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​माथे पर चंदन तिलक लगाकर वो विदेशी इंजीनियर सुरंग में उतरे और 41 कर्मवीर सुरक्षित बाहर निकले : भारत में हर्ष की लहर

​माथे पर चंदन तिलक लगाकर वो विदेशी इंजीनियर सुरंग में उतरे और 41 कर्मवीर सुरक्षित बाहर निकले? भारत में हर्ष की लहर

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री : सह-संपादक रिपोर्ट

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तराकाशी में सुरंग में फंसे 41 श्रमिक सुरक्षित बाहर निकाले जा चुके हैं। श्रमिक वीरों को बाहर निकालने राहत और बचाव टीम की अहम भूमिका रही है। इन सबके बीच में एक शानदार किरदार भी शामिल है जिसने इस पूरे अभियान में हीरो बन कर उभरा है।

हीरो कैसे होते हैं? एक सवाल है। इसके बाद उत्तराखंड के उत्तराकाशी में सिलक्यारा सुरंग के बाहर एक छोटे से मंदिर के बाहर बैठे सिर झुका कर बैठे हुए एक व्यक्ति की तस्वीर के साथ लिखा है, हीरो ऐसे होते हैं। उत्तराखंड में सुरंग में फंसे श्रमिकों के बाद सोशल मीडिया पर लोग खुशी जाहिर कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक अंग्रेज की खूब तारीफ हो रही है। तारीफ हो रही है इस शख्स के काम करने तरीके को लेकर। काम करने के जज्बे को लेकर। विज्ञान के साथ ही आध्यात्म में विश्वास को लेकर। लोग इन्हें सैल्यूट कर रहे हैं। ये शख्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरंग के मामलों का जानकार है। ये शख्स हैं ऑस्ट्रेलिया के आर्नोल्ड डिक्स।

​माथे पर चंदन टीका, वो विदेशी इंजीनियर जो सुरंग में 41 जानें बचाने उतरा फिर पूरे भारत में छा गया
बातों में विश्वास झलकता दिखाई दे रहा है

आर्नोल्ड को जब आप बात करते देखते हैं तो यह शख्स बेहद ही जमीन से जुड़ा दिखता है। वे मुश्किल परिस्थितियों में संयमित रहना जानते हैं। उनकी भाषा से लेकर बॉडी लैंग्वेज से यह साफ झलकता है। बातों में ऐसा आत्मविश्वास और भरोसा की सामने वाले को सहज ही यकीन हो जाए। आर्नोल्ड बेहद ही गूढ़ और सुंदर शब्दों में अपनी बात को रखते हैं। उनकी बातचीत में शब्दों की कला साफ झलकती है। वे एक कुशल वक्ता की तरफ सटीक और चित्रात्मक शब्दों का चयन कर बात को रखते हैं। वह जब मजदूरों के सुरंग में फंसे होने और पहाड़ के व्यवहार का जिस मानवीकरण के साथ प्रस्तुत करते हैं वो अपने आप में अनोखा है। आपने पहाड़ को मुस्कुराते हुए देखा है? आर्नोल्ड के शब्दों में आप इसे सुन सकते हैं। इस वीडियो को आप सोशल मीडिया पर देख सकते हैं। विज्ञान के साथ ही आर्नोल्ड का आध्यात्म में भी पूरा यकीन है। उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के लिए जब पूरा देश दुआएं कर रहा था। उसके साथ ही आर्नोल्ड भी सुरंग के बाहर एक मंदिर के बाहर सिर झुकाए बैठे हुए थे। ये मंदिर था बौखनाग बाबा की परम्परागत कृपा हूई जब सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकल कर आए तो आर्नोल्ड ने फिर से बाबा बौखनाग का आभार जताने के लिए फिर उनकी शरण में जा पहुंचे। ऑपरेशन पूरा होने का बाद आर्नोल्ड ने कहा कि क्या आपने देखा नहीं कि यह बडा ही चमत्कार हुआ है।

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