मुंबई। पूर्व मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे अब कांग्रेस और एनसीपी की कठपुतली के समान हो गई है! ठाकरे हिंदुत्व की राह से पूरी तरह भटक चुके है?परिणामस्वरूप देश में हिंदुत्व विरोधी गतिविधियां भी काफी तेजी से बढ़ी रही है। खबरों की मानें तो मौजूदा समय में मराठा साम्राज्य की प्रथम राजधानी रहे रायगढ़ में अवैध मस्जिद का निर्माण हो रहा है। कभी कम्युनिस्ट देश के विकास में बाधक बने थे तो शिवसेना उनका विरोध किया करते थे। तत्कालीन मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना के कारण बुलेट ट्रेन जैसी योजना अटकी हुई है, मराठवाड़ा में एक्सप्रेस-वे के कार्य में दिक्कतें आ रही थी! हालांकि,केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी की डाट फटकार के बाद अब वह कार्य पुनः शुरु हो चुका है, किन्तु यह सब परिवर्तन शिवसेना की राजनीति में हुए व्यापक बदलाव को दिखाते हैं। शिवसेना हिंदुत्व की राजनीति से काफी हद तक भटक चुकी है और यह भटकाव केवल सामाजिक और राजनीतिक नहीं है, बल्कि आर्थिक नीतियों में भी दिख रहा है। यही कारण है कि पूर्व मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना रत्नागिरी ऑयल रिफाइनरी के कार्य को अटका रही है,उद्धव ठाकरे की शिवसेना हर वो कार्य कर रही है जो कांग्रेस को पसंद आए। कांग्रेस एनसीपी को खुश रखने के लिए पूर्व मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे किसी भी हद तक गिरने जाने को उतारु हो चुके है?मूलतःवर्तमान ठाकरे की शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी की परिपाटी पर आ चुकी है!याद रहे कि शिवसेना के संस्थापक यानी शिवसेना सुप्रीमो बालासाहब ठाकरे कांग्रेस पार्टी के आलाकमान नेताओं की हिंदुत्व विरोधी कार्यप्रणालियों को लेकर कांग्रेस पार्टी की बारंबार बखिया उधेडते रहे थे। परंतु उद्धव ठाकरे ने शिवसेना सुप्रीमो अपने पिता श्री बालासाहब के विचारधाराओं की परवाह न करते हुए कांग्रेस एनसीपी की कठपुतली बनकर वह कर रहे है? जो सुप्रीमों बालासाहब ने कभी भी नहीं सोचा होगा? राजनैतिक विश्लेषकों की माने तो मुख्य मंत्री पद की अभि-लालसा लोलुपता और पुत्र मोह मे उद्धव ठाकरे ने अपना आपा खो दिया है?यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा?
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