सैकडों महिलाओं का सुहाग उजाडने वाला दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में!
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्रा: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई। विगत 12 मार्च 1093 मे मुंबई बम ब्लास्ट का मुख्य सरगना दाऊद इब्राहिम ऑपरेशन सिंदूर के बाद कहां छिपा हुआ है। भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय रक्षा मंत्रालय से देश की जागरूक जनता सबाल कर रही है. सरकार इस खतरनाक आतंकवादी को गिरफ्तार करने के लिए आनाकानी क्यों कर रही है? दाऊद इब्राहिम?2001 में 257 मौत और 1,400 घायल का जिम्मेदार है. अमेरिका में जब 9/11 का हमला हुआ तो पूरी दुनिया में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाइयां शुरू हो गईं.तब से भारत और अमेरिका की नजदीकियां बढ़ने लगीं. इस माहौल में दाऊद घबरा गया और उसने कराची को अपना परमानेंट ठिकाना बना लिया था. परंतु वह मुंबई बम ब्लास्ट का मुख्य सरगना दाऊद इब्राहिम ऑपरेशन सिंदूर के बाद कहां पर छिपा है.सरकार उस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद के खिलाफ जंग छेड़ दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम इस वक्त कहां है. क्या वह अभी भी कराची के क्लिफ्टन इलाके में है या फिर उसे किसी महफूज जगह भेज दिया गया है? अपुष्ट खबरों के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत-पाक तनाव को देखते हुए दाऊद इब्राहिम और उसके घरवालों को कराची से हटाकर पाकिस्तान के किसी और ठिकाने पर भेज दिया है. दाऊद 2001 से कराची में रह रहा था, चूंकि भारतीय फौज लगातार आतंकियों के अड्डों को निशाना बना रही है, तो ये डर था कि कहीं दाऊद भी न मारा जाए. भारतीय एजेंसियां तीन बार उसे खत्म करने की कोशिश कर चुकी हैं, लेकिन हर बार नाकाम रहींय
दाऊद 1986 में हिंदुस्तान से भागकर दुबई चला गया था. वहीं उसने ‘व्हाइट हाउस’ नाम का एक बंगला खरीदा और अपने पूरे गैंग को वहीं से चलाने लगा. 12 मार्च 1993 के मुंबई बम धमाकों की प्लानिंग भी इसी बंगले में हुई थी, जहां टाइगर मेमन और उसके लैंडिंग एजेंटों के साथ दाऊद की मीटिंग हुई थी. इन धमाकों के बाद भारत सरकार ने दाऊद को आतंकवादी घोषित कर दिया. उसके बाद वो दुबई और कराची के बीच आता-जाता रहा.
2001 में अमेरिका में जब 9/11 का हमला हुआ तो पूरी दुनिया में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाइयां शुरू हो गईं. भारत और अमेरिका की नजदीकियां बढ़ने लगीं. इस माहौल में दाऊद घबरा गया और उसने कराची को अपना परमानेंट ठिकाना बना लिया.
कराची में उसने पोस्ट क्लिफ्टन नाम के इलाके में घर बसाया. ये जगह डिफेंस कॉलोनी के बगल में है और कराची का सबसे ज्यादा सुरक्षित इलाका माना जाता है. दाऊद यहां अपनी बीवी महजबीन, बेटे मोइन, भाइयों अनीश, हुमायूं, मुस्तफा और बेटे नूर के साथ रहता था. नूर की कुछ साल पहले मौत हो गई; वो बॉलीवुड फिल्मों के लिए गाने लिखा करता था. दाऊद के साथ उसके गैंग के खास लोग भी आस-पास ही रहते थे. जैसे उसका सबसे भरोसेमंद आदमी छोटा शकील, जिसका घर भी पास ही था.
बताया जाता है कि पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक रिश्तों में जो तनाव बढ़ा, उसे देखते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही दाऊद, उसके घरवालों और खास गुर्गों को कराची से हटा लिया गया था. मुन्ना झिंगाड़ा – वही डी कंपनी का शूटर जिसने 2000 में बैंकॉक में छोटा राजन पर हमला किया था — उसे भी किसी अज्ञात जगह पर छिपा दिया गया है.
पाकिस्तान के लिए दाऊद एक बड़ा ‘एसेट’ रहा है. न सिर्फ 1993 के धमाकों में, बल्कि उसके बाद भी कई खून-खराबे और हाई-प्रोफाइल मर्डर की साजिशें आईएसआई ने उसके नेटवर्क के ज़रिए अंजाम दीं. फर्जी नोट और हथियारों की सप्लाई भी डी कंपनी के जरिए ही होती रही.
दाऊद अब पाकिस्तान छोड़कर कहीं नहीं जा सकता क्योंकि भारत ने इंटरपोल से उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवा रखा है. अमेरिका ने भी उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया है और यूनाइटेड नेशंस की नजर में भी वो इंटरनेशनल आतंकवादी है. अगर वो पाकिस्तान से बाहर निकलने की कोशिश करता है, तो उसके पकड़े जाने का खतरा बहुत बड़ा है.
एक ही दिन के हमलों में 257 मौतें हुईं और 1,400 घायल हुए। हमलों का समन्वय दाऊद इब्राहिम ने किया था, जो मुंबई स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध सिंडिकेट डी-कंपनी का नेता है। कई सालों तक इस बात को लेकर संशय की स्थिति बनी रही कि विस्फोट 12 थे या 13।भारत की एयरस्ट्राइक के डर से भागा दाऊद इब्राहिम
भारत की पाकिस्तान पर बीते कुछ दिनों में की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की नींद उड़ा दी है. सूत्रों के अनुसार दाऊद इब्राहिम भारत की एयरस्ट्राइक से घबराकर कराची से भाग गया है. बताया जा रहा है कि दाऊद इब्राहिम के साथ-साथ उसके गुर्गे अनीश और छोटा शकील भी कराची छोड़कर निकल गए हैं. भारत की सैन्य कार्रवाई के कारण दाऊद इब्राहिम अपने गुर्गों के साथ अपनी जान बचाने के लिए एक जगह से दूसरे जगह भागता फिर रहा है.
आपको बता दें कि 7 मई की रात में भारतीय सेना और वायुसेना की जोड़ी चुपचाप वह कर चुकी थी, जो 1971 के बाद कभी नहीं हुआ था. भारतीय सेना की ओर से बीते मंगलवार-बुधवार की रात 25 मिनट तक चले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकियों के 9 ठिकानों पर अटैक किया गया था. इस एयर स्ट्राइक के बारे में भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग के जरिए जानकारी दी थी.
इस प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि 25 मिनट में आतंकियों की पनाहगाहों को चुन-चुन कर मिट्टी में मिलाया गया. इनमें वो ठिकाने भी थे जहां कभी कसाब और हेडली जैसे आतंकियों को ट्रेनिंग मिला था. वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि मंगलवार-बुधवार देर रात 1 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट के बीच ये हमला किया गया था. पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया. नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और उन्हें सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया.भारतीय सेना की इस कार्रवाई में करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की खबर है. सेना आतंकी ठिकानों को भी तबाह कर दिया था.