शहद के साथ अश्वगंधा खाने से बढ़ जाएगी रोशनी और हट जाएगा चश्मा
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के नेत्ररोग विशेषज्ञों के आंखों की कमजोरी को दूर करने के लिए शहद का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। शहद में सूजन-रोधी एंटीऑक्सीडेंट और जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं, जो आंखों को क्षति से बचाने और आंखों से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
चरक संहिता में अश्वगंधा को रसायन के रूप में वर्णित किया गया है जो बुद्धि, बल और नेत्रों के लिए उपयोगी बताया जाता है।खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल हमारी आंखों का भी दुश्मन बनता जा रहा है। हमारी डाइट में बॉडी के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे विटामिन A,विटामिन C,विटामिन E, और ज़िंक की कमी होती जा रही है और हमारी आंखों से धुंधला दिखाई देने लगा है। आंखों के कमजोर होने के लिए और भी कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। स्क्रीन का अधिक इस्तेमाल जैसे लगातार मोबाइल, टीवी और लैपटॉप पर रहने से आंखों पर तनाव पड़ता है। गैजेट्स की ब्लू लाइट आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं। नींद की कमी भी आंखों की रोशनी को कम करती है। धूल, प्रदूषण और कुछ बीमारियों जैसे डायबिटीज, थायरॉइड की वजह से भी आंखें कमजोर होने लगती हैं।
conloneyeinstitute के मुताबिक आंखों की कमजोरी को दूर करने के लिए शहद का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। शहद आंखों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसमें ऐसे गुण होते हैं जो आंखों की सूजन को कम कर सकते हैं, उन्हें संक्रमण से बचा सकते हैं और नजर कमजोर होने की संभावना को घटा सकते हैं। शहद में सूजन-रोधी एंटीऑक्सीडेंट और जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं, जो आंखों को क्षति से बचाने और आंखों से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। शहद के साथ अगर अश्वगंधा का सेवन किया जाए तो ये सोने पर सुहागा साबित होता है। आइए जानते हैं कि आंखों की रोशनी बढ़ाने में शहद और अश्वगंधा का सेवन कैसे असरदार साबित होता है।
डायबिटीज मरीजों की दवा हैं ये 3 फूड, एक चीज रोज़ करें डाइट में शामिल, बिना मेडिसिन के Blood Sugar रहेगा कंट्रोल,अश्वगंधा कैसे आंखों की रोशनी बढ़ाता है?
चरक संहिता में अश्वगंधा को रसायन के रूप में वर्णित किया गया है जो बुद्धि, बल और नेत्रों के लिए उपयोगी बताया जाता है। एक अध्ययन के अनुसार अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं जो रेटिना की कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाने में मददगार साबित होते हैं। अश्वगंधा वात और कफ दोष को संतुलित करता है। आयुर्वेद के अनुसार जब ये दोष असंतुलित होते हैं तो आंखों की शक्ति पर नकारात्मक असर पड़ता है। इस जड़ी बूटी का सेवन करने से थकान कम होती है और और तनाव कंट्र्रोल रहता है। इसका सेवन करने से रक्त संचार बेहतर होता है। ये आंखों की कोशिकाओं को पोषण देता है जिसे विजन में सुधार होता है।अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण आंखों की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। इससे उम्र से जुड़ी आंखों की बीमारियों जैसे मोतियाबिंद की संभावना कम हो सकती है।