NCP की बैठक के होर्डिंग पर लिखा, ‘जो हो गया सो गंगा में बहने दो’
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई । एनसीपी के चिंतन शिविर के बीच कार्यकर्ताओं का कहना है कि अजित पवार और शरद पवार को एकजुट होना चाहिए. होर्डिंग्स पर लिखा है, ”महाराष्ट्र हित के लिए साहेब, दादा, ताई आप लोग फिर से एक हो जाएं.”
परंतु पिछले अनेकानेक सालों से लिख कोशिशों के बावजूद भी सब एक नहीं हो पा रहे हैं.
नागपुर में उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का एक दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित किया गया है. इस शिविर स्थल पर लगाया गया फ्लेक्स और होर्डिंग्स सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है.
फ्लेक्स पर लिखा है, “जो हो गया सो गंगा में बहने दो, महाराष्ट्र हित के लिए साहेब, दादा, ताई आप लोग फिर से एक हो जाएं.” पार्टी के मुंबई के महासचिव राजू घुगे और दिनेशचंद्र हुलवले ने यह फ्लेक्स लगाया है. इनकी इच्छा है कि अजित पवार और एनसीपी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार एक हो जाएं.
फिर से एक हो जाइए!
फ्लेक्स पर आगे लिखा गया है, “आपके चरणों में नतमस्तक होकर आपसे विनती करता हूं. साहेब (शरद पवार), दादा (अजित पवार), ताई (सुप्रिया सुले) हम हमेशा आपके साथ हैं, लेकिन हमें आपको साथ-साथ देखना अच्छा लगेगा. जो हो गया सो गंगा में बहने दो, महाराष्ट्र हित के लिए साहेब, दादा, ताई फिर से एक हो जाइए. देश के लिए, महाराष्ट्र के लिए और हमारे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लिए फिर से एक हो जाइए! फिर से एक हो जाइए! फिर से एक हो जाइए!”
राजनीति की दिलचस्प तस्वीर! NCP की बैठक से पहले होर्डिंग पर लिखा- ‘जो हो गया सो गंगा में बहने दो,
इस मौके पर NCP प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा, “आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की पृष्ठभूमि पर यह शिविर बेहद अहम है. NCP की निष्ठा केवल जनता के सर्वांगीण विकास के प्रति है. हमारा राजनीति सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में दीर्घकालिक बदलाव लाना ही हमारा मुख्य लक्ष्य है. महाराष्ट्र और देश के राजनीतिक भविष्य को आकार देने वाला महत्वपूर्ण चरण यह चिंतन शिविर है. आवश्यकताओं को पूरा करने वाली राष्ट्रवादी खड़ी करना ही इस शिविर का मुख्य उद्देश्य होगा.”
पिछले कई दिनों से यह चर्चा जारी है कि क्या दोनों राष्ट्रवादी कांग्रेस दल फिर से एक होंगे? हालांकि, दोनों पक्षों के नेताओं ने अभी तक इस पर कुछ स्पष्ट नहीं कहा है. लेकिन कई कार्यकर्ता चाहते हैं कि दोनों पवार फिर से एक हो जाएं. कुछ नेताओं और विधायकों ने भी यह इच्छा जताई है. इसी संदर्भ में बैनरों ने भी सबका ध्यान आकर्षित किया है