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शादी के झांसे में तस्करों के चुंगल में फंस रहीं खूबसूरत नाबालिक लड़कियां

शादी के झांसे में तस्करों के चुंगल में फंस रहीं खूबसूरत नाबालिक लड़कियां

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

मुंबई।नवी मुंबई में पिछले 7 महीनों में 195 खूबसूरत नाबालिग लड़कियां लापता हुईं, जिसमें से 172 लड़कियां मिल गई हैं, लेकिन 22 लडकियां अभी भी गायब हैं। पुलिस ने 19 केस पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किए हैं। अधिकतर खूबसूरत लड़कियों को शादी का झांसा देकर अगवा किया जा रहा है।

नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत पिछले 7 महीने में 195 नाबालिग लड़कियों के लापता होने की जानकारी सामने आई है। इनमें से 172 लड़कियों का पता चल चुका है, लेकिन 22 लड़कियां अब भी गायब हैं। इन मामलों में 19 केस पॉक्सो के तहत दर्ज किए गए हैं। इसमें सबसे खास बात जो सामने आई है, वह यह कि अधिकतर लड़कियों को शादी का झांसा देकर अगवा किया

शादी के झांसे में आकर तस्करों के चुंगल में फंस रहीं हैं। डरा देंगे ये चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं।

नवी मुंबई में पुलिस के तमाम सुरक्षा के उपायों के दावों के बावजूद, नाबालिग बच्चियों के लापता होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जनवरी 2023 से जुलाई 2024 के बीच करीब 600 नाबालिग बच्चों के अपहरण की रिपोर्ट विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज की गई, जिनमें 400 से ज्यादा लड़कियां थीं।

600 में 560 बरामद

560 बच्चों को पुलिस और अनैतिक मानव तस्करी प्रतिबंधक इकाई ने ढूंढ निकाला है। जनवरी से 12 अगस्त 2024 के बीच 282 अपहरण के मामलों में से 248 का पता लगा लिया गया है। इनमें से 172 लड़कियां और 76 लड़कों को उनके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया है। लेकिन, 34 मामलों में बच्चों का अब तक पता नहीं चल पाया है, जिनमें 22 लड़कियां शामिल हैं।

अन्य राज्यों में तलाश जारी

नवी मुंबई पुलिस की अनैतिक मानव तस्करी प्रतिबंधक इकाई ने पिछले 5 साल में कई जटिल अपहरण मामलों को सुलझाया है। वहीं, 34 मामलों के बच्चों की अब भी तलाश की जा रही है। बच्चों की खोज के लिए पुलिस दूसरे राज्यों की भी खाक छान रही है।

झोपड़पट्टी की गरीब और मध्यम वर्ग की घटनाएं ज्यादा

नवी मुंबई के झोपड़पट्टी और मध्य वर्गीय इलाकों जैसे रबाले, कोपरखैरणे, पनवेल शहर और तुर्भे में नाबालिगों के अपहरण की घटनाएं अधिक सामने आ रही हैं। सामाजिक संगठनों का कहना है कि इन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।

– 7 महीने में 282 बच्चों का अपहरण

– 195 लड़कियां इनमें शामिल

– 172 लड़कियों को किया रेस्क्यू

– 34 मामले अब भी है अनसुलझे

सरकारी स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा पर ध्यान

भिवंडी के निजी स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा पर ध्यान, मनपा स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा हवा में

निजी स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा पर ध्यान देना जरुरी है।,

मनपा स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा हवा में है।

बदलापुर की घटना के बाद से स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। मजदूर बहुल भिवंडी शहर भी इससे अछूता नहीं है। यहां बड़े पैमाने पर कम आय वर्ग के लोग रहते हैं, जो प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने की ताकत नहीं रखते। ऐसे में, मजदूरों के बच्चों के पास मनपा के स्कूलों का ही विकल्प बचता है। हालांकि, मनपा के किसी भी स्कूल में सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं, जिससे सुरक्षा पर सवालिया निशान लगता है।

मनपा के स्कूलों में फिलहाल सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं, लेकिन सरकार के निर्देशानुसार जल्द से जल्द आयुक्त की मंजूरी लेकर सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।

उपेंद्र संबारी, प्रशासनाधिकारी, मनपा प्राथमिक शिक्षा विभाग

बता दें कि मनपा के कई स्कूल खतरनाक श्रेणी में हैं, जिनकी मरम्मत की जा रही है। मनपा के स्कूलों में न तो सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था है, न ही अन्य कोई खास सुविधाएं। कई स्कूल तो ऐसे हैं, जहां स्टूडेंट्स जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। शहर के एक स्कूल के पूर्व मुख्याध्यापक अनिलकुमार सिंह का कहना है कि क्लास और स्कूल परिसर के साथ-साथ टॉइलेट के बाहर सीसीटीवी जरूर होने चाहिए। इसके अलावा, छात्राओं की सुरक्षा के लिए स्कूल में बालिका शिकायत निवारण समिति भी हो सकती है।

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