मुंबई । नेताजी अजीत पवार, जिन पर पहले से ही कई मामले दर्ज रहे हैं, उन्होंने अपने ही चाचा शरद पवार के प्रति जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया, राजनीतिक जानकारों ने उसके पीछे इस ‘अंतिम हथियार’ को जिम्मेदार ठहराया है। विपक्षी दलों ने इसका दूसरा नाम ‘जांच एजेंसी’ रखा है
महाराष्ट्र में चल रहा सत्ता का संघर्ष और 2024 के लिए खुद को एकजुट करने के प्रयासों में जुटे विपक्ष के लिए एक बड़े जोखिम का संकेत है।गत बुधवार को मुंबई में हुए शक्ति प्रदर्शन के दौरान शरद पवार और अजित पवार गुट की तरफ से जो कुछ कहा गया, उससे कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। अजित पवार ने किसके दम पर वरिष्ठ नेता शरद पवार से कहा, आप कब रिटायर होंगे। अजीत पवार, जिनके खिलाफ पहले से ही कई मामले दर्ज रहे हैं, उन्होंने शरद पवार के प्रति जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया, राजनीतिक जानकारों ने उसके पीछे इस ‘अंतिम हथियार’ को जिम्मेदार ठहराया है। विपक्षी दलों ने इसका दूसरा नाम ‘जांच एजेंसी’ रखा है। महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है, उसमें यह हथियार बहुत अहम है।भतीजा छोटे पवार और बड़े चाचा पवार, दोनों खेमों में इसकी दस्तक रही है। अजित पवार के साथ महाराष्ट्र कैबिनेट का हिस्सा बने, छगन भुजबल, जो भ्रष्टाचार के मामले में जेल जा चुके हैं, उन्होंने अपने चाचा शरद पवार को नसीहत दे डाली। वे बोले, पवार साहेब, महाराष्ट्र के लिए सोचिए, आंखें खोलिये और देखिये, एनसीपी कहां पर है। आने वाले समय में केंद्रीय जांच एजेंसियां, विपक्षी दलों के कई नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों में कार्रवाई कर सकती हैं। कुछ नेताओं के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट तैयार हो रही है। उधर सूत्रों की माने तो विनोद तावड़े की हो सकती है महाराष्ट्र में एंट्री और प्रफुल्ल-फडणवीस बन सकते हैं केंद्र में मंत्री तथा जांच एजेंसियों के रडार पर रहे हैं दोनों पवार
जबकि एनसीपी के अजित पवार, जिन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली है, उनके खिलाफ कई मामले दर्ज रहे हैं। महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अजित पवार को 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले का आरोपी बताया था। इस मामले की जांच मुंबई हाई कोर्ट के निर्देश पर हुई थी। महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अदालत को बताया कि इस घोटाले में अजित पवार और उनके साथ रहे विभिन्न अफसरों की चूक सामने आई है। बाद में सिंचाई घोटाले से जुड़े 17 मामलों में अजित को क्लीन चिट दे दी गई। 5000 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में अजित पवार सहित 70 लोगों को आरोपी बनाया गया। अक्तूबर 2020 में इस केस में भी पवार को क्लीन चिट मिल गई। ईडी ने कथित 25,000 करोड़ रुपये के एमएससी बैंक घोटाले के सिलसिले में सीनियर पवार और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इस तरह दोनों, पवार जांच एजेंसियों के रडार पर रहे हैं।
‘पवार’ के आसपास वालों के खिलाफ भी केस
पूर्व मंंत्री छगन भुजबल पर साल 2006 में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए 100 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का ठेका देने में अनियमितता बरतने का मामला दर्ज हुआ था। एंटी करप्शन ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने अलग से उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। साल 2016 में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। साल 2018 में हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें जमानत मिल गई थी। ईडी ने भुजबल की लगभग पौने दो सौ करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की थी। पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल पर भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस हो चुका है। ईडी ने एयर इंडिया के लाभदायक सीट शेयरिंग सौदे में भी पटेल से पूछताछ की है। इसके अलावा 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के आरोपी दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी रहे इकबाल मिर्ची से जुड़े संपत्ति के मामले में प्रफुल्ल पटेल से सवाल जवाब किए गए थे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने एनसीपी नेता हसन मुश्रीफ पर भी ईडी का केस चल रहा है। उनके खिलाफ शुगर फैक्ट्री में अनियमितताएं बरतने का आरोप है।
अजित पवार ने क्यों कहा, 2024 में तो मोदी ही बनेंगे पीएम
महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा, 2024 में नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। उनके इस बयान को दूसरे दलों ने मोदी सरकार के इसी ‘अंतिम हथियार’ से जोड़ा है। छोटे पवार ने कहा, सरकारी नौकरी में लोग 58 साल में रिटायर हो जाते हैं, भाजपा में 75 साल में रिटायरमेंट मिलती है, तो अब आप कब रिटायर होंगे। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा, भाजपा ने ईडी और सीबीआई को 2024 के लिए तैयार कर दिया है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के बलबूते विपक्षी दलों की सरकार और पार्टियों में तोड़फोड़ की जा रही है। अजित पवार के परिवार के सदस्यों से जुड़ी 65 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की चीनी मिल, जिसे धनशोधन रोधी कानून के तहत कुर्क किया गया था, अब वह मामला कहां है। इस मामले में कहा जा रहा था कि अजितदादा पवार और उनकी धर्म पत्नी सुनेत्राताई अजित पवार का जेल जाना लगभग तय है, मगर एकाएक इस मामले में उन्हें क्लीन चिट दे दी जाती है।