां शैलपुत्री स्वरूप की आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिन लोगों के विवाह में दिक्कतें आ रही हैं वो मां शैलपुत्री की पूजा जरूर करें। ऐसा करने से विवाह से जुड़ी सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं। वहीं मां शैलपुत्री की पूजा करने से माता रानी अच्छी सेहत का भी आशीर्वाद देती हैं।

शैलपुत्री का प्रिय रंग- सफेद

मां शैलपुत्री को सफेद रंग बेहद प्रिय है। इसलिए पूजा के दौरान उन्हें सफेद रंग की चीजें बर्फी आदि का भोग लगाया जाता है। पूजा में सफेद रंग के पुष्प भी अर्पित किए जाते हैं। माता के भक्तों को पहले दिन की पूजा में सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए, ऐसा लाभकारी बताया गया है।

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