कामठी-मौदा विधानसभा में कौन जितेंगा?किसे मिलेगा जनता का साथ?

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

नागपुर। कामठी विधानसभा सीट मे भाजपा खेलेगी कमल निशान या कांग्रेस का पंजा को मिलेगा जनता का साथ? हर तरफ वातावरण गर्म है। क्या कहते हैं समीकरण जानिए

देश आजादी के बाद कामठी विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। लेकिन वर्तमान परिवेश में यह शीट यहां भाजपा राज कर रही है। यह एक ऐसी सीट है जहां पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का सिक्का चल रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कौन किस पर भारी पड़ने वाला है, यह देखने लायक हो ने वाला है। गत अश्विन नवरात्र पर्व पर कांग्रेस अध्यक्ष नानाभाऊ पटोले कोराडी महाल्क्षमी मदिर दर्शन करने आये थे तब हूई गुप्त बैठक मे भाजपा MLC चंद्रशेखर बावनकले ने कांग्रेस की टिकट पर सुरेश भोयर का नाम सुझाया था? इस पर कांग्रेस अध्यक्ष श्री पटोले ने हां कर दी थी। नतीजतन कामठी विधान सभा सभी सीट पर सुरेश भोयर को कांग्रेस की टिकट मिल गई है। सुरेश भोयर पर श्री बावनकुळे का अहसान है? क्योंकि भाजपा की बदौलत ही सुरेशभाऊ भोयर जिला परिषद सदस्य चुनकर आये थे? उन्होने यह नही भूलना चाहिए। फिलहाल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार-प्रसार जोरो पर है परतु जमकर अटकलें शुरु हैं कि चुनाव यही वजह है कि सियासी दल और सियासतदान जोर-शोर से विधानसभा की चुनावों की तैयारियों में जुट गए हैं। महाराष्ट्र के इस चुनावी दंगल में कुल 288 कुश्तियां लड़ी जा रहीङहै।ऐसे में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कौन किस पर भारी पड़ने वाला है, यह देखने लायक है।

इस चुनावी दंगल में हम विधानसभाओं का सीट वाइज विश्लेषण कर रहे हैं। ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहां किस पार्टी या नेता का पलड़ा भारी है। इस कड़ी में आज कामठी विधानसभा सीट की बारी है। यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। लेकिन अब भाजपा यहां पर राज कर रही है। यह एक ऐसी सीट है जहां पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का सिक्का चलता है।

भाजपा का गढ़ बनी कामठी

कामठी विधानसभा सीट के गठन से लेकर 1999 तक कांग्रेस या उसका समर्थित उम्मीदवार ने ही यहां पर जीत हासिल की। हालांकि, अब यह सीट भारतीय जनता पार्टी के नाम हो गई है। भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बवानकुले का यहां खासा प्रभाव है। इस सीट पर वह तीन बार चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं। इस समय भाजपा के टेकचंद सावरकर यहां से विधानसभा के सदस्य हैं।

कामठी का चुनावी इतिहास

विधानसभा चुनाव की बात करें तो कामठी सीट पर 13 बार चुनाव हो गए हैं। जिसमें चार बार भारतीय जनता पार्टी, एक बार निर्दलीय और सात बार कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की है। 1999 में कांग्रेस की मदद से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया को भी यहां जीत मिली थी। राज्य के चर्चित नेताओं की बात करें तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बवानकुले 2004 से 2014 तक रिकॉर्ड तीन बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं।

नागपुर पश्चिम विधानसभा सीट: विकास ठाकरे दोहराएंगे प्रदर्शन या बीजेपी वापस छीनेगी अपना गढ़?

कामठी में कब किसे मिला जनादेश

वर्ष उम्मीदवार पार्टी

2019 टेकचंद सावरकर भाजपा

2014 चंद्रशेखर बावनकुले भाजपा

2009 चंद्रशेखर बावनकुले भाजपा

2004 चंद्रशेखर बावनकुले भाजपा

1999 सुलेखा कुंभारे आरपीआई

1995 देवराव राडके निर्दलीय

1990 यादवराव भोयर कांग्रेस

1985 यादवराव भोयर कांग्रेस

1980 सुरेश देवताले कांग्रेस

1978 तेजसिंहराव भोसले कांग्रेस

1972 एस. ए. पठान कांग्रेस

1967 एस. ए. पठान कांग्रेस

1962 अनंतराम चौधरी कांग्रेस

कामठी के जातीय समीकरण

कामठी विधानसभा एक हिन्दू कुनवी ओबीसी बहुल विधानसभा है। 2019 के आंकड़ों के मुताबिक यहां बौद्ध और मुस्लिम वोटर कुल वोट का 25 प्रतिशत है। जिसमें मुस्लिम 10 प्रतिशत और बौद्ध 15 प्रतिशत है। जबकि अनुसूचित जनजाति के मतदाता 23,756 हैं। अनुसूचित जनजाति (जिसमें बौद्ध धर्म मनाने वाले शामिल) करीब 76,037 हैं। वहीं, हिंदुओं में कुनबी मतदाता यहां निर्णयक है।

चुनाव के प्रमुख मुद्दे

कामठी विधानसभा सीट नागपुर के ग्रामीण और शहरी इलाका है। नागपुर शहर का जो विस्तार हो रहा है इसी विधानसभा में सबसे ज्यादा है। जिसकी वजह से क्षेत्र में बड़ी संख्या में अनाधिकृत लेआउट हो गए हैं। इन क्षेत्रों में सड़क, पानी सीवेज लाइन जैसे मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इसी के साथ रोजगार, सड़क और स्वास्थ्य भी यहां के प्रमुख मुद्दों में से एक है।

नागपुर दक्षिण विधानसभा सीट: 2019 में भाजपा-कांग्रेस के बीच हुई थी कड़ी टक्कर, इस बार कौन बचा पाएगा साख?

क्या है वर्तमान स्थिति

कामठी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की स्थिति काफी मजबूत दिखाई दे रही है। लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहां तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस उम्मीदवार को यहां लोकसभा में महायुति उम्मीदवार के मुकाबले ज्यादा वोट मिले। साथ ही वर्तमान विधायक टेकचंद सावरकर को लेकर जनता में वैसी लहर नहीं दिखाई दे रही है। लोगों में हाल ही में आई बाढ़ के कारण ज्यादा नाराजगी है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती

About विश्व भारत

Check Also

सुधीरभाऊंसाठी ‘लाडक्या बहिणी’ बनल्या रणरागिणी

बल्लारपूर – विधानसभा निवडणुकीत लाडकी बहीण योजना सुपरहिट ठरल्याने महायुतीचे पारडे जड झाल्याचे रिपोर्टस् मिळू …

नागपुर में प्रियांका गांधी के रोड शो की चर्चा जोरो पर

नागपुर में प्रियांका गांधी के रोड शो की चर्चा जोरो पर टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *