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सांगाखेड़ा ग्राम पंचायत में सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

सांगाखेड़ा ग्राम पंचायत में सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

छिन्दवाडा। जिले के जुन्नारदेव जनपद पंचायत अंतर्गत

सांगाखेड़ा ग्राम पंचायत में सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, ग्रामीणों ने की कलेक्टर से शिकायत की है.

जनपद पंचायत जुन्नारदेव के ग्राम पंचायत सांगाखेड़ा के सचिव स्वरूपलाल मालवीय के खिलाफ ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार, लापरवाही और विवादित कार्यप्रणाली के गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कलेक्टर, छिंदवाड़ा को शिकायत पत्र सौंपा है। ग्रामीणों ने सचिव को तत्काल हटाने और उनकी कार्यप्रणाली की जाँच की माँग की है। शिकायत में बताया गया कि विगत पाँच वर्षों से सांगाखेड़ा में पदस्थ सचिव द्वारा ग्रामीणों के कार्य समय पर नहीं किए जा रहे, जिससे छोटे-छोटे कार्यों के लिए ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव को ऑनलाइन कार्यों का कोई ज्ञान नहीं है, जबकि वर्तमान में पंचायत के अधिकांश कार्य डिजिटल माध्यम से हो रहे हैं। वही बताया कि मध्यप्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना के तहत सांगाखेड़ा की 40 से 50 महिलाएँ लाभ से वंचित रह गईं। शिकायत के अनुसार, जब योजना के आवेदन भरे जा रहे थे, तब रोजगार सहायक संगठन की हड़ताल के दौरान सचिव की ऑनलाइन कार्य में अक्षमता के कारण यह लापरवाही हुई। ग्रामीणों ने इस मामले की जाँच की माँग की है।

वही शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि सचिव की लापरवाही के कारण ग्राम पंचायत के 15 से 20 पेंशन हितग्राही अपनी पेंशन से वंचित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही से बुजुर्गों और जरूरतमंदों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही ग्रामीणों ने सचिव पर निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। शिकायत पत्र में कहा गया कि पंचायत में प्राप्त और व्यय राशि की जानकारी न तो ग्रामीणों को दी गई और न ही पंचायत की बैठकों में इसकी चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त, सचिव का पूर्व इतिहास भी विवादों से भरा रहा है। वे पहले ग्राम पंचायत रिछेड़ा में 4-5 वर्ष तक भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित रहे थे। साथ ही, ग्राम पंचायत पनारा में भी उनकी कार्यप्रणाली के कारण उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं दिए गए थे। खमराकला पंचायत में भी उनकी विवादित कार्यशैली के कारण ग्रामीणों के साथ उनकी हाथापाई की घटनाएँ सामने आई हैं। हालाँकि सचिव का स्थानांतरण ग्राम पंचायत चिखलार, जनपद पंचायत जुन्नारदेव में हो चुका है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि उनकी अक्षमता और भ्रष्टाचार के कारण सांगाखेड़ा में समस्याएँ बरकरार हैं।

शिकायत में उपसरपंच मेहरबान ढीकू, पंच अशोक कुमार अखाड़ी, सुमरसिंग भोपा, रतन अखाड़ी, रामसिंग अखाड़ी, श्रीराम धारणवार, रवि भोपा सहित अन्य ग्रामीणों शामिल है.

पंचायत सचिव के करीबी सूत्रों की माने तो सांगानेर के कुछेक छुटभैये लीडर और चाटुकार पत्रकारों को चंदा और देन चाहिए. पर सचिव को यह संभव नहीं है. परिणामत: उन्हे बदनाम करने की साजिश रची जा रही है.

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